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खुदा के अक्स और आवारगी के रक्स के बीच कुछ दर्द भी हैं मैले मैले से

Season 3 of new Music, Song # 10 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया, पर क्या इतने भर से हमारी जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है ? श्रम करते, सड़कों पे पलते, अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित बच्चे रोज हमारी आँखों के आगे से गुजरते हैं, और हम चुपचाप किनारा कर आगे बढ़ जाते हैं. हिंद युग्म आज एक कोशिश कर रहा है, इन उपेक्षित बच्चों के दर्द को कहीं न कहीं अपने श्रोताओं के ह्रदय में उतारने की, आवाज़ संगीत महोत्सव के तीसरे सत्र के दसवें गीत के माध्यम से. इस आयोजन में हमारे साथी बने हैं संगीतकार ऋषि एस, और गीतकार सजीव सारथी. साथ ही इस गीत के माध्यम से दो गायिकाओं की भी आमद हो रही है युग्म के मंच पर. ये गायिकाएं है श्रीविध्या कस्तूरी और तारा बालाकृष्णन. हम आपको याद दिला दें कि आवाज़ के इतिहास में ये पहला महिला युगल गीत है. गीत के बोल - उन नन्हीं आँखों में, देखो तो देखो न, उन हंसीं चेहरों को, देखो तो देखो न, शायद खुदा का अक्स है, आवारगी का रक्स है, सारे जहाँ का हुस्न है, या जिंदगी का जश्न है... उन नन्हीं.... बेपरवाह, बेगरज, उडती तितलियों जैसी, हर परवाज़ आसमां को, छूती सी उनकी, पथरीले रास्तों पे, लेक

मन के बंद कमरों को लौट चलने की सलाह देता एक रॉक गीत कृष्ण राजकुमार की आवाज़ में

Season 3 of new Music, Song # 04 दो स्तों, आवाज़ संगीत महोत्सव, सत्र ३ के चौथे गीत की है आज बारी. बतौर संगीतकार- गीतकार जोड़ी में ऋषि एस और सजीव सारथी ने गुजरे पिछले दो सत्रों में सुबह की ताजगी , मैं नदी , जीत के गीत , और वन वर्ल्ड , जैसे बेहद चर्चित और लोकप्रिय गीत आपकी नज़र किये हैं. इस सत्र में ये पहली बार आज साथ आ रहे हैं संगीत का एक नया (कम से कम युग्म के लिए) जॉनर लेकर, जी हाँ रॉक संगीत है आज का मीनू, रॉक संगीत में मुख्यता लीड और बेस गिटार का इस्तेमाल होता है जिसके साथ ताल के लिए ड्रम का प्रयोग होता है, अमूमन इस तरह के गीतों में एक लीड गायक/गायिका को सहयोग देने को एक या अधिक बैक अप आवाजें भी होती हैं. रॉक हार्ड और सोफ्ट हो सकता है. सोफ्ट रॉक अक्सर एक खास थीम को लेकर रचा जाता है. फिल्म "रॉक ऑन" के गीत इसके उदाहरण हैं. इसी तरह के एक थीम को लेकर रचा गया आज का ये सोफ्ट रॉक गीत है कृष्ण राज कुमार की आवाज़ में, जिन्हें ऋषि ने खुद अपनी आवाज़ में बैक अप दिया है. कृष्ण राज कुमार बतौर संगीत/गायक युग्म में पधारे थे " राहतें सारी " गीत के साथ. काव्यनाद के लिए आयोजित प्रति