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"संगीतकारों के पास आजकल गायकों के बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं" - मंजीरा गांगुली : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है  एपिसोड - 38 एक रियलटी शो से लोकप्रिय हुई गायिका मंजीरा गांगुली आज बॉलीवुड में एक जाना माना नाम है, ताज़ा प्रदर्शित फिल्म "फाईनल कट ऑफ़ द डैरक्टर" में इनका हिमेश रेशमिया के साथ एक डुएट जारी हुआ है, जिसे समीर ने लिखा और मोंटी शर्मा ने स्वरबद्ध किया है. इसके आलावा मंजीरा और क्या क्या कर रही है इन दिनों जानिए इसी खूबसूरत आवाज़ की मालकिन गायिका से, आज के एपिसोड में, प्ले का बटन दबाएँ और आनंद लें इस दिलचस्प बातचीत का  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

राग मुल्तानी : SWARGOSHTHI – 293 : RAG MULTANI

स्वरगोष्ठी – 293 में आज नौशाद के गीतों में राग-दर्शन – 6 : राग मुल्तानी का रसास्वादन कराता गीत “दया कर हे गिरिधर गोपाल...” ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी श्रृंखला – “नौशाद के गीतों में राग-दर्शन” की छठीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज के अंक में हम आपसे राग मुल्तानी पर चर्चा करेंगे। इस श्रृंखला में हम भारतीय फिल्म संगीत के शिखर पर विराजमान नौशाद अली के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर चर्चा कर रहे हैं। श्रृंखला की विभिन्न कड़ियों में हम आपको फिल्म संगीत के माध्यम से रागों की सुगन्ध बिखेरने वाले अप्रतिम संगीतकार नौशाद अली के कुछ राग-आधारित गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। इस श्रृंखला का समापन हम आगामी 25 दिसम्बर को नौशाद अली की 98वीं जयन्ती के अवसर पर करेंगे। 25 दिसम्बर, 1919 को सांगीतिक परम्परा से समृद्ध शहर लखनऊ के कन्धारी बाज़ार में एक साधारण परिवार में नौशाद का जन्म हुआ था। नौशाद जब कुछ बड़े हुए तो उनके पिता वाहिद अली घसियारी मण्डी स्थित अपने नए घर में आ गए। यहीं न

"इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत...”, बटालवी के इस कविता की क्यों ज़रूरत आन पड़ी ’उड़ता पंजाब’ में?

एक गीत सौ कहानियाँ - 99   ' इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत... '   रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों,  हम  रोज़ाना  रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'|  इसकी 99-वीं कड़ी में आज जानिए 2016 की फ़िल्म ’उड़ता पंजाब’ के मशहूर गीत "इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत ग़ुम है

मोहब्बत की कहानी आँसूओं में पल रही है.. सज्जाद अली ने शहद-घुली आवाज़ में थोड़ा-सा दर्द भी घोल दिया है

महफ़िल ए कहकशाँ 16 सज्जाद अली  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है पाकिस्तानी गायक सज्जाद अली की आवाज़ में एक नज़्म|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

"'पिंक' ने लोगों की उन्हीं भावनाओं को स्वर दिया है जो वो पहले से महसूस करते थे"- रितेश शाह : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है  एपिसोड - 37 कुछ फ़िल्में व्यवसायिक सफलता से भी अधिक दर्शकों के दिलो-जेहन में अपनी एक स्थिर उपस्तिथि दर्ज करने में कामियाब रहती है. इस वर्ष प्रदर्शित "पिंक" एक ऐसी ही फिल्म है, मिलिए इसी फिल्म के लेखक रितेश शाह से आज के एपिसोड में. नमस्ते लन्दन, कहानी, एयर लिफ्ट, मदारी, जैसी ढेरों फ़िल्में रितेश लिख चुके हैं, और अपनी हर फिल्म के साथ इंडस्ट्री में अपनी पहचान मजबूत करते जा रहे हैं रितेश. इस एपिसोड में हमने "पिंक" पर एक विमर्श भी किया है, जिसमें आप श्रोताओं के सवाल भी रितेश के सामने रखे गए हैं, बहुत कुछ है रितेश के पास कहने को और आपके लिए सुनने को, तो देर किस बात की, प्ले का बटन दबाएँ और इस साक्षात्कार का आनंद लें.   एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

बोलती कहानियाँ: गोपी लौट आया

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में माधव नागदा की लघुकथा " माँ " का पाठ सुना था। बाल दिवस अवसर पर इस बार हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं दर्शन सिंह आशट की बालकथा गोपी लौट आया , जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने। प्रस्तुत लघुकथा " गोपी लौट आया " का कुल प्रसारण समय 7 मिनट 32 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अभिव्यक्ति में पढा जा सकता है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कविता संग्रह के लिए केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार 2011 के विजेता डॉ. दर्शन सिंह आशट लगभग सत्तर पुस्तकों के लेखक हैं। पटियाला निवासी डॉ. आशट बालप्रीत पत्रिका के सम्पादक भी हैं।

राग देसी : SWARGOSHTHI – 292 : RAG DESI

स्वरगोष्ठी - 292 में आज नौशाद के गीतों में राग-दर्शन – 5 : रागदारी संगीत की सुगन्ध बिखेरता दौर “आज गावत मन मेरो झूम के, तेरी तान भगवान...” ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी श्रृंखला – “नौशाद के गीतों में राग-दर्शन” की पाँचवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय फिल्म संगीत के शिखर पर विराजमान नौशाद अली के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर चर्चा कर रहे हैं। श्रृंखला की विभिन्न कड़ियों में हम आपको फिल्म संगीत के माध्यम से रागों की सुगन्ध बिखेरने वाले अप्रतिम संगीतकार नौशाद अली के कुछ राग-आधारित गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। इस श्रृंखला का समापन हम आगामी 25 दिसम्बर को नौशाद अली की 98वीं जयन्ती के अवसर पर करेंगे। 25 दिसम्बर, 1919 को सांगीतिक परम्परा से समृद्ध शहर लखनऊ के कन्धारी बाज़ार में एक साधारण परिवार में नौशाद का जन्म हुआ था। नौशाद जब कुछ बड़े हुए तो उनके पिता वाहिद अली घसियारी मण्डी स्थित अपने नए घर में आ गए। यहीं निकट ही मुख्य मार्ग लाटूश रोड (वर्तमान ग