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वर्षान्त विशेष लघु श्रृंखला "2016 का फ़िल्म-संगीत" का चौथा भाग सोमवार 26 दिसंबर को पोस्ट होगा

किसी कारणवश वर्षान्त विशेष लघु श्रृंखला "2016 का फ़िल्म-संगीत" का चौथा भाग हम शनिवार 24 दिसंबर को प्रकाशित कर पाने में असमर्थ हैं। यह अंक 26 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। इस असुविधा के लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं। आप सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँ। सुजॉय चटर्जी

ज़ाहिद न कह बुरी कि ये मस्ताने आदमी हैं.. ताहिरा सैय्यद ने कुछ यूँ आवाज़ दी दाग़ की दीवानगी और मस्तानगी को

कहकशाँ - 26 ताहिरा सय्यद की आवाज़ में दाग़ दहलवी का कलाम    "ज़ाहिद न कह बुरी कि ये मस्ताने आदमी हैं..." ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। हर दौर में शायरों ने, गुलुकारों ने, क़व्वालों ने इस अदबी रवायत को बरकरार रखने की पूरी कोशिशें की हैं। और यही वजह है कि आज हमारे पास एक बेश-कीमती ख़ज़ाना है इन सुरीले फ़नकारों के फ़न का। यह वह कहकशाँ है जिसके सितारों की चमक कभी फ़ीकी नहीं पड़ती और ता-उम्र इनकी रोशनी इस दुनिया के लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ को सुकून पहुँचाती चली आ रही है। पर वक्त की रफ़्तार के साथ बहुत से ऐसे नगीने मिट्टी-तले दब जाते हैं। बेशक़ उनका हक़ बनता है कि हम उन्हें जानें, पहचानें और हमारा भी हक़ बनता है कि हम उन नगीनों से नावाकिफ़ नहीं रहें। बस इसी फ़ायदे के लिए इस ख़ज़ाने में से हम चुन कर लाएँगे आपके लिए कुछ कीमती नगीने हर हफ़्ते और बताएँगे कुछ दिलचस्प बातें इन फ़नकारों के बारे में। तो पेश-ए-ख़िदमत है नगमों, नज़्मों, ग़ज़लों और क़व्वालियों की ए

"पहले संगीतकार राजाओं की तरह काम करते थे, खुद को महत्त्व देना बहुत ज़रूरी है"- निखिल कामथ : एक मूलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है  एपिसोड - 42 क्रिसमस विशेष  9० के दशक का जिक्र आते ही याद आते हैं, बहुत से बेहद कर्णप्रिय रोमांटिक गीत, और याद आती हैं बहुत सी संगीत जोड़ियाँ. इन्हीं जोड़ियों में एक रही निखिल विनय की जोड़ी. 'प्यार भरा दिल', चोर और चाँद', 'बेवफा सनम', 'तुम बिन' जैसी जाने कितनी फ़िल्में और कितने हिट गीत यादों में कऊँध जाते हैं जब हम इस जोड़ी का जिक्र करते हैं, इसी जोड़ी से संगीतकार निखिल कामथ हैं हमारे आज के मेहमान. आईये इस क्रिसमस याद करें ९० का वो मेलोडियस दशक निखिल जी के साथ....प्ले का बटन दबाएँ और आनंद लें इस बातचीत का. > ये एपिसोड आपको कैसा लगा, अपने विचार आप 09811036346 पर व्हाट्सएप भी कर हम तक पहुंचा सकते हैं, आपकी टिप्पणियां हमें प्रेरित भी करेगीं और हमारा मार्गदर्शन भी....इंतज़ार रहेगा. एक मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड के प्रायोजक थे अमेजोन डॉट कॉम, अमोज़ोन पर अब आप खरीद सकते हैं, ये लाजवाब पुस्तक जो भारतीय माइथोलॉजी के बहुत से रहस्य खुद में छुपाये है, खरीदने के लिए क्लिक करें एक मुलाकात ज़रूरी है