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चित्रकथा - 20: रीमा लागू की शुरुआती फ़िल्मी भूमिकाएँ

अंक - 20 रीमा लागू को श्रद्धांजलि रीमा लागू की शुरुआती फ़िल्मी भूमिकाएँ  ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ में आपका हार्दिक स्वागत है।  18 मई 2017 को सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रीमा लागू का मात्र 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इतनी जल्दी उनके दुनिया-ए-फ़ानी से चले जाने से अभिनय जगत को जो क्षति पहुँची है उसकी भरपाई हो पाना असंभव है। 35 सालों से उपर के अभिनय सफ़र में रीमा जी ने दर्शकों के दिल

गीत अतीत 14 || हर गीत की एक कहानी होती है || धीमी || ट्रैप्ड || अलोकानंदा दासगुप्ता

Geet Ateet 14 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Deemi Trapped (Tejas Menon, Rajeshwari Dasgupta) Alokananda Dasgupta- Composer प्रसिद्द कवि एवं फिल्म निर्देशक बुद्धादेव दासगुप्ता की बेहद प्रतिभावान सुपुत्री अलोकानंदा दासगुप्ता ने बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनायीं फिल्म "बी ए पास" से, अभी हाल ही में प्रदर्शित राजकुमार राव अभिनीत फिल्म "ट्रैप्ड" में उनका संगीत लीक से बहुत हटकर है, इसी फिल्म के गीत "धीमी" के बनने की सुनिए कहानी आज स्वयं अलोकानंदा की जुबानी...धीमी को लिखा है उन्हीं की बहन राजेश्वरी दासगुप्ता ने, और गाया है तेजस मेनन ने, तो प्ले का बटन दबाएँ और सुनें ये पॉडकास्ट.... डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलैस मजनूं (रंनिंग शादी डॉट कॉम) रंग (अरविन्द तिवारी, गैर फ़िल्मी सिंगल) हमसफ़र (बदरी की दुल्हनिया) सनशाईन (गैर फ़िल्मी सिंगल) हौले हौले (गैर फ़िल्मी सिंगल) कागज़ सी है ज़िन्दगी (जीना इसी का नाम है)  बेखुद (गैर फ़िल्मी सिंगल)

प्रेमचंद की 'बड़े भाई साहब' ऑडियो

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने पूजा अनिल के स्वर में  प्रमिला वर्मा की लघुकथा  कारा मत नापो मिन्नी का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रेमचंद की कहानी  बड़े भाई साहब , जिसे स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 24 मिनट 50 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मुंशी प्रेमचंद हिंदी और उर्दू के प्राख्यात कथाकार हैं। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह सुनिए हिन्दी में एक नयी कहानी मेरा जी पढने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना प

राग कल्याण : SWARGOSHTHI – 318 : RAG KALYAN

स्वरगोष्ठी – 318 में आज संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन – 4 : राग कल्याण में गजल राग कल्याण अथवा यमन में उस्ताद राशिद खाँ से खयाल और सुधा मल्होत्रा से गजल सुनिए ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के मंच पर ‘स्वरगोष्ठी’ की जारी श्रृंखला “संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन” की चौथी कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, इस श्रृंखला में हम फिल्म जगत में 1948 से लेकर 1967 तक सक्रिय रहे संगीतकार रोशन के राग आधारित गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। रोशन ने भारतीय फिल्मों में हर प्रकार का संगीत दिया है, किन्तु राग आधारित गीत और कव्वालियों को स्वरबद्ध करने में उन्हें विशिष्टता प्राप्त थी। भारतीय फिल्मों में राग आधारित गीतों को स्वरबद्ध करने में संगीतकार नौशाद और मदन मोहन के साथ रोशन का नाम भी चर्चित है। इस श्रृंखला में हम आपको संगीतकार रोशन के स्वरबद्ध किये राग आधारित गीतों में से कुछ गीतों को चुन कर सुनवा रहे हैं और इनके रागों पर चर्चा भी कर रहे हैं। इस परिश्रमी संगीतकार का पूरा नाम रोशन लाल नागरथ था। 14 जुलाई 1917

चित्रकथा - 19: 2017 के मार्च और अप्रैल में प्रदर्शित फ़िल्मों का संगीत

अंक - 19 2017 के मार्च और अप्रैल में प्रदर्शित फ़िल्मों का संगीत "होली खेले बृज की हर बाला..."  ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ में आपका हार्दिक स्वागत है।  फ़िल्म-संगीत की धारा, जो 1931 में शुरु हुई थी, निरन्तर बहती चली जा रही है, और इस वर्ष भी यह सुरीली धारा रसिकों के दिलों से गुज़रती हुई बहे चली जा रही है। आइए आज ’चित्रकथा’ में चर्चा करें मार्च और अप्रैल 2017 में प्रदर्

गीत अतीत 13 || हर गीत की एक कहानी होती है || दम दम || फिल्लौरी || शाश्वत सचदेव ||

Geet Ateet 13 Har Geet Kii Ek Kahaani Hoti Hai... Dum Dum Phillauri (Romy, Vivek Hariharan, Anvita Dutt) Shashwat Sachdev- Composer आज जिस गीत की कहानी लेकर हम उपस्तिथ हैं उसमें महक है पंजाब के मिटटी की...फिल्म "फिल्लौरी" के इस मधुर और सुरीले गीत को आवाज़ दी है रोमी और विवेक हरिहरन ने, अन्वित्ता दत्त ने इसे कलमबद्ध किया है सुरों से सजाया है हमारे आज के मेहमान संगीतकार शाश्वत सचदेव ने. बहुत ही युवा कलाकार है शाश्वत, और अपनी पहली ही फिल्म में इन्होने अपने काम उम्मीदें जगाई है....मिलिए शाश्वात से और सुनिए "दम दम" गीत के बनने की कहानी, प्ले पर क्लिक करें और आनंद लें   डाउनलोड कर के सुनें  यहाँ  से.... सुनिए इन गीतों की कहानियां भी - ओ रे रंगरेज़ा (जॉली एल एल बी) मैनरलैस मजनूं (रंनिंग शादी डॉट कॉम) रंग (अरविन्द तिवारी, गैर फ़िल्मी सिंगल) हमसफ़र (बदरी की दुल्हनिया) सनशाईन (गैर फ़िल्मी सिंगल) हौले हौले (गैर फ़िल्मी सिंगल) कागज़ सी है ज़िन्दगी (जीना इसी का नाम है)  बेखुद (गैर फ़िल्मी सिंगल) इतना तुम्हें (मशीन)  आ

बोलती कहानियाँ: कारा मत नापो मिन्नी

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने  अर्चना चावजी  के स्वर में  मालती जोशी की कहानी  आखरी शर्त का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रमिला वर्मा की कहानी कारा मत नापो मिन्नी , जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 24 मिनट 54 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखिका: प्रमिला वर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "मान जाओ निम्मो”  ( प्रमिला वर्मा  कृत " कारा मत नापो मिन्नी " से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लि