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४ मार्च - आज का गाना

गाना: हाँ दीवाना हूँ मैं चित्रपट: सारंगा संगीतकार: सरदार मलिक गीतकार: भरत व्यास स्वर: मुकेश हाँ दीवाना हूँ मैं - 2 गम का मारा हुआ इक बेगाना हूँ मैं हाँ दीवाना हूँ मैं मांगी खुशियाँ मगर गम प्यार मिला में दर्द ही भर दिया दिल के हर तार में आज कोई नहीं मेरा संसार में छोड़ कर चल दिए मुझको मझदार में हाय तीर - ए - नज़र का निशाना हूँ मैं हाँ दीवाना हूँ मैं मैं किसी का नहीं कोई मेरा नहीं इस जहाँ में कहीं भी बसेरा नहीं मेरे दिल का कहीं भी अँधेरा नहीं मेरे इस शाम का है सवेरा नहीं हाय भुला हुआ एक फ़साना हूँ मैं हाँ दीवाना हूँ मैं

अधूरी रह गयी जिनकी कहानियाँ - सपूर्ण एपिसोड्स

रेडियो प्लेबैक इंडिया का पहला ब्रोडकास्टिंग प्रोग्राम "अधूरी रह गयी जिनकी कहानियाँ" पेशे नज़र है, इस कार्यक्रम के माध्यम से हम याद कर रहे हैं कुछ ऐसे कलाकारों को जिनकी सफर बीच राह में ही खत्म हो गया. सुनिए और अपनी राय हम तक पहुंचाएं

३ मार्च - आज का गाना

गाना:  हम जो चलने लगे चित्रपट: जब वी मेट संगीतकार: प्रीतम चक्रवर्ती गीतकार: इर्शाद कामिल स्वर: शान और उस्ताद सुल्तान खान हम जो चलने लगे चलने लगे हैं ये रास्ते हाँ...हाँ... मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते - 2 आओ खो जाये हम हो जाये हम यूँ लापता आओ मीलों चलें जहा कहाँ ना हो पता हम जो चलने लगे चलने लगे हैं ये रास्ते हाँ...हाँ... मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते बैठे बैठे ऐसे कैसे कोई रास्ता नया सा मिले तू भी चले मैं भी चलूँ होंगे कम ये तभी फासले -2 आओ तेरा मेरा ना हो किसी से वास्ता आओ मिलो चले जाना कहाँ ना हो पता हम जो चलने लगे चलने लगे हैं ये रास्ते हाँ...हाँ... मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते आँखें खोले नींदें बोले जाने कैसी जगी बेखुदी यहाँ वहाँ देखो कहाँ लेके जाने लगी बेखुदी -2 आओ मिल जाये ना होगा जहाँ पे रास्ता आओ मीलो चलें जाना कहाँ ना हो पता हम जो चलने लगे चलने लगे हैं ये रास्ते हाँ...हाँ... मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते