tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post9221472730169208908..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: तितली उडी, उड़ जो चली...याद कीजिये कितने संस्करण बनाये थे शारदा के गाये इस गीत के आपने बचपन मेंSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-74529555951734200452010-02-08T19:13:22.397+05:302010-02-08T19:13:22.397+05:30गायिका : मुबारक बेगमकभी तनहाइयों में यूं हमारी याद...गायिका : मुबारक बेगम<br>कभी तनहाइयों में यूं हमारी याद आएगी<br>अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जाएगी<br>ये बिजली राख कर जाएगी तेरे प्यार की दुनिया, न तू फिर जी सकेगा और न तुझको मौत आएगी ।<br><br>इस गीत का एक ही अंतरा सुनने में आता है । मैं खुशनसीब हूँ कि मुबारक बेगम जी के साथ मुझे भी कई सालों पूर्व कोटा के दशहरे मेले में कार्यक्रम देने का अवसर मिला था ।शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-62340469723840497962010-02-09T17:31:07.985+05:302010-02-09T17:31:07.985+05:30सुजॊय जीऐसा लग रहा है कि जब एक कोई सबसे पहले सही ज...सुजॊय जी<br>ऐसा लग रहा है कि जब एक कोई सबसे पहले सही जवाब दे देता है तो बाकी लोग शायद यह सोच कर हिस्सा नहीं लेते हैं कि जवाब तो आ ही गया है ,अंक तो अब मिलेंगे नही हिस्सा लेने से क्या लाभ। मेरा एक सुझाव है कि किसी भी गीत में (१) गीत के बोल (२) गायक या गायिका (३) फ़िल्म (४) गीतकार और (५) संगीतकार ये ५ बातें प्रमुख होतीं है । आप पहेली में इन सभी जानकारी देने वालों को अंक दें तो कुछ रोचकता आ सकती है शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.com