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२ फरवरी - आज का गाना

गाना:  गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा चित्रपट: चितचोर संगीतकार: रवीन्द्र जैन गीतकार:  रवीन्द्र जैन गायक: येसुदास गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा मैं तो गया मारा, आके यहाँ रे उस पर रूप तेरा सादा चंद्रमा ज्यों आधा, आधा जवान रे गोरी तेरा गाँव... जी करता है मोर के पावं में पायलिया पहना दूं कूहु कूहु गाती कोयलिया को फूलों का गहना दूँ यहीं घर अपना बनाने को पंछी करे देखो तिनके जमा रे, तिनके जमा रे गोरी तेरा गाँव... रंग बिरंगे फूल खिले हैं लोग भी फूलों जैसे आ जाए एक बार यहाँ जो जाएगा फिर कैसे झर झर झरते हुए झरने, मन को लगे हरने ऐसा कहाँ रे, ऐसा कहाँ रे गोरी तेरा गाँव... परदेसी अंजान को ऐसे कोई नहीं अपनाता तुम लोगों से जुड़ गया जैसे जनम जनम का नाता अपनी धुन में मगन डोले लोग यहाँ बोले दिल की ज़ुबान रे, दिल के ज़ुबान रे गोरी तेरा गाँव बड़ा...

"जब से पी संग नैना लागे" - क्यों लता नहीं गा सकीं ओ.पी.नय्यर के इस पहले पहले कम्पोज़िशन को

लता मंगेशकर और ओ.पी.नय्यर के बीच की दूरी फ़िल्म-संगीत जगत में एक चर्चा का विषय रहा है। आज इसी ग़लतफ़हमी पर एक विस्तारित नज़र ओ.पी.नय्यर की पहली फ़िल्म 'आसमान' के एक गीत के ज़रिए सुजॉय चटर्जी के साथ, 'एक गीत सौ कहानियाँ' की पाँचवी कड़ी में... एक गीत सौ कहानियाँ # 5 स्वर्ण-युग के संगीतकारों में बहुत कम ऐसे संगीतकार हुए हैं जिनकी धुनों पर लता मंगेशकर की आवाज़ न सजी हो। बल्कि यूं भी कह सकते हैं कि हर संगीतकार अपने गानें लता से गवाना चाहते थे। ऐसे में अगर कोई संगीतकार उम्र भर उनसे न गवाने की क़सम खा ले, तो यह मानना ही पड़ेगा कि उस संगीतकार में ज़रूर कोई ख़ास बात होगी, उसमें ज़रूर दम होगा। ओ.पी. नय्यर एक ऐसे ही संगीतकार हुए जिन्होने कभी लता से गाना नहीं लिया। अपनी पहली पहली फ़िल्म के समय ही किसी मनमुटाव के कारण जो दरार लता और नय्यर के बीच पड़ी, वह फिर कभी नहीं भर सकी। लता और नय्यर, दोनों से ही लगभग हर साक्षात्कार में यह सवाल ज़रूर पूछा जाता रहा है कि आख़िर क्या बात हो गई थी कि दोनों नें कभी एक दूसरे की तरफ़ क़दम नहीं बढ़ाया, पर हर बार ये दोनों असल बात को टालते रहे हैं

१ फरवरी - आज का गाना

गाना:  पहली तारीख है चित्रपट: पहली तारीख संगीतकार: सुधीर फड़के गीतकार:  कमर जलालाबादी गायक: किशोर कुमार दिन है सुहाना आज पहली तारीख है दिन है सुहाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है बीवी बोली घर ज़रा जल्दी से आना, जल्दी से आना शाम को पियाजी हमें सिनेमा दिखाना, हमें सिनेमा दिखाना करो ना बहाना हाँ बहाना बहाना करो ना बहाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है किस ने पुकारा रुक गया बाबू लालाजी की जाँ आज आया है काबू आया है काबू ओ पैसा ज़रा लाना लाना लाना ओ पैसा ज़रा लाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है बंदा बेकार है क़िसमत की मार है सब दिन एक है रोज़-ए-ऐतबार है मुझे ना सुनाना हाँ सुनाना सुनाना मुझे ना सुनाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है दफ़्तर के सामने आए मेहमान हैं बड़े ही शरीफ़ हैं पुराने मेहरबान हैं बड़े ही शरीफ़ हैं पुराने मेहरबान हैं अरे जेब को बचाना बचाना बचाना जेब