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१ फरवरी - आज का गाना

गाना:  पहली तारीख है चित्रपट: पहली तारीख संगीतकार: सुधीर फड़के गीतकार:  कमर जलालाबादी गायक: किशोर कुमार दिन है सुहाना आज पहली तारीख है दिन है सुहाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है बीवी बोली घर ज़रा जल्दी से आना, जल्दी से आना शाम को पियाजी हमें सिनेमा दिखाना, हमें सिनेमा दिखाना करो ना बहाना हाँ बहाना बहाना करो ना बहाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है किस ने पुकारा रुक गया बाबू लालाजी की जाँ आज आया है काबू आया है काबू ओ पैसा ज़रा लाना लाना लाना ओ पैसा ज़रा लाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है बंदा बेकार है क़िसमत की मार है सब दिन एक है रोज़-ए-ऐतबार है मुझे ना सुनाना हाँ सुनाना सुनाना मुझे ना सुनाना आज पहली तारीख है खुश है ज़माना आज पहली तारीख है पहली तारीख अजी पहली तारीख है दफ़्तर के सामने आए मेहमान हैं बड़े ही शरीफ़ हैं पुराने मेहरबान हैं बड़े ही शरीफ़ हैं पुराने मेहरबान हैं अरे जेब को बचाना बचाना बचाना जेब

ब्लोग्गर्स चोईस में आज रश्मि प्रभा के साथ हैं उड़न तश्तरी वाले समीर लाल

चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है मशहूर ब्लौगर, सहज व्यक्तित्व वाले समीर जी. भारत से कनाडा, कनाडा से भारत - जीने की अदभुत क्षमता है इनमें. नेट एक नशा है लोगों के लिए... इनके लिए है नेट भारत से जुड़े रहने का सुखद एहसास. मित्रों की भरमार, हितैषियों की भरमार, चाहनेवालों की भरमार. बहुत कुछ कहती है इनकी कलम, आज इनकी पसंद के गीत बहुत कुछ कहेंगे ... ५ गीतों का चयन लाखों गीतों में से आसान तो नहीं ही है...आसान बस इतना है कि जो पहले कौंध जाए. कौंधने में भी जीवन के हर मुकाम हैं - आइये बैठ जाइये घेरकर, सुनते हैं समीर जी की पसंद .............. जिन्दगी के अलग अलग अनुभवों से गुजरते, समय बेसमय तरह तरह के आयाम उस वक्त विशेष से एक गीत को पसंद करवाते रहे और आज उन्हीं प्यारे नगमों को सुन उन वक्तों और लम्हों को याद करना दिल को खठ्ठी मीठी यादों की तराई में ले जाकर एक अहसास छोड़ जाता है. जिन्दगी यूँ भी कभी खुशी कभी गम है...मगर ये मुए गम, देर तक भुलाये नहीं भूलते और छा जाते हैं खुशियों भरी यादों पर कोहरा बन कर......यही तो खेल है असल जिन्दगी का. लीजिये सुनिए मेरी ५ पसंद - शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा..

३१ जनवरी- आज का गाना

गाना:  ये दुनिया वाले पूछेंगे चित्रपट: महल संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी गीतकार:  आनंद बक्षी गायिका,गायक: आशा भोंसले, किशोर कुमार ये दुनिया वाले पूछेंगे ये दुनिया वाले पूछेंगे मुलाक़ात हुई क्या बात हुई ये बात किसी से ना कहना ये दुनिया वाले पूछेंगे मुलाक़ात हुई क्या बात हुई ये बात किसी से ना कहना ये दुनिया वाले पूछेंगे हो,ये बात अगर कोई पूछे क्यों नैन तेरे झुक जाते हैं तुम कहना इनकी आदत है ये नैन यूँ ही शरमाते हैं तुम लोगों से ये ना कहना साँवरिया से लागे नैना साँवरिया से लागे नैना ये दुनिया वाले पूछेंगे हो,मैं तो ये राज़ छुपा लूंगी तुम कैसे दिल को सम्भालोगे दिल क्या तुम तो दीवारों पे मेरी तस्वीर बना लोगे देखो ये काम नहीं करना मुझको बदनाम नहीं करना मुझको बदनाम नहीं करना ये दुनिया वाले पूछेंगे मुलाक़ात हुई क्या बात हुई ये बात किसी से ना कहना ये दुनिया वाले पूछेंगे हो,ये पूछेंगे वो कौन है जो चुपके सपनों में आता है ये पूछेंगे वो कौन है जो मेरे दिल को तड़पाता है तुम मेरा नाम नहीं लेना सर पे इल्ज़ाम नहीं लेना सर पे इल्ज़ाम नहीं लेना ये दुन

सिने-पहेली # 5

सिने-पहेली # 5 (30 जनवरी 2012) रेडियो प्लेबैक इण्डिया के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! दोस्तों, 'सिने-पहेली' की पाँचवी कड़ी लेकर मैं हाज़िर हूँ। यह स्तंभ आज एक महीना पूरा कर रहा है, और जिस तरह से आप सब नें इसमें भागीदारी निभाई है, हम तहे दिल से आप सभी के आभारी हैं। हम यही समझते हैं कि कोई भी स्तंभ उसके पाठकों के सहयोग और योगदान के बिना सफल नहीं हो सकता। आगे भी इसी तरह से इस स्तंभ में हिस्सा लेते रहिएगा, चाहे जवाब मालूम हो या न हो, कम से कम कोशिश तो आप ज़रूर कर सकते हैं, और यही एक सच्चे खिलाड़ी की असली पहचान है। और फिर चलिए तैयार हो जाइए आज का खेल खेलने के लिए। शुरु करते हैं आज की सिने पहेली!!! जैसा कि अब तक आप समझ ही चुके होंगे इस प्रतियोगिता को, फिर भी अपने नये श्रोता-पाठकों के लिए बता दूँ कि इसमें हर सप्ताह हम पाँच सवाल पूछते हैं, जिनका जवाब आपको हमें लिख भेजने होते हैं cine.paheli@yahoo.com के ईमेल आइडी पर। हर सप्ताह पिछले सप्ताह में पूछे गए सवालों के सही जवाबों के साथ-साथ कम से कम एक सही जवाब लिख भेजने वाले सभी प्रतियोगियों के नाम घोषित किए जात

३० जनवरी- आज का गाना

गाना:  दे दी हमें आज़ादी चित्रपट: जागृति संगीतकार: हेमंत कुमार गीतकार:  कवि प्रदीप गायिका: आशा भोंसले दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल आँधी में भी जलती रही गाँधी तेरी मशाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी ... धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई वाह रे फ़कीर खूब करामात दिखाई चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी ... रघुपति राघव राजा राम शतरंज बिछा कर यहाँ बैठा था ज़माना लगता था मुश्किल है फ़िरंगी को हराना टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना मारा वो कस के दांव के उलटी सभी की चाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी ... रघुपति राघव राजा राम जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े हिंदू और मुसलमान, सिख पठान चल पड़े कदमों में तेरी कोटि कोटि प्राण चल पड़े फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे द

पुण्य तिथि पर पण्डित विष्णु गोविन्द (वी.जी.) जोग को एक स्वरांजलि

स्वरगोष्ठी – ५५ में आज जुगल बन्दी के बादशाह वायलिन वादक पण्डित जोग   भारतीय संगीत के प्रातःकालीन रागों में एक बेहद मधुर और भक्तिरस से सराबोर राग है- अहीर भैरव। हिन्दी फिल्मों में इस राग का प्रयोग बहुत अधिक तो नहीं हुआ किन्तु जिन संगीतकारो ने इस राग का उपयोग किया , उन्होने फिल्म-संगीत-जगत को अपने सदाबहार गी तों से समृद्ध कर दिया। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सुप्रसिद्ध वायलिन वादक पण्डित वी.जी. (विष्णु गोविन्द) जोग का अत्यन्त प्रिय राग अहीर भैरव ही था। ३१ जनवरी को पण्डित जी की आठवीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर आज के अंक में हम उनके प्रिय राग ‘ अहीर भैरव ’ के माध्यम से उन्हें स्वरांजलि अर्पित कर रहे हैं।      आ ज ‘ स्वरगोष्ठी ’ में एक नए अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र , आप सभी संगीत- प्रेमियों की बैठक में उपस्थित हुआ हूँ। दोस्तों , आज की बैठक में हम सुप्रसिद्ध वायलिन वादक पण्डित वी.जी. जोग के व्यक्तित्व और कृतित्व पर उनके प्रिय राग ‘ अहीर भैरव ’ के माध्यम से चर्चा करेंगे। परन्तु चर्चा की शुरुआत हम दो ऐसे फिल्मी गीत से करेंगे , जिन्हें राग ‘ अहीर भैरव ’ के स्वरों में पिरोया ग

२९ जनवरी- आज का गाना

गाना:  मिल गए मिल गए आज मेरे सनम चित्रपट: कन्यादान संगीतकार: शंकर जयकिशन गीतकार:  हसरत जयपुरी गायिका: लता मंगेशकर मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम ऐ नज़रों ज़रा काम इतना करो ऐ नज़रों ज़रा काम इतना करो तुम मेरी मांग में आज मोती भरो तुम मेरी मांग में आज मोती भरो एक उजाला हुआ ढल गई शाम-ए-ग़म एक उजाला हुआ ढल गई शाम-ए-ग़म आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम वो कहाँ छुप रहे थे मैं हैरान थी वो कहाँ छुप रहे थे मैं हैरान थी मेरी सदियों से उनसे ही पहचान थी मेरी सदियों से उनसे ही पहचान थी ऐसे किस्से ज़माने में होते हैं कम ऐसे किस्से ज़माने में होते हैं कम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नह