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सुदर्शन प्रियदर्शिनी की कहानी "देशांतर"

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट काजल कुमार की व्यंग्यात्मक लघुकथा " एक था गदहा " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सुदर्शन प्रियदर्शिनी की भावनात्मक कहानी देशांतर जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "देशांतर" का कुल प्रसारण समय 19 मिनट 26 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। महादेवी पुरस्कार व ओहायो गवर्नर मीडिया पुरस्कार से सम्मानित तथा देश-विदेश में प्रकाशित डॉ. सुदर्शन प्रियदर्शिनी ने वर्षों तक हिन्दी अध्यापन करने के अतिरिक्त रेडियो और टीवी के लिए कार्यक्रमों का निर्माण भी किया है। वे क्लीवलैंड, ओहायो में रहती हैं। ह

थोडा रोमांस तो थोडा मसाला, भैया रे भैया रमैया वस्तावैया

ताज़ा  सुर ताल - रमैया वस्तावैया प्र भु देवा के निर्देशन से सजी रमैया वस्तावैया  शीर्षक को सुनते ही श्री ४२०  के उस हिट गीत की याद बरबस ही आ जाती है जिसमें रफ़ी, लता और मुकेश के स्वरों शंकर जयकिशन की धुन का सहारा मिला था, और जिसे गीत को आज भी संगीत प्रेमी चाव से सुनते हैं. तेलुगु भाषा में इस शब्द युग्म का अर्थ होता है - रमैया, क्या तुम आओगे ? यानी किसी प्रेमी के वापस लौटने का इन्तेज़ार, शायद यहाँ भी कहानी में कोई ऐसा ही पेच हो, खैर हम बात करते हैं फिल्म के संगीत एल्बम की, संगीत है सचिन जिगर का जिनके हाल ही में प्रदर्शित गो गोवा गोन  के दो गीतों की खासी लोकप्रियता हासिल हुई है. साथ ही चर्चा करेंगें हम गायक आतिफ असलम के संगीत सफर और सचिन जिगर के नए अंदाज़ की भी.  पाकिस्तानी फनकार आतिफ असलम एक गायक होने के साथ साथ अभिनेता भी हैं, और उनकी फ़िल्मी शुरुआत भी एक गायक अभिनेता के रूप में फिल्म बोल  से हुई (अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी हो तो अवश्य देखिये), हालाँकि इससे पहले वो अपनी एल्बम जलपरी से मशहूर हो चुके थे. और उनकी दूसरी एल्बम दूरी  और भी हिट साबित हुई थी. पिछले साल तेरे नाल लव

पारम्परिक ठुमरी भैरवी का मोहक फिल्मी रूप

    स्वरगोष्ठी – 124 में आज भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति – 4 राग भैरवी की रसभरी ठुमरी- ‘बाट चलत नई चुनरी रंग डारी श्याम...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति’ की यह चौथी कड़ी है और इस कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-रसिकों का एक बार पुनः हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज हम आपसे एक अत्यन्त लोकप्रिय पारम्परिक ठुमरी के फिल्मी स्वरूप पर चर्चा करेंगे। राग भैरवी की पारम्परिक ठुमरी- ‘बाट चलत नई चुनरी रंग डारी श्याम...’ का प्रयोग दो फिल्मों, लड़की (1953) और रानी रूपमती (1959) में किया गया था। आज के अंक में हम आपसे इस ठुमरी के पारम्परिक स्वरूप, फिल्म लड़की में गायिका गीता दत्त की प्रस्तुति और फिल्म के संगीतकार धनीराम की चर्चा करेंगे। इसके साथ ही हम सुप्रसिद्ध गायक पण्डित अजय चक्रवर्ती के स्वरों में इस ठुमरी का शास्त्रीय और उपशास्त्रीय प्रयोग भी सुनेंगे। 1953 में विख्यात फिल्म निर्माण संस्था ए.वी.एम. की फिल्म ‘लड़की’ का प्रदर्शन हुआ था। यह फिल्म उत्कृष्ठ स्तर के संगीत के

सिने-पहेली # 67

सिने-पहेली # 6 7 ' रेडियो प्लेबैक इण्डिया ' के साप्ताहिक कार्यक्रम सिने पहेली के 67 वें अंक में सभी श्रोता-पाठकों को अमित तिवारी का नमस्कार और स्वागत!   सिने पहेली के 66 वें अंक के  सवाल नम्बर 2 ने काफी कठिनाई पैदा करी. पंकज मुकेश जी को छोड़कर कोई भी सही जवाब तक नहीं पहुँच पाया. पिछले अंक में शानदार खेलने वाले महेश जी इस बार कहाँ रह गए. प्रकाश जी ने बढ़त बना रखी है. यह जानना बड़ा ही रोचक होगा कि क्या कोई उन्हें टक्कर दे पाता है क्या? इस बार कोई भी प्रतियोगी पूर्ण अंक प्राप्त नही कर पाया. बहरहाल दाद देनी होगी आप सबकी कि सबके सब मैदान में डटे हुए हैं. चलिए इस बार देखते हैं कि कौन प्रतियोगी पूर्ण अंक प्राप्त कर पाता है. आप सभी को रेडियो प्लेबैक इण्डिया टीम की और से शुभकामनाएँ. पिछली पहेली के उत्तर नीचे दिए गए हैं .  चलिए, अब तैयार हो जाइए अपने-अपने फ़िल्मी ज्ञान को आज़माने के लिए, अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालने के लिए और हम शुरू करते हैं एक और नयी ताज़ा पहेली. आज से इस प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी