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कायदा कायदा आखिर फायदा.....कभी कभी कायदों को हटाकर भी जीने का मज़ा है समझा रहीं हैं रेखा

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 639/2010/339 'ओ ल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों नमस्कार! 'सितारों की सरगम' शृंखला में कल आपनें शत्रुघ्न सिंहा का गाया गीत सुना था ॠषीकेश मुखर्जी निर्देशित फ़िल्म 'नरम गरम' से, राहुल देव बर्मन का स्वरबद्ध किया और गुलज़ार साहब का लिखा। आज की कड़ी में भी जो गीत आप सुनने जा रहे हैं, उसे इसी टीम, यानी कि ॠषी दा, पंचम दा और गुलज़ार साहब, नें बनाया है। यह है १९८० की बेहद कामयाब फ़िल्म 'ख़ूबसूरत' से अभिनेत्री रेखा का गाया गीत "कायदा कायदा आख़िर फ़ायदा", जिसमें सपन चक्रवर्ती नें उनका साथ दिया है। युं तो गुलज़ार साहब बच्चों वाले गीत लिखने में और उनमें अजीब-ओ-गरीब उपमाएँ व रूपक देने में माहिर हैं, लेकिन इस गीत में तो उन्हें ऐसी खुली छूट व आज़ादी मिली कि वो तो अपनी कल्पना को पता नहीं किस हद तक लेके गये हैं। 'ख़ूबसूरत' के मुख्य कलाकार थे रेखा, दीना पाठक, अशोक कुमार, राकेश रोशन, शशिकला प्रमुख। कहानी तो आपको पता ही है, अगर आप में से किसी नें इस फ़िल्म को अब तक नहीं देखा है, तो हमारा सुझाव है कि आज ही इसे देखें। वाक़ई एक लाजवाब फ़िल्म

एक बात सुनी है चाचा जी बतलाने वाली है....और सुनिए कि चाचा शत्रुघ्न ने इस बार "खामोश" नहीं कहा

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 638/2010/338 फ़ि ल्मी सितारों की आवाज़ें इन दिनों गूंज रही है 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की महफ़िल में, और शृंखला है 'सितारों की सरगम'। आज जिस आवाज़ की बारी है, उस आवाज़ की हम किसी गीत में कल्पना भी नहीं कर सकते, क्यों यह बुलंद आवाज़ तो लोगों को "ख़ामोश" करवाती आई है। इसलिए इस शख़्स द्वारा गाये गीत की कल्पना करना ज़रा मुश्किल हो जाता है। शत्रुघ्न सिंहा। जी हाँ, ॠषीकेश मुखर्जी निर्देशित १९८१ की फ़िल्म 'नरम गरम' में शत्रु साहब नें सुषमा श्रेष्ठ के साथ मिलकर एक युगल गीत गाया था, जो काफ़ी मशहूर भी हुआ। चाचा और भतीजी द्वारा गाया गया यह एक बड़ा ही मज़ेदार गीत है जिसके बोल हैं "एक बात सुनी है चाचा जी बतलाने वाली है, घर में एक अनोखी चीज़ आने वाली है"। चाचा बनें हैं शत्रु साहब और भतीजी हैं किरण वैरले। ये वही किरण हैं जिन्होंने 'नमकीन' फ़िल्म में छोटी बहन की भूमिका अदा की थी। भतीजी के उपर लिखे सवाल का चाचा जी यह कहते हुए जवाब देते हैं कि "हाँ रे भइया नें फिर कोई लड़की देखी है, तेरी चाची बुलडोज़र आने वाली है"। याद है न इस

पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए.....किशोर दा के साथ खूब रंग जमाया गायिका हेमा मालिनी ने इस गीत में

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 637/2010/337 'सि तारों की सरगम' लघु शृंखला में कल संगीतकार जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी के संगीत निर्देशन में आप नें सुना था अमिताभ बच्चन का गाया फ़िल्म 'लावारिस' का गीत। कल के ही अंक में आप नें जाना कि कल्याणजी-आनंदजी नें कई फ़िल्मी कलाकारों से गीत गवाये हैं। अशोक कुमार और अमिताभ बच्चन के गाये गीतों का ज़िक्र हमनें किया। फ़िल्म 'जब जब फूल खिले' के "एक था गुल और एक थी बुलबुल" में इन्होंने नंदा से संवाद बुलवाये। इसी तरह शंकर जयकिशन नें भी 'संगम' के गीत "बोल राधा बोल" में वैयजंतीमाला, 'मेरा नाम जोकर' के गीत "तीतर के दो आगे तीतर" में सिमी गरेवाल और 'ऐन ईवनिंग् इन पैरिस' के गीत "आसमान से आया फ़रिश्ता" में शर्मीला टैगोर की आवाज़ ली। आइए आज कल्याणजी-आनंदजी के संगीत में आपको सुनवाते हैं ड्रीम-गर्ल की आवाज़। जी हाँ, ड्रीम-गर्ल यानी हेमा मालिनी। हेमा जी नें बेशुमार फ़िल्मों में यादगार अभिनय तो किया ही, लेकिन आज हम उन्हें याद कर रहे हैं एक गायिका के रूप में। हेमा मालिनी के गाये गीतों की अगर ब