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ताजा सुर ताल - दूर पहाडों से आती कोई सदा, कोई खुशबू जैसे...मोहित चौहान के नए एल्बम "फितूर" में है ताजगी

ताजा सुर ताल TST (34) दोस्तो, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 अक्टूबर से १४ दिसम्बर तक, यानी TST के ४० वें एपिसोड तक. जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के 60 गीतों में से पहली 10 पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर" TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक- पिछले एपिसोड में सीमा जी ३२ अंकों के साथ लगभग ऐसी लीड ले चुकी है जिसे पार पाना अब अन्य प्रतिभागियों के लिए असंभव प्रतीत हो रहा है. सीमा जी बधाई सजीव - सुजॉय, 'ताज़ा सुर ताल' के बदल

ये बरकत उन हज़रत की है....मोहित चौहान ने किया कबूल गुलज़ार के शब्दों में

ताजा सुर ताल (14) स जीव - नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ सजीव और मेरे साथ है, आवाज़ के हमकदम सुजॉय... सुजॉय - सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार... सजीव - सुजॉय लगता है ताज़ा सुर ताल धीरे धीरे अपने उद्देश्य में कामियाब हो रहा है. बिलकुल वैसे ही जैसे ओल्ड इस गोल्ड का उद्देश्य आज की पीढी को पुराने गीतों से जोड़ना था, ताज़ा सुर ताल का लक्ष्य संगीत की दुनिया में उभरते नये नामों से बीती पीढी को मिलवाना है और देखिये पिछले अंक में शरद जी ने हमें लिखा कि उन्होंने मोहित चौहान का नाम उस दिन पहली बार सुना था हमें यकीं है शरद जी अब कभी इस नाम को नहीं भूलेंगे... सुजॉय - हाँ सजीव, ये स्वाभाविक ही है. जैसा कि उन्होंने खुद भी लिखा कि जिन दिग्गजों को वो सुनते आ रहे हैं उनके समक्ष उन्हें इन गायकों में वो दम नज़र नहीं आता. पर ये भी सच है कि आज की पीढी इन्हीं नए कलाकारों की मुरीद है तो संगीत तो बहता ही रहेगा...फनकार आते जाते रहेंगें... सजीव - बिलकुल सही....इसलिए ये भी ज़रूरी है कि हम समझें आज के इस नए दौर के युवाओं के दिलों पर राज़ कर रहे फनकारों को भी. तो सुजॉय जैसा कि हमने वादा किया था कि हम मोहित के दो गीत एक के बा

ये दूरियाँ ....मिटा रहा है कमियाबी से मोहित चौहान की दूरियाँ

ताजा सुर ताल (13) ता जा सुर ताल की इस नयी कड़ी में आप सब का स्वागत है. आज से हम इस श्रृंखला के रूप रंग में में थोडा सा बदलाव कर रहे हैं. आज से मुझे यानी सजीव सारथी के साथ होंगें आपके प्रिय होस्ट सुजॉय चट्टर्जी भी. हम दोनों एक दिन पहले प्रस्तुत होने वाले गीत पर दूरभाष से चर्चा करेंगें और फिर उसी चर्चा को यहाँ गीत की भूमिका के रूप में प्रस्तुत करेंगें. उम्मीद है आप इस आयोजन अब और अधिक लुफ्त उठा पायेंगें. तो सुजोय स्वागत है आपका.... सुजॉय - नमस्कार सजीव और नमस्कार सभी दोस्तों को...तो सजीव आज हम कौन सा नया गीत सुनवाने जा रहे हैं ये बताएं... सजीव - सुजॉय दरअसल योजना है कि श्रोताओं की एक के बाद एक दो गीत आज के बेहद तेजी से लोकप्रिय होते गायक मोहित चौहान के सुनवाये जाएँ... सुजॉय - अरे वाह सजीव, हाँ आपने सही कहा....इन दिनों फ़िल्म सगीत जगत में नये नये पार्श्वगायकों की जो पौध उगी है, उसमें कई नाम ऐसे हैं जो धीरे धीरे कामयाबी की सीढ़ी पर पायदान दर पायदान उपर चढ़ते जा रहे हैं। वैसा ही एक ज़रूरी नाम है मोहित चौहान। अपनी आवाज़ और ख़ास अदायगी से मोहित चौहान आज एक व्यस्त पार्श्वगायक बन गये हैं जिनक

सुनिए और बूझिये कि आखिर कौन है दिल्ली ६ की ये मसकली

सप्ताह की संगीत सुर्खियाँ (9) स्लमडॉग विशेषांक स्लम डॉग ने रचा इतिहास इस सप्ताह की ही नही इस माह की सबसे बड़ी संगीत ख़बर है ऐ आर रहमान का गोल्डन ग्लोब जीतना. आज का ये एपिसोड हम इसी बड़ी ख़बर को समर्पित कर रहे हैं. जिस फ़िल्म के लिए ऐ आर को ये सम्मान मिला है उसका नाम है स्लम डॉग मिलेनिअर. मुंबई के एक झोंपड़ बस्ती में रहने वाले एक साधारण से लड़के की असाधारण सी कहानी है ये फ़िल्म, जो की आधारित है विकास स्वरुप के बहुचर्चित उपन्यास "कोश्चन एंड आंसर्स" पर. फ़िल्म का अधिकतर हिस्सा मुंबई के जुहू और वर्सोवा की झुग्गी बस्तियों में शूट हुआ है. और कुछ कलाकार भी यहीं से लिए गए हैं. नवम्बर २००८ में अमेरिका में प्रर्दशित होने के बाद फ़िल्म अब तक ६४ सम्मान हासिल कर चुकी है जिसमें चार गोल्डन ग्लोब भी शामिल हैं. फ़िल्म दुनिया भर में धूम मचा रही है,और मुंबई के माध्यम से बदलते हिंदुस्तान को और अधिक जानने समझने की विदेशियों की ललक भी अपने चरम पर दिख रही है. पर कुछ लोग हिंदुस्तान को इस तरह "थर्ड वर्ल्ड" बनाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करने को सही भी नही मानते. अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग