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गीत अतीत 03 || हर गीत की एक कहानी होती है || रंग || अरविन्द तिवारी || चाणक्य शुक्ला || सजीव सारथी

Geet Ateet 03 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Song - Rang Chanakya Shukla- Composer Vocals - Arvind Tiwari, Piyush Ambhore & Subodh Pandey Lyrics - Sajeev Sarathie सभी श्रोताओं को होली की ढेरों शुभकामनाएँ, आज जिक्र "रंग" का, गायक अरविन्द तिवारी लाये है एक नया रंग इस होली आपके लिए, इस गीत को लिखा है सजीव सारथी ने और संगीतबद्ध किया है चाणक्य शुक्ला ने. तो सुनिए संगीतकार चाणक्य से आज रंग के बनने की कहानी....  डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलेस मजनूं 

मध्यरात्रि बाद के राग : SWARGOSHTHI – 307 : RAGAS AFTER MIDNIGHT

स्वरगोष्ठी – 307 में आज राग और गाने-बजाने का समय – 7 : रात के तीसरे प्रहर के राग राग मालकौंस - “नन्द के छैला ढीठ लंगरवा...” ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर हमारी श्रृंखला – “राग और गाने-बजाने का समय” की सातवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीतानुरागियों का स्वागत करता हूँ। भारतीय संगीत की अनेक विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि उत्तर भारतीय संगीत के प्रचलित राग परम्परागत रूप से ऋतु प्रधान हैं अथवा प्रहर प्रधान। अर्थात संगीत के प्रायः सभी राग या तो अवसर विशेष या फिर समय विशेष पर ही प्रस्तुत किये जाने की परम्परा है। बसन्त ऋतु में राग बसन्त और बहार तथा वर्षा ऋतु में मल्हार अंग के रागों के गाने-बजाने की परम्परा है। इसी प्रकार अधिकतर रागों के प्रयोग का एक निर्धारित समय होता है। उस विशेष समय पर ही राग को सुनने पर आनन्द प्राप्त होता है। भारतीय कालगणना के सिद्धान्तों का प्रतिपादन करने वाले प्राचीन मनीषियों ने दिन और रात के चौबीस घण्टों को आठ प्रहर में बाँटा है। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के चार प्रहर को दि

चित्रकथा - 8: 2017 के प्रथम दो महीनों की फ़िल्मों का संगीत

अंक - 8 2017 के प्रथम दो महीनों की फ़िल्मों का संगीत “ साजन आयो रे, सावन लायो रे... ” 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं है। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। हमारी दिलचस्पी का आलम ऐसा है कि हम केवल फ़िल्में देख कर या गाने सुनने तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखते, बल्कि फ़िल्म संबंधित हर तरह की जानकारियाँ बटोरने का प्रयत्न करते रहते हैं। इसी दिशा में आपके हमसफ़र बन कर हम आ रहे हैं हर शनिवार ’चित्रकथा’ लेकर। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ के पहले अंक में

गीत अतीत 02 || हर गीत की एक कहानी होती है || मैनरलेस मजनूँ || रंनिंग शादी डॉट कॉम || सुकन्या पुरकायस्थ

Geet Ateet 02 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Mannerless Majnu Sukanya Purkayastha- Singer आज सुनिए फिल्म रंनिंग शादी डॉट कॉम के गीत मैनर -लेस मजनूँ के बनने की कहानी, गीत की गायिका सुकन्या पुरकायस्थ की जुबानी. गीत के बोल लिखे हैं मनोज यादव ने, और धुन के ढाला है अभिषेक अक्षय ने. छेड़ छाड़ और मस्ती से भरपूर इस गीत का आनंद लें, सुरीली सुकन्या के साथ आज के एपिसोड में, प्ले का बट्टन दबाएँ और आनंन्द लें...  डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी)

रात्रिकालीन राग : SWARGOSHTHI – 306 : RAGAS OF NIGHT

स्वरगोष्ठी – 306 में आज  राग और गाने-बजाने का समय – 6 : रात के दूसरे प्रहर के राग लता जी के दिव्य स्वर में जयजयवन्ती - ‘मनमोहना बड़े झूठे...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर हमारी श्रृंखला, “‘राग और गाने-बजाने का समय” की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। उत्तर भारतीय संगीत की अनेक विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि संगीत के प्रचलित राग परम्परागत रूप से ऋतु प्रधान हैं या प्रहर प्रधान। अर्थात संगीत के प्रायः सभी राग या तो अवसर विशेष या फिर समय विशेष पर ही प्रस्तुत किये जाने की परम्परा है। बसन्त ऋतु में राग बसन्त और बहार तथा वर्षा ऋतु में मल्हार अंग के रागों के गाने-बजाने की परम्परा है। इसी प्रकार अधिकतर रागों को गाने-बजाने की एक निर्धारित समयावधि होती है। उस विशेष समय पर ही राग को सुनने पर आनन्द प्राप्त होता है। भारतीय कालगणना के सिद्धान्तों का प्रतिपादन करने वाले प्राचीन मनीषियों ने दिन और रात के चौबीस घण्टों को आठ प्रहर में बाँटा है। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त

छाया-गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता के परिणाम

छाया-गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता के परिणाम ’रेडियो प्लेबैक इंडिया’ की तरफ़ से आप सभी को सुजॉय चटर्जी का नमस्कार! गत 16 जनवरी को ’छाया गीत आलेख लेखन प्रतियोगिता’ की घोषणा की गई थी। तब से लेकर प्रतियोगिता की समय-सीमा पूरी होने तक, यानी कि 10 फ़रवरी तक करीब-करीब 550 पाठक इस प्रतियोगिता के पेज पर पधारे, और उनमें से कईयों ने अपनी अपनी प्रविष्टि भेज कर हमारे इस पूरे आयोजन को सफल व सार्थक बनाया। इसके लिए हम आप सभी का तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। ’विविध भारती’ के प्रसिद्ध ’छाया गीत’ कार्यक्रम के स्वरूप में आलेख लिख कर और गीतों का चयन कर आप सब ने हमें भेजा, और हमारी निर्णायक मंडल ने सभी प्रविष्टियों को भाषा, आलेख की सुन्दर प्रस्तुति और गीतों के चयन के पैमानों पर परखा, और विजेताओं का निर्धारण किया। परिणाम प्रथम स्थान - आशा गुप्ता, पोर्ट ब्लेअर द्वितीय स्थान - प्रकाश गोविन्द, लखनऊ द्वितीय स्थान - मिठाई लाल, वाराणसी तृतीय स्थान - व्योमा मिश्र, इन्दौर आप सभी विजेताओं को ’रेडियो प्लेबैक इंडिया’ की हार्दिक बधाई!

गीत अतीत 01 || हर गीत की एक कहानी होती है || ओ रे रंगरेज़ा || जॉली एल एल बी || जुनैद वसी

Geet Ateet 01  Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... O Re Ranreza - Jolly LLB Junaid Wasi - Lyricist बहुत दिनों बाद किसी फिल्म में एक बहुत ही दमदार सूफियाना कव्वाली सुनने को मिली है, फिल्म जौली एल एल बी 2 के इस गीत को स्वरबद्ध किया है फिल्म "नीरजा" से चर्चा में आये संगीतकार विशाल खुराना ने, सुखविंदर की दमदार आवाज़ ने इस कव्वाली को एक अलग ही बुलंदी दे दी है. शब्द लिखे हैं जुनैद वसी ने. शब्दों की बानगी देखिये ज़रा - " मैं हूँ माटी जग बाज़ार, तू कुम्हार है, मेरी कीमत क्या लगे सब तेरी मर्जी है, सुबह माथे तू ज़रा सा नूर जो मल दे, तो संवर जाए ये किस्मत इतनी अर्जी है.... " तो सुनते हैं इन्हीं शब्दों के जादूगर जुनैद वसी से इस गीत के बनने की कहानी....प्ले का बट्टन दबाएँ और आनंद लें.... डाउनलोड कर के सुनें यहाँ से....

Ek Mulakaat Zaroori Hai - Season 01- 50 Episodes

Show Name  Ek Mulakaat Zaroori Hai  Total Episodes 50 Season 01  Host - Sajeev Sarathie  रितु पाठक  श्रीराम अय्यर   पंकज सुबीर   रशीद खान   दिग्विजय सिंह परियार  राकेश चतुर्वेदी ओम अनवर सागर संजीवन लाल कुणाल वर्मा आदित्य शर्मा निखिल कामथ मंजीरा गांगुली रितेश शाह वरदान सिंह यतीन्द्र मिश्र विपिन पटवा श्रेया शालीन साकेत सिंह विजय अकेला अज़ीम शिराज़ी संजोय चौधरी अरविन्द तिवारी भारती विश्वनाथन अविषेक मजुमदर शुभा मुदगल अल्ताफ सय्यद अभिजित घोषाल साशा तिरुपति मोनीश रजा अमित खन्ना (पार्ट ०१) अमित खन्ना (पार्ट २) श्रध्दा भिलावे सलीम दीवान सिद्धार्थ बसरूर बबली हक आश्विन भंडारे   आर्व रोहित शर्मा अमानो मनीष मनोज यादव इब्राहीम अश्क हेमा सरदेसाई बिस्वजीत भट्टाचार्जी (बिबो) हर्षवर्धन ओझा रफीक शेख अनुराग गोडबोले रत्न नौटियाल डाक्टर सागर