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फ़िल्मों में क्रिकेट खिलाड़ी - वर्ल्ड कप स्पेशल

वर्ल्ड कप स्पेशल    फ़िल्मों में क्रिकेट खिलाड़ी 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, आजकल क्रिकेट का बुखार हर छोटे-बड़े पर सवार है। विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेण्ट, जो कि क्रिकेट का सबसे लोकप्रिय टूर्नामेण्ट होता है, इन दिनों खेला जा रहा है। और भारत की पाकिस्तान, दक्षिन अफ़्रीका, वेस्ट इंडीज़, आयरलैण्ड और संयुक्त अरब अमीरात पर शानदार जीत के बाद भारतीयों के लिए यह टूर्नामेण्ट अब और भी ज़्यादा रोचक और रोमांचक हो उठा है। यूं तो ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ साहित्य, संगीत और सिनेमा की पत्रिका है, पर क्रिकेट के इस बुखार से हम भी नहीं बच सके हैं। तो आइए टीम इण्डिया को विजय की शुभकामनाएँ देते हुए आज के इस विशेष प्रस्तुति में जाने कि भारत के किन किन क्रिकेट खिलाड़ियों ने फ़िल्म जगत में अपना हाथ आज़माया है।  सि नेमा एक ऐसा माध्यम है जिससे हर कोई आकर्षित होता है। सिनेमा जहाँ एक तरफ़ आम दर्शकों को एक मायाबी संसार में ले जाता है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न व्यावसायों के प्रसिद्ध लोग इस क्षेत्र में अपनी क

"हैंगोवर तेरी यादों का..." - क्यों सोनू निगम नहीं गा सके इस गीत को?

एक गीत सौ कहानियाँ - 54   ‘ हैंगओवर  तेरी यादों का... ’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तंभ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 54 वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म 'किक' के मशहूर गीत "हैंगओवर तेरी यादों का" से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।  "चांदी की डाल पर सो

रंगोत्सव पर सुनिए चतुरंग : SWARGOSHTHI – 209 : CHATURANG

‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी पाठकों / श्रोताओं को रंगोत्सव के पर्व पर हार्दिक मंगलकामना   स्वरगोष्ठी – 209 में आज भारतीय संगीत शैलियों का परिचय : 7 : चतुरंग संगीत के चार अलंकरणों से सुसज्जित चतुरंग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर लघु श्रृंखला ‘भारतीय संगीत शैलियों का परिचय’ की एक और नवीन कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। पाठकों और श्रोताओं के अनुरोध पर आरम्भ की गई इस लघु श्रृंखला के अन्तर्गत हम भारतीय संगीत की उन परम्परागत शैलियों का परिचय प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आज भी पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे बीच उपस्थित हैं। भारतीय संगीत की एक समृद्ध परम्परा है। वैदिक युग से लेकर वर्तमान तक इस संगीत-धारा में अनेकानेक धाराओं का संयोग हुआ। इनमें से भारतीय संगीत के मौलिक सिद्धान्तों के अनुकूल जो धाराएँ थीं उन्हें स्वीकृति मिली और वह आज भी एक संगीत शैली के रूप स्थापित है और उनका उत्तरोत्तर विकास भी हुआ। विपरीत धाराएँ स्वतः नष्ट भी हो गईं। पिछली कड़ी से हमन