tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post7822732307199363313..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: आवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तन्हाई .. अली सरदार जाफ़री के दिल का गुबार फूटा जगजीत सिंह के सामनेSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-7578162042483822782010-08-04T11:39:14.080+05:302010-08-04T11:39:14.080+05:30शब्द है दामन और शेर क्या पूरा जंगल हाज़िर है उसकी ...शब्द<br> है दामन और शेर क्या पूरा जंगल हाज़िर है <br><br>उसकी गेसुओं से धरकती बूंदे <br><br>लीप जाए मेरा मन तो जी लूं <br><br> <br><br>मेरे अश्रु भरे मन की खातिर <br><br>वो फैला दे दामन तो जी लूं <br><br> <br><br>उस बिन जीवन वन सा लगता है <br><br>वो कर दे वन को आँगन तो जी लूं <br><br> <br><br>उसकी नागिन सी जुल्फों का <br><br>मैं बन जाऊ चन्दन तो जी लूंavenindrahttp://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-15146447681457886832010-08-04T12:23:13.122+05:302010-08-04T12:23:13.122+05:30दामन छुड़ा के अपना वो पूछ्ते हैं मुझसेजब ये न थाम प...दामन छुड़ा के अपना वो पूछ्ते हैं मुझसे<br>जब ये न थाम पाए थामोगे हाथ कैसे ?<br>(स्वरचित)शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-10982710144270960952010-08-04T13:28:25.326+05:302010-08-04T13:28:25.326+05:30इन लम्हों के दामन में पाकीजा से रिश्ते हैंकोई कलम...इन लम्हों के दामन में पाकीजा से रिश्ते हैं<br>कोई कलमा मुहब्बत का दोहराते फ़रिश्ते हैं (जावेद अख्तर )<br><br>छोड़ कर तेरे प्यार का दामन ये बता दे कि हम किधर जाएँ<br>हमको डर है कि तेरी बाहों में हम ख़ुशी से न मर जाएँ [[मालूम ( नहीं ) जानती ]]<br> <br> दर्द से मेरा दमन भर दे या अल्लाह<br>फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह (क़तील शिफाई )<br><br>दामन में आंसू थे, या रुस्वाईयां थी<br>neelamhttp://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-14742468887869900832010-08-04T13:32:49.675+05:302010-08-04T13:32:49.675+05:30thanku...thanku ...तनहा जी, समझी...बिलकुल समझी...ल...thanku...thanku ...तनहा जी, समझी...बिलकुल समझी...लेकिन कहीं कोई गलती ना हो जाये...तो बस इसलिए...समझे न आप..? वैसे गलतियाँ हमसे अक्सर हो ही जाती हैं...ना चाहते हुये भी..फिर बाद में अपना गाल सहलाना पड़ता है...आपने दूध की जली बिल्ली वाली बात तो सुनी होगी...वो सह्मेगी नहीं तो क्या करेगी..? केयरफुल तो थोडा सा होना ही पड़ेगा उसे..है ना..? खैर, आपका ये आलेख और गजल...क्या कहूँ...फिर दोनों ही अच्छे लगे...shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-75820376885799186012010-08-04T17:09:37.243+05:302010-08-04T17:09:37.243+05:30जवाब - दामन शेर अर्ज है - फूलों से बढिया...जवाब - दामन <br> <br>शेर अर्ज है -<br> <br> फूलों से बढियां कांटे हैं ,<br> जो दामन थाम लेते हैं .Manju Guptahttp://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-15673844338919696162010-08-04T18:56:38.115+05:302010-08-04T18:56:38.115+05:30दामन शब्द से शे'रफूल खिले है गुलशन गुलशन,लेकिन...दामन शब्द से शे'र<br><br>फूल खिले है गुलशन गुलशन,<br>लेकिन अपना अपना दामन<br><br>शायर का नाम याद नही <br><br>आँसुओ से ही सही भर गया दामन मेरा<br>हाथ तो मैने उटाये थे दुआ किसकी थी?<br><br>शायर का नाम mujaffar है शायदsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-8675336169620790152010-08-04T19:34:25.817+05:302010-08-04T19:34:25.817+05:30लीजिये मैं फिर आ गयी...अपना एक शेर लिखकर लायी हूँ....लीजिये मैं फिर आ गयी...अपना एक शेर लिखकर लायी हूँ..पेश है... <br><br>रात के दामन में शमा जब जलती है<br>हवा आके उससे लिपट के मचलती है<br>परवाने आकर के खाक हुआ करते हैं<br>बेबस सी शमा की इसमें ना गलती है.<br><br>( स्वरचित )<br><br>तो चलती हूँ अब...सबको खुदा हाफिज़...shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-39091924388230190812010-08-04T22:47:21.973+05:302010-08-04T22:47:21.973+05:30छोड़ कर तेरे प्यार का दामन यह बता दे के हम किधर जा...छोड़ कर तेरे प्यार का दामन यह बता दे के हम किधर जाएँ<br>हमको डर है के तेरी बाहों में हम सिमट कर ना आज मर जाएँ.<br>रजा मेहदी अली खानAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-21016995954835853822010-08-05T09:26:57.532+05:302010-08-05T09:26:57.532+05:30awadh ji thankuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuukaise hain aap ...awadh ji thankuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuu<br><br>kaise hain aap aur humaara lucknow kaisa hai .<br><br>(deepak ji sorry )neelamhttp://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-38968594876507827112010-08-05T14:18:15.768+05:302010-08-05T14:18:15.768+05:30विश्व दीपक जी, आपने बिलकुल ठीक कहा. उर्दू लिपि से ...विश्व दीपक जी, <br>आपने बिलकुल ठीक कहा. उर्दू लिपि से अनजान मगर उर्दू शायरी के शौक़ीन अनगिनत हिंदी पाठकों को मशहूर शोरा के कलाम से प्रकाश पंडित ने परिचित कराया.आज से ५० साल पहले यह उन्हीं की पहल थी कि प्रकाश पॉकेट बुक्स ने शायरों की सीरीज़ जारी की.<br>और संभवतः यह हिदी में सर्व प्रथम प्रकाशित पॉकेट बुक्स थीं. प्रत्येक पॉकेट बुक का मूल्य था - १ रुपया. फिर बाद में बंगला साहित्य का हिंदी अनुवाद - AVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-67066463697568169852010-08-05T14:24:58.599+05:302010-08-05T14:24:58.599+05:30हमारे भी हाल पूछ लेतीं नीलम जी..हम भी ठीक हैं..और ...हमारे भी हाल पूछ लेतीं नीलम जी..हम भी ठीक हैं..और यहाँ पर ये दीपक जी कौन है ? इन हजरत की तारीफ ??????<br>सभी मित्रों के शेर की तारीफ ही तारीफ...<br>( हमारा बीच में टपकना बुरा तो नहीं लगा..बस यूँ ही सोचा कि अपना भी ध्यान दिला दूँ...बुरा लगा हो तो फिर माफ़ी....ठीक है ना..क्या समझीं..? <br><br>चलती हूँ...खुदा हाफिज...shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-18747005092059838882010-08-05T22:31:09.033+05:302010-08-05T22:31:09.033+05:30शन्नो जी , आप फिर कुछ गलत समझ रही ह...शन्नो जी ,<br> आप फिर कुछ गलत समझ रही हैं .<br>१)अवध जी को शुक्रिया कहने का कारण हमारे शेर के शायर का नाम बताने के लिए था<br>२)दीपक जी ,विश्व दीपक तनहा जी ही हैं v.d के नाम से जाने जाते हैं .<br>३)मेरे ऊपर आपको न याद करने का सरासर गलत इल्जाम, facebook पर सुबह सुबह नमस्कार कर चुके हैं हम आपको ,<br><br> फिर भी कोई खता हुई हो तो मुआफ कीजिये (हम और आप तो पुरानी सहेली हैं )neelamhttp://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-90754653565275229012010-08-06T00:54:21.823+05:302010-08-06T00:54:21.823+05:30नहीं जी नहीं..आप सही हैं नीलम जी, कोई इलज़ाम नहीं ज...नहीं जी नहीं..आप सही हैं नीलम जी, कोई इलज़ाम नहीं जी...ये सरासर गलत होगा...आप कुछ भी कहो या ना कहो हमसे सब ठीक...( तन्हा जी को पसीना आने लगा होगा सोचकर कि हम लड़ रहे हैं )हमारी दुआ सलाम तो होती ही रहती है ( वजह या बिला वजह के भी ) सो फिकर नाट...लेकिन अगर हमने कोई बेबाक गलती कर डाली है तो हम मुआफी के काबिल हैं :)अब आदत पड़ गयी है..shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-47968681475568625132010-08-06T22:45:23.619+05:302010-08-06T22:45:23.619+05:30एक शेर अर्ज करती हूँ :आपको मुबारक हों ज़माने की सार...एक शेर अर्ज करती हूँ :<br>आपको मुबारक हों ज़माने की सारी खुशियाँ<br>हर गम जिंदगी का हमारे दामन में भर दो .<br><br>( स्वरचित )shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-35692617292337463832010-08-09T17:38:55.164+05:302010-08-09T17:38:55.164+05:30एक और शेर आ गया है...डरने की किसी को जरूरत नहीं......एक और शेर आ गया है...डरने की किसी को जरूरत नहीं...<br><br>वो कब्र पर बैठे बेहाल हो रहे थे <br>रोकर सुर्ख उनके गाल हो रहे थे<br>जिसके दामन में थीं बहारें भरी <br>वो आँसुओं से कंगाल हो रहे थे. <br><br>ये स्वयं रचित ही है...समझे न..?shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.com