Skip to main content

Posts

जो प्यार तुने मुझको दिया था....मुकेश की आवाज़ और कल्याणजी आनंदजी का स्वर संसार

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 422/2010/122 'दि ल लूटने वाले जादूगर' - कल्याणजी-आनंदजी के सुरों से सजे दिलकश गीतों पर आधारित 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की इस लघु शृंखला की दूसरी कड़ी में उस गायक की आवाज़ आज गूंज रही है दोस्तों, जिस गायक ने इस जोड़ी के संगीत निर्देशन में अपने करीयर के सब से ज़्यादा गीत गाए हैं। बिल्कुल ठीक समझे आप। मुकेश। आम तौर पर जनता यह समझ बैठती है कि शंकर जयकिशन के लिए मुकेश ने सब से अधिक गीत गाए, लेकिन हक़ीक़त कुछ और ही है। कल्याणजी आनंदजी के दर्द भरे नग़मों में मुकेश की आवाज़ का कुछ इस क़दर इस्तेमाल हुआ है कि ये गानें आज भी जैसे कलेजा चीर के रख देता है। मुकेश के गायन में सिर्फ़ सहेजता ही नहीं बल्कि आत्मीयता भी है। उनका गाया हर दर्द भरा गीत जैसे अपने ही दिल की आवाज़ लगती है। और इन्हे गुनगुनाकर आदमी ज़िंदगी के सारे ग़मों को बांट लेता है। कल्याणजी-आनंदजी के पुरअसर धुनों में पिरो कर, गीतकार आनंद बक्शी के बोलों से सज कर, और मुकेश की जादूई आवाज़ में ढल कर जब फ़िल्म 'दुल्हा दुल्हन' का गीत "जो प्यार तुमने मुझको दिया था, वो प्यार तेरा मैं लौटा रहा हूँ" बा

दिल लूटने वाले जादूगर....संगीतकार जोड़ी जिसने बीन की धुन पर दुनिया को दीवाना बनाया

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 421/2010/121 'ओ ल्ड इज़ गोल्ड' के एक नए सप्ताह के साथ हम फिर एक बार हाज़िर हैं। दोस्तों, फ़िल्म जगत में संगीतकार जोड़ियों की ख़ास परम्परा रही है। इस परम्परा की सही रूप से शुरुआत हुई थी पण्डित हुस्नलाल भगतराम की जोड़ी से, और उनके बाद आए शंकर जयकिशन। तीसरे नंबर पर वो संगीतकार जोड़ी इस फ़िल्म संगीत संसार में पधारे जिन्होने ना केवल अपने उल्लेखनीय योगदान से फ़िल्म संगीत का कल्याण किया बल्कि संगीत प्रेमियों को भरपूर आनंद भी दिया। जी हाँ, संगीत का कल्याण करने वाली और श्रोताओं को आनंद देने वाली इस बेहद लोकप्रिय व कामयाब जोड़ी को हम कल्याणजी-आनंदजी के नाम से जानते हैं। ३० जून को कल्याणजी भाई का जनमदिवस है। इसी उपलक्ष्य पर आज से 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर हम शुरु कर रहे हैं इस बेमिसाल संगीतकार जोड़ी की दिलकश संगीत रचनाओं से सजी लघु शृंखला 'दिल लूटने वाले जादूगर'। सच ही तो है, सुरीले जादूगर की तरह कल्याणजी-आनंदजी ने लोगों के दिलों पर राज ही तो करते आए हैं। आज इस शृंखला की पहली कड़ी में सब से पहले आपको कल्याणजी-आनंदजी के सफ़र के शुरुआती दिनों का हाल संक्षिप

सुनो कहानी: सात ठगों का किस्सा - अनुराग शर्मा के स्वर में

सुनो कहानी: सात ठगों का किस्सा 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विष्णु प्रभाकर की एक कहानी चोरी का अर्थ का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं "सात ठगों का किस्सा" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी जब और इंतज़ार न हो सका तो ठग रसोई में घुसे। ( हिन्दी लोक कथा "सात ठगों का किस्सा" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सु