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उषा छाबड़ा की लघुकथा बचपन का भोलापन

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उन्हीं की हिन्दी लघुकथा " खिलखिलाहट " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उषा छाबड़ा की एक लघुकथा " बचपन का भोलापन ", उन्हीं के स्वर में। इस लघुकथा "बचपन का भोलापन" का टेक्स्ट उनके ब्लॉग अनोखी पाठशाला पर उपलब्ध है। उषा जी साहित्यिक अभिरुचि वाली अध्यापिका हैं। वे पिछले उन्नीस वर्षों से दिल्ली पब्लिक स्कूल ,रोहिणी में अध्यापन कार्य में संलग्न हैं। उन्होंने कक्षा नर्सरी से कक्षा आठवीं तक के स्तर के बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तकें एवं व्याकरण की पुस्तक श्रृंखला भी लिखी हैं। वे बच्चों एवं शिक्षकों के लिए वर्कशॉप लेती रहती हैं। बच्चों को कहानियाँ सुनाना उन्हें बेहद पसंद है। उनकी कविताओं की पुस्तक "ताक धिना धिन" और उस पर आधारित ऑडियो सीडी प्रकाशित हो चुकी हैं। आप उनकी आवाज़ में पंडित सुदर्शन की कालज

सरोद और अमजद अली : SWARGOSHTHI – 240 : SAROD & AMJAD ALI

स्वरगोष्ठी – 240 में आज संगीत के शिखर पर – 1 : सरोद वादन सरोद वादन में अप्रतिम उस्ताद अमजद अली खाँ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से आरम्भ हो रही हमारी नई श्रृंखला – ‘संगीत के शिखर पर’ की पहली कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीतानुरागियों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय संगीत की विभिन्न विधाओं में शिखर पर विराजमान व्यक्तित्व और उनकी प्रस्तुतियों की चर्चा करेंगे। संगीत गायन और वादन की विविध लोकप्रिय शैलियों में किसी एक शीर्षस्थ कलासाधक का चुनाव कर उनके व्यक्तित्व और उनकी कृतियों को प्रस्तुत करेंगे। आज श्रृंखला की पहली कड़ी में हम अत्यन्त लोकप्रिय तंत्रवाद्य सरोद और इसके विश्वविख्यात वादक उस्ताद अमजद अली खाँ के व्यक्तित्व तथा कृतित्व की संक्षिप्त चर्चा करेंगे और उनका बजाया राग श्याम कल्याण, कामोद और भैरवी की रचनाएँ सुनेगे। सं गीत रत्नाकर’ ग्रन्थ के अनुसार भारतीय संगीत के वाद्ययंत्रों को चार मुख्य वर्ग- तत्, सुषिर, अवनद्ध और घन में बांटा गया है। जिन वाद्यों में ताँत या तार

"एक राधा एक मीरा..." - इसी गीत के दम पर लिखी गई थी ’राम तेरी गंगा मैली’ की कहानी

एक गीत सौ कहानियाँ - 68   'एक राधा एक मीरा...'   रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 68-वीं कड़ी में आज श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं आशा फ़िल्म जगत के सुप्रसिद्ध गीतकार, संगीतकार व गायक रवीन्द्र जैन को जिनका 9 अक्टुबर 2015 को