tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post8357229804104847577..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: भारतीय और पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत, दोनों में ही माहिर थे सलिल दाSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-23939513930283227112010-05-19T20:40:13.417+05:302010-05-19T20:40:13.417+05:30नये लोगों को ला रहे हैं तो उनका कुछ अपना होना चाहि...नये लोगों को ला रहे हैं तो उनका कुछ अपना होना चाहिये। पुरानों की नकल और वह भी पूरी नहीं तो क्या लाभ है। आजकल के सारे के सारे गायक पुराने ही गाने गा रहे हैं अगर लता, रफी, किशोर आदि को ही सुनना है तो उन्ही को क्यों न सुने।<br><br>विजय माथुरVijay Mathurhttp://mtlmathur@msn.comnoreply@blogger.com