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पाँचवें प्रहर के कुछ आकर्षक राग

स्वरगोष्ठी – 107 में आज राग और प्रहर – 5 शाम के अन्धकार को प्रकाशित करते राग ‘स्वरगोष्ठी’ के 107वें अंक में, मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का इस मंच पर हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, पिछले रविवार को इस स्तम्भ का अगला अंक मैं अपनी पारिवारिक व्यस्तता के कारण प्रस्तुत नहीं कर सका था। आज के अंक में हम प्रस्तुत कर रहे हैं, पाँचवें प्रहर के कुछ मधुर रागों में चुनी हुई रचनाएँ। तीन-तीन घण्टों की अवधि में विभाजित दिन और रात के चौबीस घण्टों को आठ प्रहरों के रूप में पहचाना जाता है। इनमें पाँचवाँ प्रहर अर्थात रात्रि का पहला प्रहर, सूर्यास्त के बाद से लेकर रात्रि लगभग नौ बजे तक की अवधि को माना जाता है। इस प्रहर में गाये-बजाए जाने वाले राग गहराते अन्धकार में प्रकाश के विस्तार की अनुभूति कराते हैं। आज के अंक में हम ऐसे ही कुछ रागों पर आपसे चर्चा करेंगे। पाँ चवें प्रहर के रागों में आज हम सबसे पहले राग कामोद पर चर्चा करेंगे। कल्याण थाट और कल्याण अंग से संचालित होने वाले इस राग को कुछ विद्वान काफी थाट के अंतर्गत भी मानते हैं। औड़व-सम्पूर्ण जाति

'सिने पहेली' में आज गीत अपना धुन पराई

9 फ़रवरी, 2013 सिने-पहेली - 58  में आज   पहचानिये कुछ प्रेरित गीतों को 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, पिछले दिनों मैं चण्डीगढ़ से नोएडा स्थानान्तरित हुआ हूँ और नया आलम ऐसा है कि दफ़्तर की व्यस्तता कुछ हद से ज़्यादा ही बढ़ गई है। जैसा कि शायद आज हर निजी कंपनी में होता होगा कि काम का दबाव बहुत ज़्यादा है, जो व्यक्तिगत जीवन पर असर डाल रही है। बच्चे के साथ खेलने का समय नहीं मिलता, पत्नी से दो बातें कहने बैठें तो फ़ोन की घण्टी बज उठती है और लैपटॉप ऑन करके दफ़्तर के काम में लग जाना पड़ता है। इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में जहाँ थकना मना है, शुकर है 'सिने पहेली' मेरे साथ है जिसे आयोजित करते हुए मेरी सारी थकान दूर हो जाती है। आइए शुरू करें आज की 'सिने पहेली'।: आज की पहेली :  अरे दीवानों, इन्हे पहचानो नीचे पाँच विदेशी गीतों के ऑडियो-विडियो दिये गये हैं। क्या आप बता सकते हैं कि इनकी धुनों से प्रेरित हिन्दी फ़िल्मी गीत कौन कौन से हैं? यानी आपको हर विदेशी गीत के लिए एक हिन्दी फ़िल्

राग चारुकेशी - एक चर्चा संज्ञा टंडन के साथ

प्लेबैक इंडिया ब्रोडकास्ट  राग चारुकेशी  स्वर एवं प्रस्तुति : संज्ञा टंडन  स्क्रिप्ट - कृष्णमोहन मिश्र