Skip to main content

Posts

"चंद रोज गीत मेरे घर पे ही रिकॉर्ड हुआ था पल्लवी जोशी की आवाज़ में" - संगीतकार रोहित शर्मा

एक मुलाकात ज़रूरी है (12) शि प ऑफ़ थिसियस और बुद्धा इन ए ट्रेफिक जैम जैसी फिल्मों के संगीतकार, और स्वांग ग्रुप के सदस्य रोहित शर्मा हैं आज के हमारे ख़ास मेहमान, कार्यक्रम एक मुलाकात ज़रूरी है में. फैज़ एहमद फैज़ की कालजयी रचना "चंद रोज़ और मेरी जान फ़कत चंद ही रोज़" और "ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते" जैसे गीतों के रचेता रोहित एक लिविंग लेजेंड हैं हमारे बीच. सुनिए ये ख़ास बातचीत और आनंद लें उनके स्वरबद्ध किये इन गीतों का... एक मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं, लिंक पर राईट क्लिक करें और सेव एस का विकल्प चुनें

नदी जो झील बन गई - सौरभ शर्मा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में उन्हीं की मार्मिक कथा " अम्मा " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, सौरभ शर्मा की कथा नदी जो झील बन गई , अनुराग शर्मा के स्वर में। पुनर्जन्म लेते एक नगर की मार्मिक कथा को दो मित्रों के पत्राचार के माध्यम से सौरभ ने बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। रायपुर (छत्तीसगढ) निवासी सौरभ शर्मा साहित्यिक अभिरुचि वाले एक युवा पत्रकार हैं। आज के समय में उनके जैसे सरल और सच्चे लोग आम नहीं होते हैं। आप उनसे उनके ब्लॉग मैं और मेरा परिवेश पर मिल सकते हैं। इस कहानी नदी जो बन गई झील का गद्य सेतु मासिक पत्रिका पर पढा जा सकता है। कहानी का कुल प्रसारण समय 18 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं

राग कल्याण अथवा यमन : SWARGOSHTHI – 271 : RAG KALYAN OR YAMAN

स्वरगोष्ठी – 271 में आज मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन – 4 : मुकेश और राग यमन के स्वर ‘भूली हुई यादों मुझे इतना न सताओ...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला – ‘मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन’ की चौथी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपने साथी सुजॉय चटर्जी के साथ आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह श्रृंखला आप तक पहुँचाने के लिए हमने फिल्म संगीत के सुपरिचित इतिहासकार और ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी का सहयोग लिया है। हमारी यह श्रृंखला फिल्म जगत के चर्चित संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित गीतों पर केन्द्रित है। श्रृंखला के प्रत्येक अंक में हम मदन मोहन के स्वरबद्ध किसी राग आधारित गीत की चर्चा और फिर उस राग की उदाहरण सहित जानकारी दे रहे हैं। श्रृंखला की चौथी कड़ी में आज हमने राग कल्याण अथवा यमन के स्वरों पर आधारित मदन मोहन का स्वरबद्ध किया, फिल्म ‘संजोग’ का एक गीत चुना है। इस गीत को पार्श्वगायक मुकेश ने स्वर दिया है। मदन मोहन के स्वरबद्ध बहुत कम गीतों को गायक मुके