tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post3741651916301522572..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: कुछ यूँ दिये निदा फ़ाज़ली ने जवाबSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-68670283082025999852009-01-08T09:46:00.000+05:302009-01-08T09:46:00.000+05:30आनंद आ गया निदा फाजली साहब से बातचीत सुनकर. जैसी आ...आनंद आ गया निदा फाजली साहब से बातचीत सुनकर. जैसी आशा थी, उनके जवाब बहुत सुलझे हुए हैं. आशा है कि हिंद-युग्म पर आगे भी इसी तरह के कार्यक्रम सुनने को मिलते रहेंगे. बहुत-बहुत बधाई!Smart Indian - स्मार्ट इंडियनhttp://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-20288947530309335832009-01-08T13:00:00.000+05:302009-01-08T13:00:00.000+05:30अपने गम की आंख से देखी दुनिया अपनी लगती है..., निद...अपने गम की आंख से देखी दुनिया अपनी लगती है..., निदा साहब को हमारे घरों तक पहुँचने का शुक्रिया...मज़ा आ गया भाई "मैं उस भाषा को जनवादी कहता हूँ जिसमें हिन्दी और उर्दू में मतभेद नही है..." वाह क्या बात है निदा साहबसजीव सारथीhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-16179069865602197352009-01-08T13:03:00.000+05:302009-01-08T13:03:00.000+05:30बहुत बहुत शुक्रिया. आपने सारी बातचीत की रिकार्डिं...बहुत बहुत शुक्रिया. आपने सारी बातचीत की रिकार्डिंग सुनवाए. मैं निदा साहिब के जवाब से अग्री हु. और jaldi ही किताब को पुब्लीश करते है. इस माद्यम किए लिया आप सब का एक बार फिर से दिल से धन्यवाद. lइरशाद अलीhttp://www.blogger.com/profile/15303810725164499298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-21776746371491840512009-01-08T14:10:00.000+05:302009-01-08T14:10:00.000+05:30सुनकर ऐसा लगा मानो सभी सवालों के जवाब मिल गये हों....सुनकर ऐसा लगा मानो सभी सवालों के जवाब मिल गये हों..पर फिर भी कुछ बाकि हों.. :-)<br>ये कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा और आगे भी ऐसे प्रयास होंगे इस की शुभकामनायें..तपन शर्माhttp://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-38266150306062938582009-01-08T14:55:00.000+05:302009-01-08T14:55:00.000+05:30इरशाद जी,आपकी शिकायत दूर हुई तो मुझे भी चैन आया......इरशाद जी,<br>आपकी शिकायत दूर हुई तो मुझे भी चैन आया....आप तो बिल्कुल परेशान हो गये थे....आब उनको फैक्स कीजिए, किताब छपवाइए और आगे भी सवाल पूछते रहिए....<br><br>निखिलनिखिल आनन्द गिरिhttp://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-40763573388320864452009-01-08T19:14:00.000+05:302009-01-08T19:14:00.000+05:30निदाफाज़ली साहब ही बातचीत सुनकर तो मज़ा आगया जैसे य...निदाफाज़ली साहब ही बातचीत सुनकर तो मज़ा आगया जैसे यथार्थ से परिचय हुआ ग़ज़लों,साहित्यों के बारे में ... आपका बहोत बहोत आभार इसके लिए ....<br><br><br>अर्श"अर्श"http://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-30399927378184398552009-01-08T23:48:00.000+05:302009-01-08T23:48:00.000+05:30बहुत शुक्रिया हिन्दी युग्म का . . . निदा साहब के स...बहुत शुक्रिया हिन्दी युग्म का . . . निदा साहब के सुलझे जवाब सुन कर काफ़ी तस्सली हुई . . . और हाँ,एक और शुक्रिया मेरे सवाल को पूछने का जो कई दिनो से ज़ेहन में सहेज रखा था मैने. . .Saurabh Srivastavhttp://surelyuarejoking.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-68376731553698330352009-01-13T02:00:00.000+05:302009-01-13T02:00:00.000+05:30ज़नाब निदा साहब की सारी बातेँ आज जाकर सुन पाई हूँ -...ज़नाब निदा साहब की <br>सारी बातेँ आज जाकर सुन पाई हूँ -<br>मेरे प्रश्न का उत्तर जो उन्होँने दिया, वही भाव मुझे भी<br>अपनी हर रचना के साथ रहा है -<br> हर कृति अपने ही<br>बच्चोँ के जैसी होती है -<br> बहुत सही व अच्छे उत्तर दिये <br>जिन्हेँ सुनकर<br>बहुत खुशी हुई -<br> आपके ऐसे प्रयासोँ के लिये<br> "हिन्दी -युग्म " को <br>बहुत बहुत धन्यवाद <br>तथा बधाईयाँ -<br> स स्नेह,<br>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-41036132781761910892009-01-14T01:15:00.000+05:302009-01-14T01:15:00.000+05:30आपने सबसे पहला सवाल मेरा पूँछ कर मुझे जो इज्जत बख्...आपने सबसे पहला सवाल मेरा पूँछ कर मुझे जो इज्जत बख्शी है उसका बहुत बहुत धन्यवाद <br>महोदय मई निदा जी के उत्तरों से मुतासिर हूँ मगर अभी भी मेरे प्रश्नों का उत्तर मुझे नही मिल पाया है खैर कोई बात नही<br> <br>वीनस केसरीvenus kesarihttp://www.venuskesari.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-28688888152797790102009-02-25T15:34:00.000+05:302009-02-25T15:34:00.000+05:30मैं भी यही मानती हूँ कि कविता व्याकरण की आधीन नहीं...मैं भी यही मानती हूँ कि कविता व्याकरण की आधीन नहीं होती।इस सुन्दर प्रयास के लिए युग्म को बधाई।शोभाhttp://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-66401443600406980912009-04-27T13:20:00.000+05:302009-04-27T13:20:00.000+05:30निदा फाज़ली जी को सुन के मन प्रसन्न हो गया. आपका बह...निदा फाज़ली जी को सुन के मन प्रसन्न हो गया. आपका बहुत धन्यवाद !Shardulahttp://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-7383373928045472812010-03-03T10:58:04.324+05:302010-03-03T10:58:04.324+05:30mere liye ye ek nai duniya hai.dhere dehre samjhan...mere liye ye ek nai duniya hai.dhere dehre samjhane lagugi.abhi tak jitana dekha aapka abhar karati hu.shailjahttp://www.blogger.com/profile/13967930321980449500noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-9435210419216342842010-06-20T22:39:59.424+05:302010-06-20T22:39:59.424+05:30हिंद-युग्म को बहुत-बहुत धन्यवाद निदा फाजिली साहब स...हिंद-युग्म को बहुत-बहुत धन्यवाद निदा फाजिली साहब से हुई बातचीत सुनवाने कावीनाhttp://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-85850974151879662962011-06-01T19:27:49.535+05:302011-06-01T19:27:49.535+05:30कानो में जो पड़ती है ये निदा,होश उठ जाता हैं जोश ज...कानो में जो पड़ती है ये निदा,<br>होश उठ जाता हैं जोश जाग जाते हैं <br>जितने बवाल दुनियाबी हों घेरे <br>कहीं खो जाते है कहीं भाग जाते हैं<br><br>कवि सार में जो कहना था वो तो बस यही था. गद्य में कहूँ तो यही के निदा जैसा ईमानदार बयान बहुत कम या शायद ही किसी सुखनवर के मुंह से सुना हो अब तक की उम्र में. मेरा नसीब के सामने मिलना, सुनना हुआ..मेरा सवाब के खरी सी बात ज़हेनो दिल मे उतरा जाती है...Reeteshhttp://www.blogger.com/profile/14268991547559637392noreply@blogger.com