tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post7851759402632700184..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: सुनो कहानीः प्रेमचंद की 'अंधेर'Sajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-59254920532402543802008-08-23T10:08:00.000+05:302008-08-23T10:08:00.000+05:30अनुराग भाई बहुत बधाई शुरुवात है, पर एक बात कहूँगा,...अनुराग भाई बहुत बधाई शुरुवात है, पर एक बात कहूँगा, बिल्कुल फ्लैट पढने कि जगह कुछ भाव लेकर प्रस्तुति दिया करें, पार्श्व में कुछ संगीत का प्रयोग भी कर सकें तो बेहतर हो जाएगा.....सजीव सारथीhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-23826674212276288162008-08-23T23:42:00.000+05:302008-08-23T23:42:00.000+05:30अनुराग जी,बहुत सुंदर प्रयास है। सबसे अच्छा है कि आ...अनुराग जी,<br><br>बहुत सुंदर प्रयास है। सबसे अच्छा है कि आपकी आवाज़ बिलकुल स्पष्ट है और उच्चारण बिलकुल दुरूस्त। हाँ, लेकिन आपको थोड़े और एक्सप्रैशन्स लाने होंगे। बैकग्राउँड संगीत डालने का सजीव का आइडिया अच्छा है।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-10576374009962975632008-08-24T00:10:00.000+05:302008-08-24T00:10:00.000+05:30आवाज़ बहुत अच्छी और स्पष्ट है.पर अगर थोड़े और भाव ...आवाज़ बहुत अच्छी और स्पष्ट है.पर अगर थोड़े और भाव के साथ पढ़ी जाया तो और अच्छा लगेगादीपालीhttp://www.blogger.com/profile/17652883863725421545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-61970663284626201332008-08-24T05:13:00.000+05:302008-08-24T05:13:00.000+05:30सजीव जी, शैलेश जी और दिया जी,आप सभी को कहानी ध्यान...सजीव जी, शैलेश जी और दिया जी,<br><br>आप सभी को कहानी ध्यान से सुनने और आगे सुधार के लिए अच्छी सलाह देने के लिए आभार. आपके विचार हमारे इस प्रयास को बेहतर ज़रूर बनायेंगे. कृपया आगे भी ऐसी कृपादृष्टि बनाए रहिये. <br><br>धन्यवाद!Smart Indian - स्मार्ट इंडियनhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-48771445847567307362008-08-29T17:33:00.000+05:302008-08-29T17:33:00.000+05:30अनुराग जीकहानी अच्छी पढ़ी है। थोड़ा भाव और डालें त...अनुराग जी<br>कहानी अच्छी पढ़ी है। थोड़ा भाव और डालें तो और अच्छी लगेगी। सस्नेहशोभाhttp://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.com