tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post738501783157729412..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: पॉडकास्ट कवि सम्मेलन - नवम्बर २००८Sajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-36858095585551215872008-11-30T13:10:00.000+05:302008-11-30T13:10:00.000+05:30पोडकास्ट कवि सम्मेलन का यह अंक भी बहुत प्रभावी रहा...पोडकास्ट कवि सम्मेलन का यह अंक भी बहुत प्रभावी रहा। मृदुल जी का सशक्त संचालन और कवियों की मधुर आवाज में कविताएँ- शन्नो जी की जीवन सुरभि बहुत अच्छी लगी। रचना की अलौकिकता विशेष प्रभावी रही। इस अलौकिकता ने महादेवी जी का स्मरण करा दिया। लावण्या शाह जी ने पंडित नरेन्द्र शर्मा जी की रचना- आज के बिछुड़े ना जाने कब मिलेंगें पढ़ी। रचना को छू गई। वियोग की पीड़ा इतनी सजीव थी कि आँखें भर आई।शोभाhttp://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-86071639812917383322008-11-30T13:16:00.000+05:302008-11-30T13:16:00.000+05:30इस कवि सम्मलेन में आध्यात्मिकता, अलौकिकता, वेदना औ...इस कवि सम्मलेन में आध्यात्मिकता, अलौकिकता, वेदना और हार-जीत की भावनाओं का खूब अनोखा संगम रहा. शायद इन्हीं को शब्दों में व्यक्त करने का नाम कविता है. और मृदुल जी का कहा हर शब्द ही अपने आप में एक कविता है. फिर वह बंदेमातरम का गाना अंत में. वाह!<br> 'तारीफ करुँ किसकिसकी<br> जिसने है काव्य सुनाया<br> मन मेरा छूकर सबने<br> मुझे भावुक और बनाया&#shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-67523190159197273402008-11-30T13:20:00.000+05:302008-11-30T13:20:00.000+05:30सच कहूँ तो ऐसा कवि सम्मलेन मैंने कभी कभी नहीं सुना...सच कहूँ तो ऐसा कवि सम्मलेन मैंने कभी कभी नहीं सुना, मृदुल जी की आवाज़ को तो बस सुनते जाने का मन करता है क्या खूब प्रस्तुति है उनकी...इस बार सब कुछ बेहद उत्कृष्ट था पारुल का गायन विशेष रूप से भाया....अंत तो भावुक कर गया आप सब को बहुत बहुत बधाई इस आयोजन को इतना सफल बनाने के लिए.सजीव सारथीhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-22498847102430776902008-11-30T15:37:00.000+05:302008-11-30T15:37:00.000+05:30पारूल जी ने जो गीत गाया वो अभी भी हृदय स्पंदित कर ...पारूल जी ने जो गीत गाया वो अभी भी हृदय स्पंदित कर रहा है। अजीत जी की कविता- कुछ लाऊँ या खुद आ जाऊँ बहुत ही मार्मिक रही। शेफाली जी की कविता बहुत अच्छी लगी। शीला सिंह जी की कविता जाइए लौट मत आइए--बहुत अच्छी लगी। रमा द्विवेदी जी ने माया के विभिन्न रूपो से परिचित कराया।कमल प्रीत जी की कविता आत्मबोध बढ़िया रही। प्रीत जी की कविता चलो मुस्कुराएँ मुझे बहुत अच्छी लगी। ऐसा लगा कवि ने अपना दिल ही निकाल कर शोभाhttp://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-10010382356071777712008-11-30T21:48:00.000+05:302008-11-30T21:48:00.000+05:30सच, इस कवि सम्मलेन को सुनना बहुत ही सुंदर अनुभव रह...सच, इस कवि सम्मलेन को सुनना बहुत ही सुंदर अनुभव रहा. काव्य पाठ, सञ्चालन, एवं प्रस्तुति सभा कुछ उत्कृष्ट रहा है. मूर्धन्य कवियों के खंड में "वंदे मातरम" की प्रस्तुति भी सामयिक रही. मृदुल जी एवं सभी कवियों को धन्यवाद और आभार.<br><br>पॉडकास्ट कवि सम्मलेन उत्तरोत्तर प्रगति करे, इसी कामना के साथ,<br>~ <a href="http://pittpat.blogspot.com" rel="nofollow">अनुराग शर्मा</a>Smart Indian - स्मार्ट इंडियनhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-12457670425424319682008-12-02T07:32:00.000+05:302008-12-02T07:32:00.000+05:30डा. मृदुल कीर्तिजी का सँचालन इतना अद्`भुत है कि सा...डा. मृदुल कीर्तिजी का सँचालन इतना अद्`भुत है कि सारे कवियोँ का काव्य व गीत पाठ<br>अभूतपूर्व हो गया - बँकिमचँद्र का वँदे मातरम्` अनुराग भाई के प्रयास से, अमर हुआ !<br>पारुल बहना की गायकी तो बस कमाल ही है -<br>उन्हेँ शाबाशी और स्नेह :)<br>और डा. रमा जी, शोभाजी, मीत जी , अजीत जी,शेफाली जी,कमल प्रीत जी,शन्नो जी <br>सभी को बहुत बहुत बधाई !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-31539374532127319522008-12-02T10:38:00.000+05:302008-12-02T10:38:00.000+05:30मृदुल जीआपके संयोजन को नमन। पानी की एक बूँद जब सीप...मृदुल जी<br><br>आपके संयोजन को नमन। पानी की एक बूँद जब सीप की कोख में जाती है तब सीप उसे संस्कारित करती है, उस पर आब का लेप करती है और तब एक मोती का जन्म होता है। पानी की बूंद तभी अमूल्य बन पाती है। रचनाकार की रचना भी पानी की बूँद ही है उसे आपने मोती की तरह सजाकर प्रस्तुत किया है। मैं आपकी आभारी हूँ। आपका संयोजन हमारी रचनाओं पर ऐसे ही आब चढ़ाता रहे प्रभु से यही कामना है। <br>अजित गुप्ताajit guptahttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-31243398387292910882008-12-02T22:30:00.000+05:302008-12-02T22:30:00.000+05:30अनुराग जी प्लेयर कहॉं गया? अजित गुप्ताअनुराग जी <br>प्लेयर कहॉं गया? <br>अजित गुप्ताAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-54396882251820796752008-12-03T05:34:00.000+05:302008-12-03T05:34:00.000+05:30अजित जी, मैं प्लेयर को देख भी पा रहा हूँ और काव्य ...अजित जी, मैं प्लेयर को देख भी पा रहा हूँ और काव्य सम्मेलन सुन भी पा रहा हूँ. हो सकता है कि इन्टरनेट की प्रकृति के अनुसार उस समय कोई अस्थाई तकनीकी खामी रही हो. कभी भी ऐसा होने पर कृपया कुछ समय बाद पुनर्प्रयास करें. धन्यवाद!Smart Indian - स्मार्ट इंडियनhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-35397044724904653302008-12-11T09:25:00.000+05:302008-12-11T09:25:00.000+05:30सभी कवि साथियों की अद्भुत प्रस्तुति है यह अनुराग ...सभी कवि साथियों की अद्भुत प्रस्तुति है यह अनुराग जी को , मृदुल कीर्ति जी को और हिन्दयुग्म को साधुवादप्रदीप मानोरियाhttp://www.blogger.com/profile/07696747698463381865noreply@blogger.com