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अँखियाँ नूं चैन न आवे...बाबा नुसरत की रूहानी आवाज़ आज महफ़िल ए कहकशां में

महफ़िल ए कहकशां  4 नुसरत फ़तेह अली खान दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए नुसरत फ़तेह अली खान साहब के रूहानी स्वर में एक जुदाई गीत. मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

"मुझे दो सालों तक राजेश रोशन से मिलने नहीं दिया गया" - गीतकार इब्राहीम अश्क

एक मुलाकात ज़रूरी है (9)  इब्राहीम अश्क  आ ज के हमारे मेहमान एक मशहूर शायर, एक लोकप्रिय गीतकार होने के साथ साथ एक अच्छे खासे अभिनेता भी हैं. सुपर स्टार ह्रितिक रोशन के सुपर स्टारडम में इनके गीतों का बेहद महत्वपूर्ण स्थान रहा है. "कहो न प्यार है". "क्यों चलती है पवन", "सितारों की महफ़िल में", "जादू जादू", "इट्स मेजिक" जैसे ढेर सारे सुपर डुपर हिट गीतों के रचेयता इब्राहीम अश्क साहब पधारे हैं आज हमारी बज़्म में. आईये उन्हीं से जानते हैं कि क्यों उन्होंने अपना तक्कलुस "अश्क" रखा, क्यों उन्हें दो सालों तक संगीतकार राजेश रोशन से मिलने से महरूम रहना पड़ा, क्यों ग़ालिब के किरदार को मंच पर जीवंत करने में उन्हें अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी, और क्यों अपने "मोहब्बत इनायत" जैसे कामियाब गीत के बावजूद उन्हें एक स्टार गीतकार बनने के लिए ९ सालों का इंतज़ार करना पड़ा.

राग रागेश्री : SWARGOSHTHI – 268 : RAG RAGESHRI

स्वरगोष्ठी – 268 में आज मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन -1 : मन्ना डे को जन्मदिन पर स्मरण ‘कौन आया मेरे मन के द्वारे पायल की झंकार लिये...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से हमारी नई श्रृंखला – ‘मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन’ का शुभारम्भ हो रहा है। यह श्रृंखला आप तक पहुँचाने के लिए हमने फिल्म संगीत के सुपरिचित इतिहासकार और ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी का भी सहयोग लिया है। आप सब संगीत-प्रेमियों का मैं कृष्णमोहन मिश्र अपने साथी सुजॉय चटर्जी के साथ श्रृंखला के प्रवेशांक में हार्दिक स्वागत करता हूँ। हमारी यह श्रृंखला फिल्म जगत के चर्चित संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित गीतों पर आधारित है। श्रृंखला के प्रत्येक अंक में हम मदन मोहन के स्वरबद्ध किसी राग आधारित गीत की और फिर उस राग की जानकारी देंगे। श्रृंखला की पहली कड़ी में आज हमने राग रागेश्री में उनका स्वरबद्ध किया, फिल्म ‘देख कबीरा रोया’ का एक गीत चुना है। इस गीत को पार्श्वगायक मन्ना डे ने स्वर दिया था। इस गीत को चुनने का एक कारण यह भी है कि