tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post6753705806593579206..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: यूँ न रह-रहकर हमें तरसाईये.....एक फ़नकार जो चला गया हमें तरसाकरSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-80229358967510395782009-07-28T10:56:45.608+05:302009-07-28T10:56:45.608+05:30सही शब्द है ’बला’शे’र अर्ज़ है :बला कैसी भी हो अपने...सही शब्द है ’बला’<br>शे’र अर्ज़ है :<br>बला कैसी भी हो अपने को उसके पास रखता हूँ<br>तभी तो लोग कहते हैं हुनर कुछ ख़ास रखता हूँ ।<br> (स्वरचित)शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-48275058255991872342009-07-28T10:56:45.607+05:302009-07-28T10:56:45.607+05:30सही शब्द है - बलास्वरचित शेरबला छू न सके उनको,जिनक...सही शब्द है - बला<br>स्वरचित शेर<br>बला छू न सके उनको,जिनका हाफिज हो खुदा<br>इस सच का एहसास लेकर मैं तेरे दर से उठाDishahttp://www.blogger.com/profile/14880938674009076194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-55726590445721840722009-07-28T11:11:53.586+05:302009-07-28T11:11:53.586+05:30एक और स्वरचित शेरकोइ बला, मेरे कदम न रोक पायेगीबुल...एक और स्वरचित शेर<br>कोइ बला, मेरे कदम न रोक पायेगी<br>बुलंद हैं हौंसले इतने कहाँ टिक पायेगी<br>आज पाला पड़ा है एक फौलादी से<br>शरमा कर खुद ही चली जायेगीDishahttp://www.blogger.com/profile/14880938674009076194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-81908389428061671642009-07-28T11:49:41.905+05:302009-07-28T11:49:41.905+05:30बडिया गीत और इसके बारे मे जानकारी के लिये अगर धन्य...बडिया गीत और इसके बारे मे जानकारी के लिये अगर धन्यवाद कहूँ तो शायद कम होगा आपकी कलम को सलाम है अभार्निर्मला कपिलाhttp://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-76362913663015643602009-07-28T18:14:16.875+05:302009-07-28T18:14:16.875+05:30विश्व जी , धीरे -धीरे दिल में मकाँ बन जाएगा .जवा...विश्व जी , धीरे -धीरे दिल में मकाँ बन जाएगा .<br>जवाब है -बला स्व रचित कविता -<br>आतंक की बला जब -जब छाई<br>थी जांबाजों की नजर तब-तब काफी <br>उन्हीं की बदोलत आजादी हम ने पाई <br>करूं दुआ सलामत रहें सारे हमारे भाईManju Guptahttp://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-43597816154827203232009-07-29T07:39:57.424+05:302009-07-29T07:39:57.424+05:30बला,,,,,,,,,,,,मगर सबसे पहले बात मास्टर मदन की,,,व...बला,,,,,,,,,,,,<br><br>मगर सबसे पहले बात मास्टर मदन की,,,<br>विविध-भारती पर शायद दोपहर को ''गैर फिल्मी गीत'' में सुनी थी ये गजल,,,<br>तब हम इसे नारी-स्वर समझे थे,,<br>आज गायक के बारे में जाना है,,बहुत अफ़सोस हुआ <br><br>बार बार सुन रहा हूँ,,,इनकी और भी गजल सुन ने की तमन्ना है...<br>ज्यादा देर मत कीजियेगा प्लीज..<br>यदि यहाँ संभव ना हो तो मुझे व्यक्तिगत मेल कर दीजियेगा,,,,<br><br>manuhttp://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-73756464031530663192009-07-29T07:45:49.156+05:302009-07-29T07:45:49.156+05:30सही लफ्ज़ है बला. फिर जावेद अख्तर साहब का श'र ...सही लफ्ज़ है बला. फिर जावेद अख्तर साहब का श'र <br><br>ये दुनिया भर के झगड़े घर के किस्से काम की बातें <br>बला हर एक टल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ।Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-28784133249304492202009-07-29T07:52:02.881+05:302009-07-29T07:52:02.881+05:30अब वह ग़ज़ल जिसका यह शे'रतमन्ना फिर मचल जाए अ...अब वह ग़ज़ल जिसका यह शे'र<br><br>तमन्ना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ। <br>यह मौसम ही बदल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ। <br>मुझे गम है कि मैने जिन्दगी में कुछ नहीं पाया <br>ये गम दिल से निकल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ। <br>नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे <br>ज़माना मुझसे जल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ।Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-17698324383724487492009-07-29T07:55:10.737+05:302009-07-29T07:55:10.737+05:30जावेद साहब की एक ग़ज़ल और.दर्द अपनाता है पराए कौन ...जावेद साहब की एक ग़ज़ल और.<br><br><br>दर्द अपनाता है पराए कौन <br>कौन सुनता है और सुनाए कौन <br>कौन दोहराए वो पुरानी बात <br>ग़म अभी सोया है जगाए कौन <br>वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं <br>कौन दुख झेले आज़माए कौन <br>अब सुकूँ है तो भूलने में है <br>लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन <br>आज फिर दिल है कुछ उदास उदास <br>देखिये आज याद आए कौनShamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-89045934982941538472009-07-29T07:57:12.062+05:302009-07-29T07:57:12.062+05:30अब वो ग़ज़ल जिसमे "बला" लफ्ज़ है. (यह मन...अब वो ग़ज़ल जिसमे "बला" लफ्ज़ है. (यह मनु जी के बड़े वाले अंकल की है.)<br><br>मैं उन्हें छेड़ूँ और कुछ न कहें <br>चल निकलते जो मय पिये होते<br>क़हर हो या बला हो, जो कुछ हो <br>काश के तुम मेरे लिये होते <br>मेरी क़िस्मत में ग़म गर इतना था <br>दिल भी या रब कई दिये होते <br>आ ही जाता वो राह पर "ग़ालिब" <br>कोई दिन और भी जिये होते (मिर्जा ग़ालिब)Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-19752133519312820562009-07-29T08:01:54.546+05:302009-07-29T08:01:54.546+05:30Shamikh Faraz का कहना है कि -अब वो ग़ज़ल जिसमे &qu...Shamikh Faraz का कहना है कि -<br>अब वो ग़ज़ल जिसमे "बला" लफ्ज़ है. (यह मनु जी के बड़े वाले अंकल की है.)<br><br>मैं उन्हें छेड़ूँ और कुछ न कहें <br>चल निकलते जो मय पिये होते<br>क़हर हो या बला हो, जो कुछ हो <br>काश के तुम मेरे लिये होते <br><br><br>haaaaaay,,,,,,<br>maaaar daalaa shaamikh dear,,,,,,,<br>jeeeyo,,,,manuhttp://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-28596028380663751882009-07-29T20:32:22.848+05:302009-07-29T20:32:22.848+05:30सही शब्द बला लग रहा है पर शेर अभी याद नहींसही शब्द बला लग रहा है पर शेर अभी याद नहींsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-11981735150178600472009-07-29T20:34:16.343+05:302009-07-29T20:34:16.343+05:30This post has been removed by the author.This post has been removed by the author.कुलदीप "अंजुम"http://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-71356119845746007842009-07-29T20:34:16.342+05:302009-07-29T20:34:16.342+05:30फिर वही दानिस्ता ठोकर खाईये,फिर मेरी आगोश में गिर ...फिर वही दानिस्ता ठोकर खाईये,<br>फिर मेरी आगोश में गिर जाईये।<br><br>मेरी दुनिया मुन्तज़िर है आपकी,<br>अपनी दुनिया छोड़कर आ जाईये।<br><br>दानिस्ता aur मुन्तज़िर shabd ka kya arth hota hai ?sumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-86537394224477706792009-07-29T20:37:53.621+05:302009-07-29T20:37:53.621+05:30तनहा जी मैंने मास्टर मदन की कुल दो ग़ज़ल सुनी हैं ...तनहा जी मैंने मास्टर मदन की कुल दो ग़ज़ल सुनी हैं आजतक केवल<br>मूझे नहीं पता की उन्होंने कितना गाया<br>पहली ग़ज़ल जो आपने आज सुनवाई है इसी को सुनकर इनका दीवाना हो गया<br>और सोचा की अगर ये महान फनकार अपनी उम्र पूरी करता तो आज जाने किस मुकाम पर होताकुलदीप "अंजुम"http://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-72891373454255431642009-07-29T20:37:53.620+05:302009-07-29T20:37:53.620+05:30मनु भाई ये ग़ज़ल डाउनलोड करके आप को बहुत जल्दी हे भे...मनु भाई ये ग़ज़ल डाउनलोड करके आप को बहुत जल्दी हे भेज दूंगा, बस नेट प्रॉब्लम न करे आज कल हर १० या १५ मिनट बाद रुक जाता हैsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-80753804861851238902009-07-29T20:39:23.403+05:302009-07-29T20:39:23.403+05:30अब आज की महफ़िल की बात सही शब्द है "बला "...अब आज की महफ़िल की बात <br>सही शब्द है <br>"बला "<br>बड़ी ही मशहूर ग़ज़ल है <br>तमन्ना फिर मचल जाये अगर तुम मिलने आ जाओ<br>............................................................कुलदीप "अंजुम"http://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-81808477926298745252009-07-29T20:42:36.877+05:302009-07-29T20:42:36.877+05:30बला की खूबसूरती जब सफ़ेद ताज पे नौश फरमाती है .क्या...बला की खूबसूरती जब सफ़ेद ताज पे नौश फरमाती है .<br>क्या कहें तब तो जन्नत से मुमताज़ की चांदनी भी उतर आती है .<br>- अज्ञातकुलदीप "अंजुम"http://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-32972261074720088812009-07-29T20:44:16.563+05:302009-07-29T20:44:16.563+05:30ये बला का हुस्न उसपे ये जवानी आपकी फिर भी कोई जिं...ये बला का हुस्न उसपे ये जवानी आपकी <br>फिर भी कोई जिंदा है तो मेहरबानी आपकी <br>-अज्ञातकुलदीप "अंजुम"http://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-31284273576481293582009-07-29T20:48:56.183+05:302009-07-29T20:48:56.183+05:30सुमित भाई ................दानिस्ता - जानते हुए मुन...सुमित भाई ................<br>दानिस्ता - जानते हुए <br>मुन्तजिर -कोई जो इंतजार में होकुलदीप "अंजुम"http://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-61136565216642636442009-07-29T20:51:59.615+05:302009-07-29T20:51:59.615+05:30ऑफिस से आते ही सुमित भाई का सवाल,,,दानिश्त----जान...ऑफिस से आते ही सुमित भाई का सवाल,,,<br><br>दानिश्त----जानते भूझते ...( शब्द दाना ,,,जिसका मतलब समझदार जानकार होता है...) <br>मुन्तजिर----प्रतीक्षा में,,,, (शब्द इन्तीज़ार से ..मुन्तजिर...यानी इंतज़ार में)manuhttp://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-60597557332384139722009-07-29T20:53:12.152+05:302009-07-29T20:53:12.152+05:30kyaa baat hai....ab to sumit bhaai ke 2--2 shabdko...kyaa baat hai....<br><br>ab to sumit bhaai ke 2--2 shabdkosh ho gaye hain....manuhttp://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-5799891621284526242009-07-29T20:57:00.393+05:302009-07-29T20:57:00.393+05:30धन्यवाद कुलदीप भाई और मनु भाई मनु भाई अपना मेल बॉक...धन्यवाद कुलदीप भाई और मनु भाई <br>मनु भाई अपना मेल बॉक्स चेक कीजिये मैंने आपको ग़ज़ल भेजी है क्या येही ग़ज़ल चाहिए थीsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-35940964543791087362009-07-29T20:57:00.392+05:302009-07-29T20:57:00.392+05:30मनु जी के बड़े वाले अंकल का एक और शेर याद आगया ......मनु जी के बड़े वाले अंकल का एक और शेर याद आगया .....<br><br>कहूँ किस से मैं के क्या है , शब्-ऐ-गम बुरी बला है <br>मूझे क्या बुरा था मरना अगर एक बार होता <br>-मिर्जा ग़ालिब <br><br>ये तो ना थी हमारी किस्मत .............<br>चित्रा सिंह की आवाज़ में ग़ज़ल में चार चाँद लग जाते हैंकुलदीप "अंजुम"http://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.com