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ऑडियो कथा: प्रश्न का पेड़ - मनीषा कुलश्रेष्ठ

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में  प्रबोध गोविल  की कथा ' लोग पत्थर फेंकते हैं ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ की कथा  'प्रश्न का पेड़' ,  पूजा अनिल  के स्वर में। कहानी "प्रश्न का पेड़" का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 59 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। एक बार फिर से घर ट्रक के हवाले और हम बेघर... नये घर के सजने तक... हमारे परदे किसी टैंट या बाशा (बांस के घर) में लग जाते हैं वही घर हो जाता है हम फौजी परिवारों का। आसान तो नहीं यूँ जीना लेकिन धरती को घर मान लो तो फिर सब आनंद। - मनी

राग नन्द : SWARGOSHTHI – 408 : RAG NAND

स्वरगोष्ठी – 408 में आज कल्याण थाट के राग – 6 : राग नन्द पं. कुमार गन्धर्व से राग नन्द का खयाल और लता मंगेशकर से इस राग में पिरोया फिल्मी गीत सुनिए पण्डित कुमार गन्धर्व लता मंगेशकर और मदन मोहन “रेडियो प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी लघु श्रृंखला “कल्याण थाट के राग” के छठे अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट-व्यवस्था है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण

ऑडियो: लोग पत्थर फेंकते हैं (लघुकथा) - प्रबोध गोविल

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में  जैनेंद्र कुमार  की कथा ' अपना अपना भाग्य ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रबोध गोविल की हिंदी लघुकथा  'लोग पत्थर फेंकते हैं' ,  अनुराग शर्मा  के स्वर में। कहानी "लोग पत्थर फेंकते हैं" का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 42 सेकंड है। इसका गद्य ' कहना पड़ता है ' पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। साहित्य जीवन का दस्तावेज़ है। यदि आप अपने घर से बाहर निकल कर कुछ देखने का जोख़िम नहीं लेना चाहते,तो अपना घर ही देखिये-वहां भी एक भाग में,जहाँ आप पूजा करते हैं,आप जूते