Skip to main content

Posts

परीशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए.. पेश-ए-नज़र है अल्लामा इक़बाल का दर्द मेहदी हसन की जुबानी

महफ़िल ए कहकशाँ 18 दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है मोहम्मद अल्लामा इकबाल की लिखी गज़ल मेहदी हसन की आवाज़ में|   मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी इस ऑडियो को आप यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं| लिंक पर राइट क्लिक करके सेव एज का आप्शन चुनें| allamaiqbal.mp3

"आज भी मुझे अपना लखनऊ बहुत याद आता है" - अनवर सागर : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है  एपिसोड - 44 नववर्ष विशेष  दोस्तों नए साल की आप सब को ढेर सारी शुभकामनाएं. आईये आज आपको ले चलें ९० के उस सुरीले दौर में जब रोमांटिक गीतों की मिठास कानों में शहद घोलती थी, और मिलवाते हैं उस दौर के एक बेहद कामियाब गीतकार अनवर सागर साहब से. उनके लिखे ढेरों गीतों से आप सब परिचित हैं, इन दिनों वो अपनी खुद की फिल्म 'लखनऊ से आई उमराव जान' पर काम कर रहे हैं. तो बस प्ले का बट्टन दबाएँ और सुनें ये दिलकश बातचीत.... ये एपिसोड आपको कैसा लगा, अपने विचार आप 09811036346 पर व्हाट्सएप भी कर हम तक पहुंचा सकते हैं, आपकी टिप्पणियां हमें प्रेरित भी करेगीं और हमारा मार्गदर्शन भी....इंतज़ार रहेगा. एक मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड के प्रायोजक थे अमेजोन डॉट कॉम, अमोज़ोन पर अब आप खरीद सकते हैं, ये ये ताज़ातरीन पुस्तक, मात्र 102 रूपए में, खरीदने के लिए क्लिक करें    एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें  मिलिए इन जबरदस्त कलाकारों से भी

स्वागत नववर्ष 2017 : SWARGOSHTHI – 299 : WELCOME NEW YEAR 2017

नववर्ष 2017 पर  सभी पाठकों और श्रोताओं को हार्दिक शुभकामनाएँ  स्वरगोष्ठी – 299 में आज महाविजेताओं की प्रस्तुतियाँ – 1 तीसरे महाविजेता प्रफुल्ल पटेल और चौथी महाविजेता हरिणा माधवी की प्रस्तुतियाँ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का नववर्ष के पहले अंक में हार्दिक अभिनन्दन है। इसी अंक से आपका प्रिय स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ सातवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विगत छह वर्षों से असंख्य पाठकों, श्रोताओं, संगीत शिक्षकों और वरिष्ठ संगीतज्ञों का प्यार, दुलार और मार्गदर्शन इस स्तम्भ को मिलता रहा है। इन्टरनेट पर शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक, सुगम और फिल्म संगीत विषयक चर्चा का सम्भवतः यह एकमात्र नियमित साप्ताहिक स्तम्भ है, जो विगत छह वर्षों से निरन्तरता बनाए हुए है। इस पुनीत अवसर पर मैं कृष्णमोहन मिश्र, ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सम्पादक और संचालक मण्डल के सभी सदस्यों- सजीव सारथी, सुजॉय चटर्जी, अमित तिवारी, अनुराग शर्मा, विश्वदीपक, संज्ञा टण्डन, पूजा अनिल और रीतेश खरे के साथ अपने सभी पाठकों और