tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post4624962740930417639..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: फिर वही शाम वही गम वही तन्हाई है...तलत की आवाज़ में डूबते शाम को तन्हा दिल से उठती टीसSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-65123363020472743192009-11-05T20:22:56.982+05:302009-11-05T20:22:56.982+05:30hnm ... फिर भी एक तुका लगाते हैं...सुहानी रात ढल ग...hnm ...<br><br> फिर भी एक तुका लगाते हैं...<br><br>सुहानी रात ढल गई..<br>ना जाने तुम कब आओगे,,,,?manuhttp://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-36062789280351998772009-11-05T21:05:57.396+05:302009-11-05T21:05:57.396+05:30बड़े लम्बे समय के बाद, यह गाना सुना हमने, बहुत बहु...बड़े लम्बे समय के बाद, यह गाना सुना हमने, बहुत बहुत धन्यवाद. हमें तलत महमूद के गाये कुछ और भी गीत पसंद हैं, और यह गाना भी उन selected songs में से एक है. फिल्म के इतनी बुरी तरह पिटने का किस्सा आज ही पता चला :) <br><br>मनु जी, <br>कभी कभी तुक्का भी तीर का काम कर जाता है. बधाई.purvihttp://www.blogger.com/profile/05958882849698532647noreply@blogger.com