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"प्रीतम दा के साथ काम करना मेरे लिए कोई 'इतनी सी बात' नहीं" - गीतकार मनोज यादव

एक मुलाकात ज़रूरी है (10) व र्ष २०१६ के पहले ४ महीने में ही "हुआ है आज पहली बार", "मुर्रब्बा" और "इतनी सी बात है" जैसे हिट गीतों के रचनाकार मनोज यादव है आज के हमारे ख़ास मेहमान, कार्यक्रम एक मुलाकात ज़रूरी है में. सुनिए और जानिए क्या है मनोज यादव की कहानी इस सफलता के पीछे की, क्यों बचपन में मनोज हर फूल की चड्डी ढूंढें करते थे, क्यों रहा प्रीतम दा के साथ काम करना उनके लिए इतना ख़ास, और किन संगीतकारों के साथ काम करने के लिए लालायित हैं आज मनोज. आप इस एपिसोड को यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं.

राग भीमपलासी : SWARGOSHTHI – 269 : RAG BHIMPALASI

स्वरगोष्ठी – 269 में आज मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन – 2 : लता और मदन भैया का साथ ‘नैनों में बदरा छाए बिजली सी चमके हाय ऐसे में सजन मोहे गरवा लगाए...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर पिछले अंक से शुरू हुई हमारी श्रृंखला – ‘मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन’ की दूसरी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपने साथी सुजॉय चटर्जी के साथ सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह श्रृंखला आप तक पहुँचाने के लिए हमने फिल्म संगीत के सुपरिचित इतिहासकार और ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी का भी सहयोग लिया है। हमारी यह श्रृंखला फिल्म जगत के चर्चित संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित गीतों पर केन्द्रित है। श्रृंखला के प्रत्येक अंक में हम मदन मोहन के स्वरबद्ध किसी राग आधारित गीत की और फिर उस राग की जानकारी दे रहे हैं। श्रृंखला की दूसरी कड़ी में आज हमने राग भीमपलासी में उनका स्वरबद्ध किया, फिल्म ‘मेरा साया’ का एक गीत चुना है। इस गीत को पार्श्वगायिका लता मंगेशकर ने स्वर दिया है। इस गीत को चुनने का एक कारण यह भी है

"गाता रहे मेरा दिल...", क्यों फ़िल्म के बन जाने के बाद इस गीत को जोड़ा गया?

एक गीत सौ कहानियाँ - 81   ' गाता रहे मेरा दिल... '   रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 81-वीं कड़ी में आज जानिए 1966 की मशहूर फ़िल्म ’गाइड’ के मशहूर गीत "गाता रहे मेरा दिल..." के बारे में जिसे किशोर