Skip to main content

Posts

स्मृतियों के झरोखे से : भारतीय सिनेमा के सौ साल – 1

रेडियो प्लेबैक इण्डिया की एक नई पहल भारतीय सिनेमा के इतिहास में दादा साहेब फालके द्वारा निर्मित मूक फिल्म ‘राजा हरिश्चन्द्र’ को भारत के प्रथम कथा-चलचित्र का सम्मान प्राप्त है। इस चलचित्र का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन 3 मई, 1913 को गिरगांव, मुम्बई स्थित तत्कालीन कोरोनेशन सिनेमा में किया गया था। इस प्रदर्शन तिथि के अनुसार भारतीय सिनेमा अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस ऐतिहासिक अवसर पर ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का भी योगदान रहेगा। आज से प्रत्येक गुरुवार को हम साप्ताहिक स्तम्भ- ‘स्मृतियों के झरोखे से : भारतीय सिनेमा के सौ साल’ आरम्भ कर रहे हैं। मास के पहले, तीसरे और पाँचवें गुरुवार को हम भारतीय फिल्म-जगत की कुछ भूली-बिसरी यादों को समेटने का प्रयत्न करेंगे तथा दूसरे और चौथे गुरुवार को हम ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ शीर्षक से आयोजित प्रतियोगिता के लिए आपकी प्रविष्टियों को शामिल करेंगे। इस नवीन श्रृंखला का आरम्भ हम ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ के पहले आलेख से कर रहे हैं। ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ का स्वरूप आपके लिए तो प्रतियोगितात्मक है किन्तु ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के संचालकों के लिए यह ग

शब्दों के चाक पर फिर संवरी कवितायेँ

शब्दों के चाक पर - एपिसोड 02 "शब्दों के चाक पर" के पहले एपिसोड को आप सब का भरपूर प्यार मिले, तो लीजिए दुगुने जोश से आज हम हाज़िर हैं इस अनूठे खेल का दूसरा एपिसोड लेकर. इस कार्यक्रम के निम्न चरण होंगें, कृपया समझ लें - 1. कार्यक्रम की क्रिएटिव हेड रश्मि प्रभा के संचालन में शब्दों का एक दिलचस्प खेल खेला जायेगा. इसमें कवियों को कोई एक थीम शब्द या चित्र दिया जायेगा जिस पर उन्हें कविता रचनी होगी...ये सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू होगा और गुरूवार शाम तक चलेगा, जो भी कवि इसमें हिस्सा लेना चाहें वो रश्मि जी से संपर्क कर उनके फेसबुक ग्रुप में जुड सकते हैं, रश्मि जी का प्रोफाईल  यहाँ  है. 2. सोमवार से गुरूवार तक आई कविताओं को संकलित कर हमारे पोडकास्ट टीम के हेड पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा जी अपने साथी पोडकास्टरों के साथ इन कविताओं में अपनी आवाज़ भरेंगें. और अपने दिलचस्प अंदाज़ में इसे पेश करेगें. 3. हर मंगलवार सुबह ९ से १० के बीच हम इसे अपलोड करेंगें आपके इस प्रिय जाल स्थल पर. अब शुरू होता है कार्यक्रम का दूसरा चरण. मंगलवार को इस पोडकास्ट के प्रसारण के तुरंत बाद से हमा

सिने-पहेली # 24 (जीतिये 5000 रुपये के इनाम)

सिने-पहेली # 24 (11 जून, 2012)  'सिने पहेली' की एक और कड़ी के साथ मैं, सुजॉय चटर्जी, हाज़िर हूँ, नमस्कार! दोस्तों, आपको याद होगा पिछले सप्ताह चिलचिलाती गरमी में थोड़ी ठंडक का अहसास करवाने के लिए 'सिने पहेली' में हमने आपसे पूछे थे बारिश के गीतों के दृश्यों पर आधारित कुछ सवाल। अब इत्तेफ़ाक़ देखिये कि इधर सोमवार को 'सिने पहेली' पोस्ट हुई और मंगलवार को ही यहाँ चण्डीगढ़ में बारिश हो गई। पारा ४४ से ३८ पर उतर आया और लोगों को गरमी से कुछ राहत मिल गई। यह तो थी इत्तेफ़ाक़ की बात, पर आप सब जो पहेलियों के जवाब लिख भेजते हैं, उसमें कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं, उसमें है आपका ज्ञान, आपकी समझदारी और सूझ-बूझ। इसी तरह की सूझ-बूझ के साथ खेलते रहिए 'सिने पहेली' और कोशिश कीजिए महाविजेता बनने की। पिछले सप्ताह 'सिने पहेली' परिवार से जुड़े हैं भोपाल के भगत सिंह पंथी । आपका स्वागत है और निवेदन करते हैं कि हर कड़ी में नियमित रूप से भाग लें। हमारे कई प्रतियोगी एक-आध अंकों में भाग लेने के बाद चुप्पी साध ली है जिनमें शुभम जैन, कृतिका, दयानिधि वत्स, इंदु पुरी गोस्वामी शामिल है