Skip to main content

Posts

ऑडियो: पुत्रमोह (मधुदीप की लघुकथा)

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में गौतम राजर्षि की मर्मस्पर्शी कहानी  बर्थ नम्बर तीन का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मधुदीप गुप्ता की लघुकथा पुत्रमोह , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 12 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखक: मधुदीप गुप्ता जन्म: 1-5-1950; दुजाना (हरियाणा) सम्प्रति: निदेशक, दिशा प्रकाशन लघुकथा शृंखला ‘पड़ाव और पड़ताल’ के 20 खण्डों के सम्पादन/संयोजन हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी आपने उस समय सही कहा था मेरे दोस्त! हमारा भविष्य हमारे अ

राग मियाँ मल्हार : SWARGOSHTHI – 428 : RAG MIYAN MALHAR

स्वरगोष्ठी – 428 में आज वर्षा ऋतु के राग – 2 : मियाँ मल्हार पण्डित कुमार गन्धर्व से इस राग में खयाल और वाणी जयराम से फिल्मी गीत सुनिए कुमार  गन्धर्व वाणी  जयराम ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी नई श्रृंखला – “वर्षा ऋतु के राग” की दूसरी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। आपको स्वरों के माध्यम से बादलों की उमड़-घुमड़, बिजली की कड़क और रिमझिम फुहारों में भींगने के लिए आमंत्रित करता हूँ। यह श्रृंखला, वर्षा ऋतु के रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत पर केन्द्रित है। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही सम्बन्धित राग के आधार पर रचे गए फिल्मी गीत भी प्रस्तुत करेंगे। भारतीय संगीत के अन्तर्गत मल्हार अंग के सभी राग पावस ऋतु के परिवेश की सार्थक अनुभूति कराने में समर्थ हैं। आम तौर पर इन रागों का गायन-वादन वर्षा ऋतु में अधिक किया जाता है। इसके साथ ही कुछ ऐसे सार्वकालिक राग भी

ऑडियो: बर्थ नम्बर तीन (गौतम राजर्षि)

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी  की आवाज़ में शिवम खरे की लघुकथा " गरीबी रेखा का कार्ड " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं कर्नल गौतम राजर्षि की मर्मस्पर्शी कहानी " बर्थ नम्बर तीन ", शीतल माहेश्वरी  के स्वर में। " बर्थ नम्बर तीन " का कुल प्रसारण समय 11 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का टेक्स्ट पाल ले इक रोग नादाँ पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हवा जब किसी की कहानी कहे है नये मौसमों की जुबानी कहे है फ़साना लहर का जुड़ा है ज़मीं से समुन्दर मगर आसमानी कहे है ~  गौतम राजर्षि हर सप्ताह यहीं पर सु