tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post3486850535782276859..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: ओल्ड इस गोल्ड - शनिवार विशेष - एक खास बातचीत में हिंदुस्तान की पहली पार्श्व गायिका पारुल घोष को याद किया उनकी परपोती श्रुति मुर्देश्वर कार्तिक नेSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-78816454708749090702011-02-12T20:20:42.199+05:302011-02-12T20:20:42.199+05:30बेहद सराहनीय प्रयास!सुजॉय जी, आपकी लगन की दाद देनी...बेहद सराहनीय प्रयास!<br><br>सुजॉय जी, आपकी लगन की दाद देनी होगी, जो आपने पारुल जी की परपोती को ढूँढ निकाला। सच कहूँ तो आज हीं मैने पारुल जी को जाना है। इन्हें जानकर और सुनकर बेहद खुशी हुई और लगा कि हिन्दुस्तानी संगीत और फिल्मों के मैं और थोड़ा करीब आ गया। अच्छा लगा यह जानकर कि श्रुति जी भी गाती हैं। कभी इन्हें भी सुनना चाहूँगा।<br><br>अनिल बिस्वास जी और पन्नालाल घोष जी से जुड़े साक्षात्कारों का विश्व दीपकhttp://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-21711695804848797362011-02-12T23:51:01.610+05:302011-02-12T23:51:01.610+05:30बेहद दिलचस्प जानकारी. कुछ ऐसे तथ्य पता चले जो मैं ...बेहद दिलचस्प जानकारी. कुछ ऐसे तथ्य पता चले जो मैं नहीं जानता था.<br>बहुत बहुत धन्यवाद.<br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-49607792624627289102011-02-13T01:10:58.393+05:302011-02-13T01:10:58.393+05:30ओल्ड इज गोल्ड के गीत ,जानकारी ,बहोत्त ही आभारी हूँ...ओल्ड इज गोल्ड के गीत ,जानकारी ,<br>बहोत्त ही आभारी हूँ धन्यवाद के शब्द भी बोने है <br>गीत सुन ----- क्या लिक्खूँ <br>पुराने गीत तो दिल की धड़कन हैं स्वर्ग की सीडी हैंगुड्डोदादीhttp://www.blogger.com/profile/10381007322183223193noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-80518987778247329762011-02-13T06:54:06.822+05:302011-02-13T06:54:06.822+05:30जबरदस्त प्रयास.दाद देनी होगी आपकी कि आप हर बार कुछ...जबरदस्त प्रयास.दाद देनी होगी आपकी कि आप हर बार कुछ ऐसा नया लाते हैं जिसकी उम्मीद नही की जा सकती. पपीहा रे गाना मैं आज से लगभग १७-१८ साल पहले श्रधांजली मैं लता जी की आवाज में सुना था.<br>मजा आ गया.अमित तिवारीhttp://www.adeeti.comnoreply@blogger.com