tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post6110640350425313006..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे...... तलत अज़ीज़ साहब की एक और फ़रियादSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-64796362574487270772009-08-25T09:47:12.455+05:302009-08-25T09:47:12.455+05:30एक कशिश थी तलत अज़ीज़ जी की आवाज़ मे,बहुत सुंदर गी...एक कशिश थी तलत अज़ीज़ जी की आवाज़ मे,<br>बहुत सुंदर गीत.<br><br>प्रस्तुति के लिए ..बधाईविनोद कुमार पांडेयhttp://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-28819247344605002132009-08-25T09:48:14.383+05:302009-08-25T09:48:14.383+05:30kuch na hoga to tajurba hoga...kuch na hoga to tajurba hoga...Neeraj Rohillanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-39236185724729875562009-08-25T09:54:21.874+05:302009-08-25T09:54:21.874+05:30वाह, इस गजल के साथ कुछ बड़े पुराने दर्द निकले हैं....वाह, <br>इस गजल के साथ कुछ बड़े पुराने दर्द निकले हैं...<br>१५ बरस की कच्ची उम्र, १९९७ के आखिर या १९९८ की शुरुआत की बात, बारहवीं कक्षा में पिताजी का शाहजहांपुर से बरेली तबादला...<br>नए शहर में बना पहला मित्र नितेश चंद्रा और उसके घर पर उसकी पडोसन को देखते हुए उसके स्टीरेओ पर इस गीत को सुनना...<br><br>वाह, क्या दिन थे...कितने अरमान थे और कितनी फुर्सत थी...टेप रिकार्ड पर आगे पीछे करके इसी गीत को Neeraj Rohillanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-73943274120711200762009-08-25T09:59:56.390+05:302009-08-25T09:59:56.390+05:30अरे, जोश जोश में तजुर्बे पर शेर कहना तो भूल ही गए....अरे, जोश जोश में तजुर्बे पर शेर कहना तो भूल ही गए...<br>कतील शिफाई साहब का कलाम है, और जगजीत सिंह ने गाया है..<br><br>ले मेरे तजुर्बों से सबक ऐ मेरे रकीब,<br>दो चार साल उम्र में तुझसे बड़ा हूँ मैं...<br><br>सदमा तो है मुझे भी कि तुझसे जुदा हूँ मैं,<br>लेकिन ये सोचता हूँ कि अब तेरा क्या हूँ मैं,Neeraj Rohillanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-22593140467177049202009-08-25T12:28:01.190+05:302009-08-25T12:28:01.190+05:30sahi lafz hai tajurba. she'r jawed akhter saha...sahi lafz hai tajurba. she'r jawed akhter sahab ka hai.Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-69568000872902487572009-08-25T13:18:54.587+05:302009-08-25T13:18:54.587+05:30आज जब आपका आलेख पढा तो मुझे बड़ी शर्मिन्दगी महसूस ...आज जब आपका आलेख पढा तो मुझे बड़ी शर्मिन्दगी महसूस हुई । दर असल मैं समझ तो गया था कि मैनें इस नज़्म की फ़रमाईश नहीं की लेकिन फिर इस बात पर भी आश्चर्य हुआ कि आपको दूसरों के मन की बात जान लेने की कला भी आती है और आपने उस नज़्म के बारे में इतनी जानकारी दे दी जो वास्तव में मेरी तथा बहुतों की पसन्द हैं । मैं दुखी भी हुआ कि मैनें इस की फ़रमाइश क्यों नहीं की तथा खुशी भी हुई कि मेरी पसन्द की सूची में इसका नामशरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-49576749044885968132009-08-25T13:23:46.839+05:302009-08-25T13:23:46.839+05:30तन्हा जी,एक अरसे बाद महफ़िल में कदम रखा है कोई एतर...तन्हा जी,<br><br>एक अरसे बाद महफ़िल में कदम रखा है कोई एतराज़ तो नहीं?<br>आवाज़ की आई याद जब तो सोचा महफ़िल भी जमी होगी वहीँ.<br><br>जबाब भी शायद????......'तजुर्बा' ही होगा.<br><br>लीजिये अब कुछ मेरी भी तरफ से:<br><br>लिखने की तमन्ना है मुझे मगर तजुर्बा ही नहीं<br>मेरे शेर सुनते ही लोग महफ़िल से भाग जाते हैं. <br><br>अगर फरमाइश कहीं से होती मेरी शायरी के लिए <br>तो शायद सुनने वालों का भी shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-72886670037872235712009-08-25T13:27:52.706+05:302009-08-25T13:27:52.706+05:30आज की पहेली का सही शब्द है ’तज़ुर्बा’स्वरचित शे’र प...आज की पहेली का सही शब्द है ’तज़ुर्बा’<br>स्वरचित शे’र पेश है :<br>जब कबाडी घर से कुछ चीज़ें पुरानी ले गया<br>वो मेरे बचपन की यादें भी सुहानी ले गया ।<br>इस तरह सौदा किया है आदमी से वक़्त ने<br>तज़ुर्बे दे कर वो कुछ उसकी जवानी ले गया ।शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-23516546859303657712009-08-25T13:51:00.037+05:302009-08-25T13:51:00.037+05:30अरे..... मैं आपकी पेश की हुई ग़ज़ल तो सुनना ही भूल...अरे..... मैं आपकी पेश की हुई ग़ज़ल तो सुनना ही भूल गयी थी. अब सुनकर कहना चाहती हूँ की 'खूबसूरत हैं आँखे तेरी' को सुनकर मैं वाकई में उसकी धुन में डूब गयी और अब भी डूबी हुई हूँ. जितनी बार सुनूंगी उतनी ही बार डूबने का भी मौका मिलेगा. तन्हा जी, इतनी प्यारी-प्यारी ग़ज़लें सुनवाने का बेहद शुक्रिया.shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-68715796136071167502009-08-25T15:51:12.554+05:302009-08-25T15:51:12.554+05:30तन्हा जी, तजुर्बा रहा है हिचकियों से की किसी ने मु...तन्हा जी, <br><br>तजुर्बा रहा है हिचकियों से की किसी ने मुझे याद किया<br>क्या आवाज़ पर भी किसी ने दस्तक दी है आज मुझे.shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-61000193066313217202009-08-26T01:23:06.407+05:302009-08-26T01:23:06.407+05:30यह कैसी पहेली है?? मेरा मतलब है की.....ऐसा क्यों ह...यह कैसी पहेली है?? मेरा मतलब है की.....<br>ऐसा क्यों होता है की मेरे आने से सब लोग महफ़िल से गायब हो जाते हैं?????<br><br>ये अच्छी बात नहीं है.shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-45743126572421605262009-08-26T06:35:27.842+05:302009-08-26T06:35:27.842+05:30क्यों डरें ज़िंदगी में क्या होगा,कुछ न होगा तो तजु...क्यों डरें ज़िंदगी में क्या होगा,<br>कुछ न होगा तो तजुर्बा होगा....<br><br>यह जावेद जावेद अख्टर साहब की ग़ज़ल का शे'र है.Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-9086323636681734862009-08-26T06:35:27.841+05:302009-08-26T06:35:27.841+05:30पेश है पूरी ग़ज़ल.क्यों डरें जिन्देगी में क्या ...पेश है पूरी ग़ज़ल.<br><br>क्यों डरें जिन्देगी में क्या होगा <br>कुछ ना होगा तो तजरूबा होगा <br>हँसती आँखों में झाँक कर देखो <br>कोई आँसू कहीं छुपा होगा <br>इन दिनों ना उम्मीद सा हूँ मैं <br>शायद उसने भी ये सुना होगा <br>देखकर तुमको सोचता हूँ मैं <br>क्या किसी ने तुम्हें छुआ होगाShamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-60838571043836233502009-08-26T06:38:52.410+05:302009-08-26T06:38:52.410+05:30कभी पाबन्दियों से छूट के भी दम घुटने लगता हैदरो-दी...कभी पाबन्दियों से छूट के भी दम घुटने लगता है<br>दरो-दीवार हो जिनमें वही ज़िन्दान नहीं होता<br><br>हमारा ये तजुर्बा कि खुश होना मोहब्बत में<br>कभी मुश्किल नहीं होता, कभी आसान नहीं होता<br><br>बज़ा है ज़ब्त भी लेकिन मोहब्बत में कभी रो ले<br>दबाने के लिये हर दर्द-ओ-नादान नहीं होता<br>यकीं लायें तो क्या लायें, जो शक लायें तो क्या लायें<br>कि बातों से तेरी सच झूठ का इम्कां नहीं होता<br><br><br>firaq Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-20261084486689584902009-08-26T06:38:52.409+05:302009-08-26T06:38:52.409+05:30मेरा अपना तजुर्बा है इसे सबको बता देनाहिदायत से तो...मेरा अपना तजुर्बा है इसे सबको बता देना<br>हिदायत से तो अच्छा है किसी को मशवरा देना।<br><br>अनामShamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-55857951806366061152009-08-26T06:43:44.990+05:302009-08-26T06:43:44.990+05:301 triveniतजुर्बे के अपने मानी है सारी रात अकेला लड...1 triveni<br><br>तजुर्बे के अपने मानी है <br>सारी रात अकेला लड़ा वो........<br><br>ज़िंदगी से पहली जंग थीShamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-46023650712959072212009-08-26T10:14:19.778+05:302009-08-26T10:14:19.778+05:30शामिख जी,शाबाश!! कहाँ थे आप अब तक????शामिख जी,<br>शाबाश!! कहाँ थे आप अब तक????shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-81498155285381841012009-08-26T16:06:32.873+05:302009-08-26T16:06:32.873+05:30shanno ji main to har mahfil me tha. bas aap hi ge...shanno ji main to har mahfil me tha. bas aap hi gerhazir rahti thee.Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-34769672468406574782009-08-26T16:11:34.556+05:302009-08-26T16:11:34.556+05:30This post has been removed by the author.This post has been removed by the author.shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-18372897607724375652009-08-26T16:43:32.053+05:302009-08-26T16:43:32.053+05:30शामिख जी,आपकी हाज़िर जबाबी के आगे तो मेरा दिमाग सुन...शामिख जी,<br><br>आपकी हाज़िर जबाबी के आगे तो मेरा दिमाग सुन्न हो गया. अब क्या कहूं? Yes, मैं गैर हाज़िर रही हूँ. इसे नोटिस करने का शुक्रिया. Very clever and witty of you. जब सोचा इस बारे में तो उत्तर बहुत सही लगा मुझे.shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-81433243836950255272009-08-26T18:42:20.313+05:302009-08-26T18:42:20.313+05:30जवाब-तजुर्बा. स्वरचित शेर .तजुर्बा जिन्दगी का कहान...जवाब-तजुर्बा. स्वरचित शेर .<br>तजुर्बा जिन्दगी का कहानियों में बोलता .<br>दोस्तों ! कोई हंसता तो कोई रोता ,Manju Guptahttp://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-44248541003701095912009-08-26T19:35:39.750+05:302009-08-26T19:35:39.750+05:30तजुर्बा अपनों का कुछ इस कदर हुआ मुझे काटों ने ही न...तजुर्बा अपनों का कुछ इस कदर हुआ मुझे <br>काटों ने ही नहीं फूलों ने भी दगा दिया मुझे <br>-----------------------------------------------------------<br>क्या है माँ की दुआ दोस्तों <br>मौत तली तो तजुर्बा हुआ दोस्तों <br>saader<br>rachanarachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-75801479223322300712009-08-26T19:37:08.048+05:302009-08-26T19:37:08.048+05:30shabd टली likhna thashabd टली likhna tharachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-61362089548500731632009-08-27T20:11:00.895+05:302009-08-27T20:11:00.895+05:30क्यो डरे जिन्दगी मे क्या होगाकुछ ना होगा तो तजुर्ब...क्यो डरे जिन्दगी मे क्या होगा<br>कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा<br><br>दिल खुश हो गया इस शे'र को पढकर <br><br>तजुर्बा शब्द से तो एक ही शे'र आता है, जो जगजीत जी की गजल का है<br>ले मेरे तजुर्बो से सबक ऐ मेरे रकीब,<br>दो चार साल उम्र मे तुझसे बडा हूँ मैsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-5369672761382461932009-08-27T20:14:45.802+05:302009-08-27T20:14:45.802+05:30ये शे'र तो नीरज जी पहले ही लिख चुके, नया शे...ये शे'र तो नीरज जी पहले ही लिख चुके, नया शे'र याद आएगा जब, तब फिर आऊँगा महफिल मे .....sumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.com