tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post7788096790896221734..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: मोहब्बत की कहानी आँसूओं में पल रही है.. सज्जाद अली ने शहद-घुली आवाज़ में थोड़ा-सा दर्द भी घोल दिया हैSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-1179925165871009782010-11-24T11:53:09.315+05:302010-11-24T11:53:09.315+05:30वाकई सज्जाद अली की आवाज़ एक अजीब सी कशिश है और धुन...वाकई सज्जाद अली की आवाज़ एक अजीब सी कशिश है और धुन भी सीधी सादी पर दिल को छू लेने वाली लगी.<br>लगता है गायब होने वाला शब्द रह गया.<br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-23180292090056524042010-11-24T12:18:18.794+05:302010-11-24T12:18:18.794+05:30अवध जी, हर महफ़िल में मुझसे यह गलत हो रही है। क्या...अवध जी, <br>हर महफ़िल में मुझसे यह गलत हो रही है। क्या करूँ!! चलिए मैंने शब्द गायब कर दिया है। आप जवाब दे दें और शेर भी डालें.. ज़रूर..<br><br>धन्यवाद,<br>विश्व दीपकविश्व दीपकhttp://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-65625140335233526502010-11-24T12:25:28.965+05:302010-11-24T12:25:28.965+05:30गायब शब्द है मेहरबानीशे'र अभी याद नही जैसे ही ...गायब शब्द है मेहरबानी<br>शे'र अभी याद नही जैसे ही याद आयेगा महफिल मे फिर आऊँगा <br>तब तक के लिए bye bye...sumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-91435537084999243732010-11-24T12:31:24.577+05:302010-11-24T12:31:24.577+05:30शेर याद आ गया शेर- बहुत शुक्रिया बडी मेहरबानी म...शेर याद आ गया <br>शेर- बहुत शुक्रिया बडी मेहरबानी<br> मेरी जिन्दगी मे हजूर आप आये<br><br>आगे की लाईन याद नही आ रहीsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-27124691036148232912010-11-24T12:49:35.982+05:302010-11-24T12:49:35.982+05:30क्या बात है... सज्जाद अली की आवाज़ बहुत खूब है... य...क्या बात है... सज्जाद अली की आवाज़ बहुत खूब है... ये ग़ज़ल तो सुनी थी पर गायक के बारे में आज पहली बार पढ़ा.. बहुत अच्छा लगा...<br><br>गायब किया हुआ शब्द "मेहरबानी" है..<br><br>शेर तो फिलहाल यही लिख रहा हूँ:<br>"ज़िन्दगी से हम भी तर जाते,<br>जीते जी ही हम मर जाते,<br>पर उनकी नज़रों की ज़रा सी मेहरबानी न हो सकी"<br><br>आभारप्रतीक माहेश्वरीhttp://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-32500118891968650162010-11-24T13:18:22.965+05:302010-11-24T13:18:22.965+05:30vd bhai welcome back pahle to aur bahut bahut bahu...vd bhai welcome back pahle to aur bahut bahut bahut shukriya......pata nahi kab se is geet ko dhoondh raha tha....waah thanks againसजीव सारथीhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-84373901213589058772010-11-24T17:46:21.637+05:302010-11-24T17:46:21.637+05:30जवाब - मेहरबानी शेर हाजिर है जनाबचीनी से भी ज्यादा...जवाब - मेहरबानी <br><br>शेर हाजिर है जनाब<br><br>चीनी से भी ज्यादा मीठी माफ़ी ,<br><br>महफिल सजा के की मेहरबानी .Manju Guptahttp://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-41304593116881962562010-11-24T22:46:24.525+05:302010-11-24T22:46:24.525+05:30टहलते हुए इधर से निकली तो महफ़िल में रोशनी और चहल-...टहलते हुए इधर से निकली तो महफ़िल में रोशनी और चहल-पहल दिखी. शुकर है खुदा का ( या महफ़िल चलाने वाले का ) कि बहुत लटके-झटके के साथ महफ़िल फिर से हिचकियाँ लेकर चालू हो गई. लगता तो ऐसा था जैसे बिलकुल ही ठप्प हो गयी हो :) बार-बार महफ़िल की बत्ती गुल करके कहीं गायब हो जाना ये कहाँ की इंसाफी है भला ? :) इस बार सज्जाद मियाँ ने भी अच्छा ही गाया...उनके उस्तादों की जो लाइन लगी देखी उससे बचकर निकल गयी...shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-27805650637849416862010-11-24T23:23:03.406+05:302010-11-24T23:23:03.406+05:30दिल अभी पूरी तरह टूटा नहींदोस्तों की मेहरबानी चाहि...दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं<br>दोस्तों की मेहरबानी चाहिए.<br>दुष्यंत कुमार (?)या निदा फाजली.<br>दुविधा हो गयी. कृपया मदद कर दें. <br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-26159201449253300622010-11-27T19:43:48.587+05:302010-11-27T19:43:48.587+05:30बहुत दीन बाद लगा की अपनी mehfil खोयी नहीं है मैं क...बहुत दीन बाद लगा की अपनी mehfil खोयी नहीं है मैं कई बार साईट खोलता था मगर कोई हरकत नज़र नहीं आती थी ,शन्नो जी ने भी अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है ,शायद आप kisi ज़रूरो काम मैं मसरूफ रहे होंगे ,खैर अब वापीस आप लोगों से मीलकर बेहद ख़ुशी हुई !<br>dil ही dil मैं ले लिया दिल मेहरबानी आपकी<br>दिल ये इस काबील कहाँ है कदरदानी आपकी<br>एक स्वरचित शेर भी अर्ज़ है ----<br>ऐ मेरे यार ज़रा सी मेहरबानी कर दे<br>मेरी avenindrahttp://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-42612781568910975962010-11-30T11:01:46.774+05:302010-11-30T11:01:46.774+05:30मेहरवानी थी उनका या कोई करम था ,या खुदा ये उनको कै...मेहरवानी थी उनका या कोई करम था ,<br>या खुदा ये उनको कैसा भरम था ............<br><br>वो मेहरबाँ न थे पर नाखुदा भी तो न थे<br>वो थे किससे वावस्ता और किससे जुदा थे<br><br>जो अच्छा लगे उसे अपना लो जो बुरा लगे उसे जाने दो ..............V.D BHAI.neelamhttp://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-67592273502897921592010-11-30T19:39:34.692+05:302010-11-30T19:39:34.692+05:30माफ कीजियेगा..नीलम जी की मेहरबानी / प्रेरणा से एक ...माफ कीजियेगा..नीलम जी की मेहरबानी / प्रेरणा से एक शेर अभी उपजा है..जो सेवा में प्रस्तुत है...<br><br>मेहरबानी हो बता दें क्या है वावस्ता <br>तो नाप लेंगे हम खुद अपना रस्ता.<br><br>( अभी बताया ना कि मेरे ही दिमाग की उपज है..तो स्वरचित ही हुआ ) :)shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.com