tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post6378172328564807988..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: आई झूम के बसंत....आज झूमिए बसंत की इन संगीतमयी बयारों में सब गम भूल करSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-81009849306961150372010-03-09T19:10:05.826+05:302010-03-09T19:10:05.826+05:30पुरवा सुहानी आई रे,पुरवाढोली ढोल बजाना. ताल पे ताल...पुरवा सुहानी आई रे,पुरवा<br>ढोली ढोल बजाना. ताल पे ताल मिलानाशरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-736391406881807442010-03-09T19:39:29.839+05:302010-03-09T19:39:29.839+05:30poorab aur pashcimpoorab aur pashcimindu purihttp://www.blogger.com/profile/03517929821866304468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-12917953549537105262010-03-09T19:43:44.973+05:302010-03-09T19:43:44.973+05:30santosh anandsantosh anandpadm singhhttp://ppsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-13052699277451537792010-03-09T21:20:10.327+05:302010-03-09T21:20:10.327+05:30गीत में एक आवाज़ मनहर उदास जी की भी है.अवध लालगीत में एक आवाज़ मनहर उदास जी की भी है.<br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-91961940503102185712010-03-09T21:21:42.314+05:302010-03-09T21:21:42.314+05:30सुन्दर जी -'' मेरी हटती के लाखों मन दाने त...सुन्दर जी -'' मेरी हटती के लाखों मन दाने तेरी भट्टी में भुन गये जा के शम्शादजी(शायद ) - दिल को रखना ओ बुड्ढ़े बचा के ,भून डालूंगी में भट्टी में मिला के<br>मोहन चोटी-गुलशन बावरा गाते हैं -'' ना ना बापू .<br>सुंदर- क्या है बेटे ?<br>बेटे; ओ बापू झूठ ना ऐसे बोल हम तो हीरे हैं अनमोल<br>हम को भट्टी में ना रोल अपने दिल के संग में<br>आई झूम के बसंत झूमो .......<br><br>सुजोय बाबा/सजीव indu purihttp://www.blogger.com/profile/03517929821866304468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-26408347845089445972010-03-09T21:47:31.320+05:302010-03-09T21:47:31.320+05:30अरे इंदु बहिन,सब लोग यहीं हैं.महागुरु शरदजी तो सदै...अरे इंदु बहिन,<br>सब लोग यहीं हैं.<br>महागुरु शरदजी तो सदैव की भांति सर्वप्रथम थे.<br>हाँ मैं अवश्य लगभग उसी समय हाजिरी लगा रहा था जब आप सजीव/सुजॉयजी को हड़का रही थीं.<br>हडकाना=धमकियाना- लखनऊ की ज़बान में.<br>आनंद जी के अनुसार सुन्दर के साथवाली आवाज़ शम्मीजी की थी.लेकिन अगर न पता लगता तो मैं भी शमशाद बेगमजी की ही समझता.<br>अरे पाबला साहेब क्या रूठ गए हैं? उन्हें खींच कर लाया जाये.<br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.com