tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post4259136026722851701..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: पॉडकास्ट कवि सम्मेलन - अक्टूबर २००८Sajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-90683920583917716822008-10-26T08:26:00.000+05:302008-10-26T08:26:00.000+05:30दिल खुश हो गया. बहुत अच्छा लगा सुनकर.दिल खुश हो गया. बहुत अच्छा लगा सुनकर.AMIT ARUN SAHUhttp://www.blogger.com/profile/03524891426021398604noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-16805542600542945102008-10-26T09:43:00.000+05:302008-10-26T09:43:00.000+05:30कार्यक्रम सुना और बहुत ही अच्छा लगा. उत्कृष्ट आयोज...कार्यक्रम सुना और बहुत ही अच्छा लगा. उत्कृष्ट आयोजन के लिए बधाई स्वीकारें!Smart Indian - स्मार्ट इंडियनhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-17980968388306213042008-10-26T10:56:00.000+05:302008-10-26T10:56:00.000+05:30लावण्या शाह - स्वप्न क्यों आते रहे अतिसुन्दर , शन्...लावण्या शाह - स्वप्न क्यों आते रहे अतिसुन्दर , शन्नो अग्रवाल जी - सुन्दर शब्द और सुन्दर भाव , रमा जी- जो बात हम ना कह सके- बहुत सुन्दर कविता , महेन्द्र भटनागर जी- राग संवेदन वाह-वाह अति सुन्दर , अमिताभ मीत जी- मोहे देख सकी- दिल को छूने वाली कविता, अनुराग शर्मा जी- हमेशा की तरह प्रभावी,विवेक मिश्रा जी- केवल कुछ पंक्तियाँ सुन पाई-बहुत खूब। कवि सम्मेलन बहुत सफल हो रहा है। मृदुल जी को लाजवाब संचालन शोभाhttp://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-29504794470155732702008-10-26T11:59:00.000+05:302008-10-26T11:59:00.000+05:30इस बार के कवि सम्मेलन का अंक बहुत अच्छा और संग्रहण...इस बार के कवि सम्मेलन का अंक बहुत अच्छा और संग्रहणीय है। मूर्धन्य कवियों की कविताओं का प्रसारण नये श्रोताओं में महाकवियों के प्रति जागरूकता लाने में मदद करेगा, वहीं महान रचनाकारों को हिन्द-युग्म की सच्ची श्रद्दाँजलि भी होगी।<br><br>लावण्या जी ने पं॰ नरेन्द्र शर्मा की बहुत ही सुंदर कविता का चयन किया है। मुझे शोभा जी का काव्यपाठ बहुत पसंद आया। <br><br>शीला जी की आवाज़ भी प्रभावी है। मीत भाई की आवाज़ शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-54861509246507526462008-10-26T12:20:00.000+05:302008-10-26T12:20:00.000+05:30विवेक जी ने बहुत सुन्दर और प्रभावी कविता सुनाई। श्...विवेक जी ने बहुत सुन्दर और प्रभावी कविता सुनाई। श्याम जी का अंदाज़ निराला था। विषय और उसपर नया दृष्टिकोण दिया, मकल प्रीत जी की कविता बहुत सुन्दर लगी, प्रदीप जी की कविता भी बहुत अच्छी लगी।शोभाhttp://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-75133228663999423222008-10-26T12:44:00.000+05:302008-10-26T12:44:00.000+05:30वाह ये तक का सबसे बहतरीन अंक रहा. हिंद युग्म अपने ...वाह ये तक का सबसे बहतरीन अंक रहा. हिंद युग्म अपने इस प्रयास में बेहद कामियाब नज़र आ रहा है, अनुराग जी और शैलेश जी बधाई. मृदुल जी के बारे में क्या कहूँ, उनकी आवाज़ और प्रस्तुति इतनी जबरदस्त है की बस मन करता है उन्हें सुनते ही जायें सुनते ही जायें. लावण्या जी का स्वप्न लौट लौट कर आते रहें, शन्नो जी का स्वागत, बहुत भावपूर्ण कवितायें....शोभा जी ने अपनी आवाज़ में धीरे धीरे एक कशिश सी पैदा कर ली है सजीव सारथीhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-90063386216184033312008-10-26T13:24:00.000+05:302008-10-26T13:24:00.000+05:30behatarin. ALOK SINGH "SAHIL"behatarin.<br> ALOK SINGH "SAHIL"sahilnavpravah.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-9347113448937250912008-10-26T14:26:00.000+05:302008-10-26T14:26:00.000+05:30मधुर आवाज मै एक बहुत अच्छी कविता सुनाने के लिये ध...मधुर आवाज मै एक बहुत अच्छी कविता सुनाने के लिये धन्यवाद.<br>दीपावली की हार्दिक शुभकामनायेंराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-21319343074811561522008-10-26T16:18:00.000+05:302008-10-26T16:18:00.000+05:30अब की बार सबसे अच्छा रहा कवि -सम्मलेन रहा |डाक्टर ...अब की बार सबसे अच्छा रहा कवि -सम्मलेन रहा |डाक्टर कीर्ति जी मेरे पिछले कमेंट्स से नाराज दिखीं मगर तीनो पोस्ट सुने और देखें क यह क्या अधिक कसा सञ्चालन नहीं है,हाँ आपने पनी मधुए आवाज में अपना गीत कविता नहीं सुनाई,आशा है अगली बार हमारे अनुरोध का मन रखेंगी -अनामAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-87804024004792471052008-10-26T23:57:00.000+05:302008-10-26T23:57:00.000+05:30सभी कवि साथियोँ का अभूतपूर्व काव्य -पाठ, डा.मृदुल ...सभी कवि साथियोँ का अभूतपूर्व काव्य -पाठ, डा.मृदुल कीर्तिजी का मृदु मधुर भाव समेटे <br>प्रभावी सँचालन, हिन्दी युग्म का यह मँच <br>जो देशविदेश मेँ बसे <br>हर कवि साथी को एक साथ-<br> एक बार, पुन: जोडने मेँ सफल हुआ है -<br>जिसका आनँद, सभी को मिला !<br>-"आवाज़" को बधाई!<br> व सभी सुननेवाले स्नेही मित्रोँको,<br> दीप पर्व पर मँगल कामनाएँ -<br>स स्नेह्, <br>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-30775311350066425242008-10-27T05:27:00.000+05:302008-10-27T05:27:00.000+05:30सुंदर कवि सम्मेलन रहा। अच्छी संयोजना और एक उम्दा प...सुंदर कवि सम्मेलन रहा। अच्छी संयोजना और एक उम्दा प्रयास।मानसीhttp://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-65094585503602317042008-10-27T09:23:00.000+05:302008-10-27T09:23:00.000+05:30लावण्या जी की आवाज सुनना अच्छा लगा ।लावण्या जी की आवाज सुनना अच्छा लगा ।Aflatoonhttp://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-18832681852872929742008-10-27T22:42:00.000+05:302008-10-27T22:42:00.000+05:30दीपावली पर आप को और आप के परिवार के लिएहार्दिक शुभ...दीपावली पर आप को और आप के परिवार के लिए<br>हार्दिक शुभकामनाएँ!<br>धन्यवादराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-50196655529539432062008-10-28T09:56:00.000+05:302008-10-28T09:56:00.000+05:30मृदुल कीर्ति जीनमस्कार ा स्वप्न क्यूं आते रहे ...मृदुल कीर्ति जी<br>नमस्कार ा स्वप्न क्यूं आते रहे थे रात भर से प्रारम्भ और हमें तुम रोको मत पथ में, कविता से अन्त हुए इस कवि सम्मेलन के लिए ढेरों शुभकामनाएंा मैके का आंगन खिला रहे, बेटियों के स्मृति पटल पर अंकित ही रहता हैा आपके शब्द दिल में धडकने लगते है जब आप बोलती है कि वो पेड कट गया हो या भाइयों में आंगन बंट गया होा कवि सम्मेलन में प्रत्येक कवि ने अपने मन की आहुति दी हैा किसके ajit guptahttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-89683643312914380402008-10-28T14:16:00.000+05:302008-10-28T14:16:00.000+05:30मृदुल कीर्ति जी,आपकी आवाज़ में एक अनोखी कशिश है जो ...मृदुल कीर्ति जी,<br>आपकी आवाज़ में एक अनोखी कशिश है जो कि श्रोताओं को बांध लेती है। आपकी भाषा पर दखल अत्यन्त सरहनीय है। सभि कवियित्रि-कवियों ने बहुत अच्छा पढा। शोभा महेन्द्र ने कैसे कहूं रात जो गुजारी, यादों की जमीन पर था एक पग भी भारी,प्रदीप मानोरियाजी की रचना,लावण्या जी का पं॰ नरेन्द्र शर्मा की बहुत ही सुंदर कविता का कव्यपाठ किया, बहुत पसंद आईं। विवेक मिश्र जी की कविता का विषय बहुत गूढ, अन्दर Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-15056407977606293312008-10-29T22:26:00.000+05:302008-10-29T22:26:00.000+05:30डा. रमा द्विवेदी said.. कवि-सम्मेलन नि:सन्देह बह...डा. रमा द्विवेदी said..<br><br> कवि-सम्मेलन नि:सन्देह बहुत विविधतापूर्ण एवं श्रवणप्रिय रहा । सभी कवियों व कवयित्रियों को साधुवाद । डा. मृदुल कीर्ति जी के सधे हुए संचालन के लिए बधाई और शुभकामनाएं ।<br> आप सभी को दीप-पर्व की हार्दिक मंगलकामनाएं...Ramahttp://www.blogger.com/profile/10010943809475838010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-12029855397989125152008-11-14T20:18:00.000+05:302008-11-14T20:18:00.000+05:30शब्दों को मिली आवाज़, नमो को पहचान मिली कविता सुन ...शब्दों को मिली आवाज़, नमो को पहचान मिली <br>कविता सुन के खिल गई मनो दिल की कली <br>हिंद युग्म का है ये सफल सुंदर प्रयास <br>भविष्य में भी कुछ एसे ही करिक्रमों की रहीगी आस <br>सादर<br>रचनाrachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-44879127590282742882008-11-27T21:20:00.000+05:302008-11-27T21:20:00.000+05:30मुझे शिवानी जी की 'नाविक, 'चले जाना', ...मुझे शिवानी जी की 'नाविक, 'चले जाना', 'ये जरूरी नहीं' और 'मेरे आंसू' गजलें रुपेश जी की आवाज़ में गाये बहुत ही अच्छे लगे. पता नहीं मैं कितनी बार सुन चुकी हूँ पर मन ही नहीं भरता. हिन्दयुग्म से मेरा परिचय जल्दी ही हुआ. मैं ब्रिटेन में हूँ तो कैसे अल्बम को प्राप्त करें. काश मुझे कोई यह एल्बम भेज दे और मैं पैसे भेज दूँ उसे भारत में.कभी-कभी अकेलेपन के गाने भी अकेलपन में shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.com