सिने-पहेली # 23 (4 जून, 2012) नमस्कार दोस्तों, मैं, सुजॉय चटर्जी, आपका ई-दोस्त, हाज़िर हूँ 'सिने पहेली' की एक और कड़ी के साथ। पिछले सप्ताह हमारी वर्ग पहेली का कॉनसेप्ट आप सभी को भाया, यह देख कर हमें भी बहुत अच्छा लगा। आप सब ने जवाबों के साथ-साथ हमारे इस प्रयास की सराहना की, इसके लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया। हमारे नियमित प्रतियोगी प्रकाश गोविंद का कहना है, "आपकी पहेलियाँ इतनी भी आसान नहीं है। 'for a change' वर्ग पहेली का कॉनसेप्ट बहुत अच्छा ही है। मुझे तो बहुत ख़ुशी है कि आप पहेली प्रोग्राम में लगातार वरायटी ला रहे हैं। अगर अधिकतर लोगों के जवाब सही हैं तो वर्ग पहेली को हल्का सा कठिन बनाने के अलावा दूसरा रास्ता ही क्या है! आपको थोड़ी और मेहनत करनी होगी.... बाकी हम लोग तो हैं ही मेहनती :) पहले आपने जो पैटर्ण रखा था वो भी अच्छा था, आप उसमें भी एक सवाल बढा सकते हैं। बहरहाल मेरे लिए सब अच्छा है और मुझे आप लोगों का यह पहेली कार्यक्रम पसंद है। आप जैसा भी कॉनसेप्ट रखेंगे, मैं स्वागत करूंगा" । उधर लखनऊ के ही अवध लाल जी का कहना है - "इस बार आपका कुछ नया