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एक गरम चाय की प्याली हो, और साथ में 'सिने पहेली' हो.....

सिने पहेली – 87 'सिने पहेली' के सभी प्रतियोगियों औ़र पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, दीपावली के जाते ही मौसम ने जैसे करवट ले ली है। सुबह की नर्म धूप और गुलाबी सर्दी, सुबह का अखबार, गरम चाय का प्याला, शनिवार छुट्टी का दिन, और सामने कप्यूटर पर 'सिने पहेली'। सप्ताहन्त का इससे सुंदर शुरुआत और क्या सकती है भला, है न! चलिये, फिर देर किस बात की, प्रस्तुत करते हैं आज की पहेली... आज की पहेली : अरे दीवानो, ये गाने पहचानो आज आपको पहचानने हैं दो गीत A और B। ये दोनों ही युगल गीत हैं लता जी के। दोनों के पुरुष स्वर अलग हैं। दोनों के गीतकार हैं आनन्द बक्शी और दोनों के ही संगीतकार हैं लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल। A के पुरुष गायक वो हैं जिनके करीयर के शुरुआती दौर में जयदेव और रवीन्द्र जैन जैसे संगीतकारों का योगदान रहा। B के पुरुष गायक वो हैं जो सलमान ख़ान के स्क्रीन वॉयस रह चुके हैं। A के नायक फ़िल्मों में तो नाम नहीं कमा सके, पर टेलीविज़न पर ज़रूर राज किया। A की नायिका भी टेलीविज़न धारावाहिक में दि

'चिंगम' चबा के आया गोरी तेरे प्यार में

सं गीतकार जोड़ी विशाल शेखर का अपना एक मुक्तलिफ़ अंदाज़ है. उनके गीतों में नयापन भी होता है और अपने ही किस्म की शोखी भी. अनजाना अनजानी , आई हेट लव स्टोरी  और स्टूडेंट ऑफ द ईयर के संगीत में हमें यही खूबी बखूबी नज़र आई थी. इस साल आई चेन्नई एक्सप्रेस में उनके गीत बेशक से कामियाब रहे पर उन्हें हम विशाल शेखर के खास अंदाज़ से नहीं जोड़ सकते. इसी कमी को पूरा करने के लिए ये जोड़ी लौटी है अपनी नई एल्बम गोरी तेरे प्यार में के साथ. आईये देखें क्या क्या लाये हैं विशाल शेखर अपने संगीत पिटारे में इस बार.  आइटम रानी ममता शर्मा और मिका सिंह की जोशीली आवाज़ में आया है पहला गीत टून ।  रिदम ऐसी है जो क़दमों को थिरकने पर मजबूर कर दे. ममता और मिका की आवाजों में पर्याप्त मस्ती और जोश है. निश्चित ही विशाल शेखर का निराला रूप जमकर बिखरा है इस शादी गीत में.  अदिति सिंह शर्मा और सनम पुरी है मायिक के पीछे, पार्टी गीत धत तेरे की में. शब्द कुछ आपत्तिजनक अवश्य हैं और गीत की मस्ती और रिदम जबरदस्त है. पार्टी का मूड हो, मन और तेवर कुछ बागी से हों तो ये नया गीत लगाएं और जम कर नाचिये. एक और विशाल शेखर ट्रे

खुशियों भरी दिवाली में गीतों की फुलझडियाँ

दो स्तों, हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि आप सब ने बेहद धूम धाम से दिवाली मनाई होगी, अपने अपने घरों में. चलिए एक बार फिर उन यादों को ताज़ा करें मीनू सिंह के साथ इस पोडकास्ट में जहाँ गीतों की लड़ियों से रोशन है आज की महफ़िल.

जुदा हो गयी सदा के लिए "लंबी जुदाई" देकर गायिका रेशमा

गायिका रेशमा को श्रद्धांजली "जो फूल यहाँ पर खिल न सके, वो फूल वहाँ खिल जायेंगे, हम इस दुनिया में मिल न सके तो उस दुनिया में मिल जायेंगे" - दोस्तों, कल सुबह जैसे ही गायिका रेशमा के निधन की ख़बर रेडियो पर सुनी तो उनके गाये इस गीत की पंक्ति जैसे कानों में बजने लगी। कहते हैं कि आवाज़ें सरहदों से आज़ाद हुआ करती हैं, रेशमा की आवाज़ भी एक ऐसी आवाज़ रही जिसने कभी भी सरहदों को नहीं माना। चाहे वो कहीं भी रहीं, उनकी आवाज़ ने दुनिया भर की फ़िज़ाओं में ख़ुशबू बिखेरी। उनकी आवाज़ मिट्टी की आवाज़ थी, जिसमें से मिट्टी की भीनी-भीनी सौंधी ख़ुशबू उड़ा करती।  रेशमा का जन्म यहीं भारत में, राजस्थान में हुआ था और उनका बचपन भी राजस्थान में ही बीता। राजस्थान, जिसकी सीमा पाक़िस्तान के सरहद के बहुत करीब है; आज़ादी के बाद देश के बटवारे के बाद रेशमा सरहद के उस पार चली गईं। रेशमा का ताल्लुख़ बंजारा समुदाय से था जो कभी एक जगह नहीं ठहरता। बंजारे यायावर की तरह भटकते रहते हैं, कभी घर नहीं बनाते, और हर बार नई मंज़िल की तलाश में निकल पड़ते हैं। रेशमा को गायिकी की प्रतिभा अपने समुदाय से विरासत में

दीपों के पर्व पर राग बागेश्री की चर्चा

स्वरगोष्ठी – 142 में आज रागों में भक्तिरस – 10 ‘मनमोहन श्याम सुन्दर रूप मनोहर सोहत अधर मुरलिया...’      ‘ रेडियो प्लेबैक इण्डिया ’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘ स्वरगोष्ठी ’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘ रागों में भक्तिरस ’ की दसवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र , ज्योतिपर्व दीपावली के शुभ अवसर पर आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों , अन्धकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देने वाला यह पर्व आप और आपके पूरे परिवार के लिए सुख-समृद्धि का कारक बने , हम यही कामना करते हैं। जारी श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपसे भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की आज की कड़ी में हम आपसे रात्रि के दूसरे प्रहर में गाये-बजाए जाने वाले राग बागेश्री की चर्चा करेंगे। आपके समक्ष इस राग के भक्तिरस-पक्ष को स्पष्ट करने के लिए हम तीन भक्तिरस से अभिप्रेरित रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। पहले आप सुनेंगे राग बागेश्री के स्वरों में एक बन्दिश , सुप्रसिद्ध गायिका

दीपावली की शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है आज की 'सिने पहेली'

सिने पहेली – 86 'सिने पहेली' के सभी प्रतियोगियों और पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, तथा ज्योति पर्व दीपावली पर 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की तरफ़ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें। यह पवित्र प्रकाश पर्व आप सभी के जीवन में सफलता, सम्पन्नता और शान्ति के लौ को प्रज्वलित करे, और आपके जीवन के हर अंधकार को मिटाये, ऐसी हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। साथ ही यह कामना करते हैं कि समाज को कुप्रथाओं और उग्रवाद के अंधकार से मुक्ति मिले, तथा ज्ञान से, परिश्रम से, और सच्चाई की राह पर चल कर हम सब इस धरती को स्वर्ग बनायें।  दोस्तों, हमें पता है कि दीपावली की तैयारियों में आप सब जुटे होंगे, इसलिए आज तो आपके पास बिल्कुल भी समय नहीं होगा पहेली को सुलझाने का, और न ही कल होगा क्योंकि कल ही तो दीवाली है। और न ही हम आप पर कोई दबाव डालेंगे; पर सोमवार से लेकर बृहस्पतिवार तक का समय भी काफ़ी है आज की पहेली को सुलझाने के लिए। तो तैयार हो जाइए आज की 'सिने पहेली' के लिए जो केन्द्रित है दीपावली पर केन्द्रित गीतों पर। आज की पहेली : मनाइ

बुलट राजा आये हैं तमंचे पे डिस्को कराने

त्यो हारों का मौसम गर्म है, यही वो समय होता है जब सभी नाम चीन सितारे जनता के दरबार में उतरते हैं अपने अपने मनोरंजन का पिटारा लेकर.  इस बार दिवाली पर हृतिक क्रिश का चोगा पहनेगें तो क्रिसमस पर अमीर धूम मचाने की तैयारी कर रहे हैं. शाहरुख, सलमान, अक्षय और अजय देवगन कुछ छुट्टी के मूड में थे तो उनकी कमी को भरने मैदान में उतरेगें शाहिद ( आर...राजकुमार ), इमरान ( गोरी तेरे प्यार में ) जैसे नए तीरंदाज़ तो सैफ ( बुलट राजा ) और सन्नी देओल ( सिंह साहेब द ग्रेट ) जैसे पक्के खिलाड़ी भी अपना जौहर लेकर दर्शकों के मनोरजन का पूरा इंतजाम रखेंगें. इन सभी फिल्मों के संगीत की हम बारी बारी चर्चा करेगें, तो चलिए आज जिक्र छेड़ते हैं सैफ अली खान और सोनाक्षी सिन्हा की बुलट राजा के सगीत की. तिन्ग्मान्शु धुलिया पान सिंह तोमर और साहेब बीवी और गैंगस्टर जैसी लीक से हटकर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, पर जहाँ तक बुलट राजा का सवाल है, ऐसा लग रहा है कि ये बॉलीवुड व्यावसायिक फिल्मों की तरफ मसालों से भरी पूरी होने वाली है. संदीप नाथ, कौसर मुनीर, शब्बीर एहमद और रफ़्तार के हैं शब्द और प्रमुख संगीतकार हैं साजिद वाज