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सिने-पहेली # 18 (जीतिये 5000 रुपये के इनाम)

सिने-पहेली # 18 (30 अप्रैल, 2012)  नमस्कार दोस्तों, 'सिने पहेली' की 18-वीं कड़ी में मैं, सुजॉय चटर्जी, आप सभी का फिर एक बार स्वागत करता हूँ। दोस्तों, यह हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात है कि धीरे-धीरे 'सिने-पहेली' परिवार में नए-नए सदस्य जुड़ते जा रहे हैं, और हमारा परिवार बड़ा होता जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि आने-वाले सेगमेण्ट्स बहुत दिलचस्प होने वाले हैं। पिछले हफ़्ते कृतिका, शुभ्रा शर्मा और राजेश प्रिया हमसे जुड़े, और इस हफ़्ते दो और प्रतोयोगियों का इज़ाफ़ा हुआ है। ये हैं मुंबई के शुभम जैन और अलीगढ़ के सलमान ख़ान। आप दोनों का बहुत-बहुत स्वागत है 'सिने-पहेली' में और हम आपसे यह गुज़ारिश करते हैं कि हर एपिसोड में ज़रूर भाग लीजिएगा ताकि महाविजेता की लड़ाई में आप पीछे न रह जाएँ। महाविजेता बनने के लिए नियमितता काफ़ी मायने रखेगी। सभी नए प्रतियोगियों के लिए 'सिने पहेली' महाविजेता बनने के नियम हम एक फिर दोहरा देते हैं। हमने इस प्रतियोगिता को दस-दस कड़ियों के सेगमेण्ट्स में विभाजित किया है (वर्तमान में दूसरा सेगमेण्ट चल रहा है जिसकी आज आठवीं कड़ी है)। इस

३० अप्रैल- आज का गाना

गाना:  पिया मिलन को जाना चित्रपट: कपाल कुण्डला संगीतकार: पंकज मलिक गीतकार: पंकज मलिक   स्वर:  पंकज मलिक पिया मिलन को जाना, हां पिया मिलन को जाना जग की लाज, मन की मौज, दोनों को निभाना पिया मिलन को जाना, हां पिया मिलन को जाना काँटे बिखरा के चलूं, पानी ढलका के चलूं \- २ सुख के लिये सीख रखूं \- २ पहले दुख उठाना, पिया मिलन को जाना ... (पायल को बांध के \- २), उठी चुभ नाग के (?) पायल को बांध के धीरे\-धीरे दबे\-दबे पावों को बढ़ाना पिया मिलन को जाना ... बुझे दिये अंधेरी रात, आँखों पर दोनों हाथ \- २ कैसे कटे कठिन बाट \- २ चल के आज़माना, पिया मिलन को जाना हां पिया मिलन को जाना, जाना पिया मिलन को जाना, जाना पिया मिलन को जाना, हां पिया मिलन को जाना

94वें जन्मदिवस पर सुर-गन्धर्व मन्ना डे को स्वरांजलि

स्वरगोष्ठी – ६८ में आज स्वर-साधक मन्ना डे और राग दरबारी हिन्दी फिल्मों में १९४३ से २००६ तक सक्रिय रहने वाले पार्श्वगायक मन्ना डे फिल्म-संगीत-क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ठ स्तर की गायकी के लिए हमेशा याद किए जाएँगे। फिल्मों में राग आधारित गीतों की सूची में उनके गाये गीत शीर्ष पर हैं। १ मई, २०१२ को मन्ना दा अपनी आयु के ९३ वर्ष पूर्ण कर ९४वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। इस उपलक्ष्य में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हम उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की प्रार्थना करते हुए उन्हें जन्म-दिवस पर बधाई देते हैं। ‘स्व रगोष्ठी’ के एक नए अंक में मैं, कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का, एक बार फिर हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज की और अगले सप्ताह की गोष्ठी में हम फिल्म-जगत के सुप्रसिद्ध पार्श्व-गायक मन्ना डे को उनके जन्म-दिवस के अवसर पर, उन्हीं के गाये गीतों से अपनी शुभकामनाएँ अर्पित करेंगे। आज के अंक में हम उनके राग-आधारित गाये असंख्य गीतों में से राग दरबारी कान्हड़ा के तीन श्रेष्ठ गीत सुनवाने जा रहे हैं। परम्परागत भारतीय संगीत में राग दरबारी का जो स्वरूप बना हुआ है, आज की प्रस्तुतियों में आपको