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सिने पहेली – 80 - गीत अपने धुन पराई

सिने पहेली – 80     दोस्तों सिने पहेली के आठवें सेगमेंट की अंतिम कड़ी में सभी प्रतियोगियों का स्वागत है.   हिन्दी संगीतकारों पर अकसर आरोप लगता है कि वो विदेशी गानों से धुनें चुरा कर संगीत रचते हैं. हिन्दी संगीतकार इसे प्रेरणा का नाम देते हैं.  आज की  पहेली इसी पर आधारित है. हम आपको कुछ विदेशी गाने सुनाएँगे. आपको  इन विदेशी गानों को  पहचानना है और साथ ही वह हिन्दी फ़िल्मी गीत जो इन गानों  से प्रेरित है.  विदेशी गाने के लिए 1 अंक और हिन्दी गाने के लिए 1 अंक. हर सवाल के 2 अंक हैं और इस तरह यह अंक 20 अंको का है.  इस बार के सरताज विजेता हैं प्रकाश गोविन्द जी. बहुत बहुत बधाई आपको. अभी तक  प्रकाश जी बढ़त बनाये हुए हैं लेकिन पंकज मुकेश जी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं. अगले अंक में हमें इस सेगमेंट का विजेता मिल जायेगा.  आ ज की पहेली के लिए आप सबको शुभकामनाएँ। इस बार के प्रतियोगियों के अंक आप सवालों के बाद देख सकते हैं। इस अंक से प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी भी कुछ देर नहीं हुई है

भरपूर नाच गाना और धमाल है 'फटा पोस्टर निकला हीरो' में

रा ज कुमार संतोषी के निर्देशन में आ रहे हैं शहीद कपूर और इलियाना डी'क्रूस लेकर फिल्म फटा पोस्टर निकला हीरो . फिल्म में संगीत का जिम्मा संभाला है प्रीतम और अमिताभ भट्टाचार्य की सफल जोड़ी ने जिनके हौसले  ये जवानी है दीवानी   के बाद बुलंदी पर होंगें. आईये तफ्तीश करें इस ताज़ा एल्बम के संगीत की और देखें कि क्या कुछ है नया इस पेशकश में.  मिका कभी भी प्रीतम के साथ दगा नहीं करते, जब भी प्रीतम ऐसे गीत बनाते हैं जहाँ सब कुछ गायक की क्षमता पर निर्भर हो वो मिका को चुनते हैं और हर बार की तरह मिका ने पहले गीत तू मेरे अगल बगल है में अपना चिर परिचित मस्तानगी भरी है, धुन बहुत ही कैची है. शब्द भी उपयुक्त ही हैं, पर अंगेजी शब्दों की भरमार है.  मैं रंग शरबतों का  प्रीतम मार्का गीत है. जिसके दो संस्करण हैं. एक आतिफ असलम तो एक अरिजीत की आवाज़ में. मधुर रोमांटिक गीत है. कोरस का इस्तेमाल सुन्दर है.  बेनी दयाल और और शेफाली की आवाजों में हे मिस्टर डी जे   एक ताज़ा हवा के झोंके जैसा है, जहाँ शेफाली की आवाज़ कमाल का समां रचती है. प्रीतम दा यहाँ पूरी तरह फॉर्म में है. नई ऊर्जा, नई ध्वनियाँ इ

आशा भोसले की 81वीं जयन्ती पर विशेष

स्वरगोष्ठी – 136 में आज रागों में भक्तिरस – 4 राग दरबारी और भक्तिगीत : 'तोरा मन दर्पण कहलाए...'   ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की चौथी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब संगीत-प्रेमियों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान रागों और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। श्रृंखला के आज के अंक में हम आपसे एक ऐसे राग पर चर्चा करेंगे जो भक्तिरस के साथ-साथ श्रृंगाररस का सृजन करने में भी समर्थ है। आज हम आपसे राग दरबारी कान्हड़ा के भक्ति-पक्ष पर चर्चा करेंगे और इसके साथ ही सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका आशा भोसले की आवाज़ में, राग दरबारी पर आधारित, फिल्म ‘काजल’ से एक बेहद लोकप्रिय भक्तिगीत प्रस्तुत करेंगे। यह भी संयोग है कि आज ही आशा भोसले का 81वाँ जन्मदिवस है। इसके अलावा आज की कड़ी में आप विश्वविख्यात संगीतज्ञ पण्डित जसराज से राग दरबारी कान्हड़ा में निबद्ध एक भक्तिगीत सुनेंगे।  सं गीत के क्षेत