tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post7003174761363310215..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: ओ मेरे दिल के चैन....किशोर का अद्भुत रूमानी अंदाज़ और मजरूह-पंचम का कमालSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-5170579872470967812010-01-03T19:23:52.868+05:302010-01-03T19:23:52.868+05:30चुनरी संभाल गोरी, उडी चली जाए रे, मार न दे डंक कही...चुनरी संभाल गोरी, उडी चली जाए रे, मार न दे डंक कहीं, नज़र कोई हाय ..<br>किरनें नहीं अपनी,तो है बाहों की माला<br>दीपक नहीं जिनमें उन गलियों में है हम से उजाला<br>अरे धूप ही पे चाँदनी खिल जाए ...शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-53199120147766026992010-01-03T22:04:31.450+05:302010-01-03T22:04:31.450+05:30भाई शरद जी,वाह आपका लोहा तो वैसे भी सभी मान ही चुक...भाई शरद जी,<br>वाह आपका लोहा तो वैसे भी सभी मान ही चुके हैं.क्या बात है!<br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-53424895699601155382010-01-03T22:53:25.035+05:302010-01-03T22:53:25.035+05:30हमारे आते आते तो पहेली का जवाब ही मिल जाता है..बढ़...हमारे आते आते तो पहेली का जवाब ही मिल जाता है..बढ़िया प्रस्तुति के लिए धन्यवाद जी!!!विनोद कुमार पांडेयhttp://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.com