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सचिन जिगर को मिला बड़ा कैनवस शुद्ध देसी रोमांस के रूप में

रो मांस हमारी फिल्मों का एक अहम हिस्सा है. विवधता लाने के लिए इसे नए नए पहनावे दे दिए जाते हैं. इसी चिर परिचित रोमांस का नया नामकरण हुआ है शुद्ध देसी रोमांस  के रूप में. यश राज बैनर की इस ताज़ा पेशकश में संगीत है सचिन जिगर का. गो गोवा गोन  के विवादास्पद मगर हिट गीतों के बाद ये गुज्जू संगीतकार जोड़ी इन दिनों काफी अच्छे फॉर्म में है.  साईकिल  की घंटियाँ, सीटी और होर्न जैसी ध्वनियाँ गीत पहले गीत तेरे मेरे बीच में  का मूड बनाते हैं. मोहित और सुनिधि की आवाजों में ये गीत कमाल का है. शब्दों और धुन का ऐसा मेल बहुत दिनों में सुनने को मिला है. जबरदस्त संगीत संयोजन इसे और भी लाजवाब बना देता है. जयदीप सहानी के शब्द गजब हैं.   जिगर और प्रिया की युगल आवाजों में गुलाबी  गीत जयपुर शहर को समर्पित है. धुन कैची है और मधुर है. और पार्श्व संगीत के रूप में प्रभावी भी.  हवन  कुंड  के बाद दिव्या कुमार की जोशीली आवाज़ एक बार फिर रोक्किंग फॉर्म में है चंचल मन  गीत में. लोक राजस्थानी अंदाज़ को पाश्चात्य पहनावे में ढालकर बढ़िया सजाया गया है गीत को.  एल्बम का सबसे शानदार गीत है टाईटल ट्रेक जो है बेन

सिने पहेली – 77

सिने पहेली – 7 7     सिने पहेली के 7 7 वें अंक में आप सभी का स्वागत है. पिछले सप्ताह की पहेली थोड़ी सी शायद कठिन हो गयी थी . हमारे केवल एक ही प्रतियोगी पूर्ण अंक प्राप्त करने में सफल रहे और जाहिर है कि सरताज विजेता का ख़िताब भी उन्होंने अपने नाम कर दिया. सरताज प्रतियोगी का ख़िताब मिला है पंकज मुकेश जी  को. बधाई आपको. क्षिती जी आप इतना अच्छा खेल रही हैं लेकिन इस बार आपने भाग नहीं लेकर अपना स्थान गवां दिया. कृपया नियमित भाग लीजिये. अभी भी मौका है. इस बार की पहेली में भी हम आपको कुछ गानों के शुरुआती हिस्से को सुनवाएँगे और आपको उसे सुनकर उस गाने से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने है. हाँ आप सबकी सुविधा के लिए हिंट भी दिए गए हैं. ये गाने आप सबने कई बार सुने होंगे.  इस बार के सवालों के अंक है पूरे 15. आज की पहेली के लिए आप सबको शुभकामनाएँ. इस बार के प्रतियोगियों के अंक आप सवालों के बाद देख सकते हैं. इस अंक से प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी भी कुछ देर नहीं हुई है . आज से इस प्रतियोगिता में ज

रोक्किंग जनता का आक्रोश और प्यार समेटे है सत्याग्रह का संगीत

लं बे समय तक समानांतर सिनेमा में सक्रिय रहे प्रकाश झा ने कुछ सालों पहले महसूस किया कि वास्तविकता और व्यावसायिकता के बीच का भी एक रास्ता है जिसके माध्यम से वो अपने सशक्त सन्देश मनोरंजकता में घोलकर दर्शकों के एक बहुत बड़े वर्ग तक आसानी से पहुँच सकते हैं. मृत्यदंड, गंगाजल   आरक्षण   और राजनीति  जैसी सफल और सशक्त फिल्मों के बाद अब प्रकाश झा लाये हैं एक और सोच को प्रभावित करने वाली फिल्म सत्याग्रह . आज चर्चा करगें इसी फिल्म के संगीत की, हम ताज़ा सुर ताल के नए अंक में. एल्बम में संगीत है सलीम सुलेमान, मीत ब्रोस अनजान, आदेश श्रीवास्तव और इंडियन ओशन का, गीत लिखे हैं प्रसून जोशी ने.  पहला गीत सत्याग्रह  बापू के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम  का आधुनिक संस्करण है. गीत के अधिकतर अंश भजन स्वरुप ही हैं पर बीच बीच में कुछ सुलगते सवाल हैं... घायल है भोला इंसान .... के बाद गीत की करवट बदलती है. इस दबे इन्कलाब को आवाज़ दी है राजीव सुंदरेशन, शिवम पाठक और श्वेता पंडित ने. सलीम सुलेमान का संगीत संयोजन कबीले तारीफ है. श्रोताओं को एक नई ऊर्जा से भरने में सक्षम है ये गीत. प्रकाश झा की फिल्मों म

सिने पहेली – 75 -ये युद्ध नहीं है खेल है प्यारे

सिने पहेली – 7 5 ये युद्ध नहीं है खेल है प्यारे !     सिने पहेली के 75   वें अंक में सभी प्रतियोगियों का बहुत बहुत स्वागत है.  साथियों जिस तरह से सिने पहेली 74 में प्रतियोगियों के बीच में बहस हुई है हमें नहीं लगता कि यह एक स्वस्थ प्रतियोगिता की पहचान है.  हमारा उद्देश्य है कि रेडिओ प्लेबैक इण्डिया आप सबको स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करती रहे.  दारूवाला  जी आपकी बात सही है कि हर साईट को ट्रेफिक चाहिए लेकिन रेडिओ प्लेबैक इण्डिया किसी एक व्यक्ति की साईट नहीं है. हाँ शुरुआत कुछ लोगों ने जरूर करी थी लेकिन आज ये एक परिवार है और इसकी सफलता हमारे पाठकों और दर्शकों का जूनून है.   यहाँ हर कोई अपना योगदान देने के लिए स्वतंत्र है और अगर आप पुराने पाठक / श्रोता हैं तो आप इसे बखूबी जानते होंगे. केवल एक बात कहना चाहूँगा कि  रेडिओ प्लेबैक इण्डिया को     ट्रेफिक बढ़ाने के लिए   छद्म प्रतियोगी बनाकर उत्तर देने की कोई जरूरत ही नहीं है. हम संख्या में नहीं अपने पाठकों और श्रोताओं में विश्वास करते हैं. हम तो आपसे भी गुज़ारिश करते हैं कि आप अपना पूर्ण परिचय दीजिये और हमारे साथ

गैंगस्टरों की खूनी दुनिया में प्रीतम के संगीत का माधुर्य

कु छ गीत हमेशा ही जेहन में ताज़ा रहते हैं, प्रीतम का स्वरबद्ध पी लूँ  और तुम जो आये  गीत भी इसी श्रेणी में आते हैं. वंस अपोन अ टाइम इन मुम्बई  की सफलता में इन गीतों की कामियाबी का बहुत बड़ा हाथ रहा. मुम्बई अंडरवर्ड के काले दौर को गुजरे समय की एक दास्ताँ बता कर पेश किया गया था इस फिल्म में, अब इसके दूसरे संस्करण में इसी कहानी को आगे बढ़ाया गया है. जहाँ तक गीत संगीत की बात है यहाँ भी प्रीतम दा ही हैं अपने लाजवाब फॉर्म में और उन्हें साथ मिला है निर्देशक गीतकार रजत अरोड़ा का, रजत डर्टी पिक्चर के हिट गीत लिखकर अपनी एक खास पहचान बना चुके हैं. आईये देखें क्या इस दूसरे संस्करण का संगीत भी श्रोताओं की उम्मीद पर खरा उतर पाया है या नहीं.  अभी हाल ही में मुर्रब्बा, रंगरेज  और मेरा यार  जैसे शानदार गीत गाकर जावेद बशीर इन दिनों छाये हुए हैं, उन्हीं की करारी आवाज़ जो तीर की तरफ सीधे दिल को भेद जाती है, में है पहला गीत ये तुने क्या किया , एक खूबसूरत कव्वाली. शुरू के शेरों से ही समां सा बांध जाता है. रजत के शब्द और प्रीतम की धुन दोनों ही उत्तम है. कोरस का इस्तेमाल भी खूब जमता है.  अगला गीत भी एक

सिने पहेली – 74- सवाल हमारे जवाब आपके!

सिने पहेली – 7 4 सवाल हमारे जवाब आपके!     सिने पहेली के 7 3 वें अंक में लगता है सवाल नम्बर 5 ने काफी लोगों को दुविधा में डाला और आवाज़ पहचानने के सवाल को तर्क संगत नहीं ठहराया.  दोस्तों आप सबसे केवल एक बात कहना चाहता हूँ कि अगर पहेली प्रतियोगी की सुविधा अनुसार बनाई जाए तो फिर कैसी पहेली?  ये तो कुछ उस तरह हो जाएगा कि स्कूल के विद्यार्थी कहें कि सवाल हमारी जानकारी के ही हिसाब से बनाये जाएँ.  कृपया ध्यान दें कि सवाल हम लोग भी अपने आस पास से ही लेते हैं और सबको एक सप्ताह का समय दिया जाता है कि वो इन्टरनेट और बाकी श्रोतों से जवाब ढूंढें.  अब पिछली पहेली को ही देख लीजिये प्रकाश गोविन्द जी और क्षिति तिवारी जी ने आवाज़ को पहचान लिया.  फिर भी आप सबकी बातों को ध्यान में रखकर आप लोगों को कुछ हिंट देने की जरूर कोशिश करेंगे. इस बार कोइ भी पूर्ण अंक प्राप्त नहीं कर पाया. प्रकाश जी जल्दीबा जी में गाने का नाम बतलाना ही भूल गए. बाकी सवाल नम्बर 2 के बाकी उत्तर उन्होंने सही दिए. आज की पहेली के पाँच सवाल नीचे हैं , ध्यान से उत्तर दीजिये और पूरे अंक प्राप्त करने का मौक