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कवयित्री सीमा गुप्ता ने देखी फिल्म 'साहब बीवी और गुलाम'

स्मृतियों के झरोखे से : भारतीय सिनेमा के सौ साल -25 मैंने देखी पहली फिल्म   भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित विशेष अनुष्ठान- ‘स्मृतियों के झरोखे से’ में आप सभी सिनेमा प्रेमियों का हार्दिक स्वागत है। गत जून मास के दूसरे गुरुवार से हमने आपके संस्मरणों पर आधारित प्रतियोगिता ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ का आयोजन किया है। इस स्तम्भ में हमने आपके प्रतियोगी संस्मरण और रेडियो प्लेबैक इण्डिया के संचालक मण्डल के सदस्यों के गैर-प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत किये हैं। आज के अंक में हम कवयित्री सीमा गुप्ता का प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत कर रहे हैं। सीमा जी ने अपने बचपन में देखी, भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से अंकित फिल्म ‘साहब बीवी और गुलाम’ की चर्चा की है। फिल्म देख कर औरत का दर्द महसूस हुआ जिसे मीनाकुमारी जी ने परदे पर साकार किया ‘मैं ने देखी पहली फिल्म’ प्रतियोगिता के कारण आज बरसों के बाद बचपन के झरोखों में फिर से जाकर पुरानी धुँधली हो चुकी तस्वीरों से रूबरू होने का मौका मिला है। बचपन कब बीत गया, कब सब पीछे रह गया, प

राग जौनपुरी और बातें बीन की - एक चर्चा संज्ञा टंडन के साथ

प्लेबैक इंडिया ब्रोडकास्ट 21  नमस्कार दोस्तों, आज के इस साप्ताहिक ब्रोडकास्ट में हम आपके लिए लाये हैं राग जौनपुरी की चर्चा और बातें बीन की. प्रस्तुति है आपकी प्रिय होस्ट संज्ञा टंडन की, स्क्रिप्ट है कृष्णमोहन मिश्र की.

ओ हेनरी की अनोखी कलाकृति

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की आवाज़ में लोकप्रिय लेखिका रश्मि रविजा की कहानी " "कशमकश" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्राख्यात अमेरिकी कथाकार ओ हेनरी की अंग्रेज़ी कहानी "द लास्ट लीफ" का हिन्दी अनुवाद " अनोखी कलाकृति ", अर्चना चावजी की आवाज़ में। कहानी का कुल प्रसारण समय १० मिनट २४ सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।  यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “जब बिना कालर का चोर पकड़ा जाता हैं, तो उसे सबसे दुराचारी और दुष्ट कहा जाता है।” ~  ओ हेनरी हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "मिस्टर 'निमोनिया' स्त्रियों के साथ भी कोई रियायत नहीं करते थे।"  ( ओ हेनरी की "अनोखी कलाकृति" से एक अंश )