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ऑडियो: लाल स्कार्फ़ वाली लड़की (अनुलता राज नायर)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने  शीतल माहेश्वरी  के स्वर में  अमित कुमार श्रीवास्तव  का व्यंग्य  एक मुलाक़ात प्याज़ से का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं अनुलता राज नायर की लघुकथा "लाल स्कार्फ़ वाली लड़की" , जिसे स्वर दिया है, शीतल माहेश्वरी ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 38 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अनुलता राज नायर भोपाल निवासी लेखिका और यादों का ईडियट बॉक्स की निर्मात्री। 250 से अधिक रेडियो रचनाएँ प्रसारित और एक पुस्तक प्रकाशित। हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी " लडकी भी उसकी उपस्थिति से अभ्यस्त हो चुकी थी सो उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की... बस अपना घरौंदा बनाती रही... " ( अनुलता राज नायर की "लाल स्कार्फ़ वाली लड़की" से

राग गारा : SWARGOSHTHI – 449 : RAG GARA

स्वरगोष्ठी – 449 में आज नौशाद की जन्मशती पर उनके राग – 5 : राग गारा लच्छू महाराज की अनूठी नृत्य-संरचना देखिए, गारा में पिरोया गीत; “मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो...” लता मंगेशकर नौशाद ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर हमारी श्रृंखला – “नौशाद की जन्मशती पर उनके राग” की पाँचवीं और समापन कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय फिल्म संगीत के शिखर पर विराजमान रहे नौशाद अली के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर चर्चा करेंगे। श्रृंखला की विभिन्न कड़ियों में हम आपको फिल्म संगीत के माध्यम से रागों की सुगन्ध बिखेरने वाले अप्रतिम संगीतकार नौशाद अली के कुछ राग-आधारित गीत प्रस्तुत करेंगे। 25 दिसम्बर, 1919 को सांगीतिक परम्परा से समृद्ध शहर लखनऊ के कन्धारी बाज़ार में एक साधारण परिवार में नौशाद अली का जन्म हुआ था। इस तिथि के अनुसार बीते 25 दिसम्बर, 2019 को नौशाद का एक सौवाँ जन्मदिन सम्पन्न हुआ है। इस उपलक्ष्य में हम “स्वरगोष्ठी” के दिसम्बर मास के प्रत्येक अंक में नौशाद के कु

राग देसी : SWARGOSHTHI – 448 : RAG DESI

स्वरगोष्ठी – 448 में आज नौशाद की जन्मशती पर उनके राग – 4 : राग देसी पं.दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर और उस्ताद अमीर खाँ से सुनिए; “आज गावत मन मेरो...” उस्ताद फ़ैयाज़ खाँ नौशाद ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला – “नौशाद की जन्मशती पर उनके राग” की चौथी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय फिल्म संगीत के शिखर पर विराजमान रहे नौशाद अली के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर चर्चा करेंगे। श्रृंखला की विभिन्न कड़ियों में हम आपको फिल्म संगीत के माध्यम से रागों की सुगन्ध बिखेरने वाले अप्रतिम संगीतकार नौशाद अली के कुछ राग-आधारित गीत प्रस्तुत करेंगे। 25 दिसम्बर, 1919 को सांगीतिक परम्परा से समृद्ध शहर लखनऊ के कन्धारी बाज़ार में एक साधारण परिवार में नौशाद अली का जन्म हुआ था। इस तिथि के अनुसार दिसम्बर, 2019 में नौशाद का एक सौवाँ जन्मदिन पड़ता है। इस उपलक्ष्य में हम “स्वरगोष्ठी” के दिसम्बर मास के प्रत्येक अंक में नौशाद के कुछ राग आधारित ऐतिहासिक गीत प