Skip to main content

Posts

प्लेबैक इंडिया वाणी (१२) जोकर

संगीत समीक्षा - जोकर अक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा के अभिनय से सजी है फिल्म ‘जोकर’, जो आने वाले दिनों में प्रदर्शित होने वाली है. इस फिल्म का संगीत दिया है जी.वी.प्रकाश कुमार और गौरव दागावंकर ने. जी.वी.प्रकाश कुमार ए.आर.रहमान के भांजे हैं जिनकी बतौर संगीत निर्देशक यह पहली फिल्म है.सभी श्रोताओं को उनसे मधुरता की उम्मीद रहेगी. देखिये आपकी और हमारी अपेक्षाओं पर वः कितने खरे उतर पाते हैं. इस फिल्म के ६ गानों में से ५ का संगीत निर्देशन जी.वी.प्रकाश कुमार का है और एक गाना आया है गौरव के हिस्से में. अल्बम की शुरुआत होती है काफिराना गाने से. इस गाने का संगीत गौरव का है और आवाजें हैं सुनिधी चौहान और आदर्श शिंदे की.गाने के बोलों में हिन्दी , अंग्रेजी और मराठी का इस्तेमाल हुआ है. यह गाना पूरी मस्ती में सराबोर गाना है जिसमे ढोल का जमकर इस्तेमाल हुआ है. इस गाने को सुनकर महाराष्ट्र में गणपति महोत्सव के समय होने वाले डांस की याद आ जाती है. अगला गाना है जुगनू. इस गाने को गाया है उदित नारायण ने. गाना साधारण है पर उदित ने अपनी आवाज के द्वारा इसमें मिठास लाने की कोशिश करी है. गाना एक बार सुन

वर्षा ऋतु के रंग : मल्हार अंग के रागों के संग – समापन कड़ी

             स्वरगोष्ठी – ८४ में आज ‘चतुर्भुज झूलत श्याम हिंडोला...’ : मल्हार अंग के कुछ अप्रचलित राग व र्षा ऋतु के संगीत पर केन्द्रित ‘स्वरगोष्ठी’ की यह श्रृंखला विगत सात सप्ताह से जारी है। परन्तु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अब इस ऋतु ने भी विराम लेने का मन बना लिया है। अतः हम भी इस श्रृंखला को आज के अंक से विराम देने जा रहे हैं। पिछले अंकों में आपने मल्हार अंग के विविध रागों और वर्षा ऋतु की मनभावन कजरी गीतों का रसास्वादन किया था। आज इस श्रृंखला के समापन अंक में मल्हार अंग के कुछ अप्रचलित रागों पर चर्चा करेंगे और संगीत-जगत के कुछ शीर्षस्थ कलासाधकों से इन रागों में निबद्ध रचनाओं का रसास्वादन भी करेंगे। पण्डित सवाई गन्धर्व  मल्हार अंग का एक मधुर राग है- नट मल्हार। आजकल यह राग बहुत कम सुनाई देता है। यह राग नट और मल्हार अंग के मेल से बना है। इसे विलावल थाट का राग माना जाता है। इस राग में दोनों निषाद का प्रयोग होता है, शेष सभी स्वर शुद्ध प्रयुक्त होते हैं। इसका वादी मध्यम और संवादी षडज होता है। इसराज और मयूर वीणा-वादक पं. श्रीकुमार मिश्र के अनुसार इस राग के गायन-वादन में नट अ

जुड़िये 'सिने पहेली' से, और जीतिये 5000 रुपये का नकद इनाम...

सिने-पहेली # 33 (18 अगस्त, 2012)  'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का 'सिने पहेली' स्तंभ में। दोस्तों, एक और सप्ताह का समापन हुआ चाहता है। आजकल अधिकतर दफ़्तरों में शनिवार को छुट्टी होती है, पिछले पाँच दिनों की भागादौड़ी के बाद दो दिन मिलता है अपने लिए, अपने शौक पूरे करने के लिए, मनोरंजन के लिए। और तभी तो हम शनिवार की सुबह आपके लिए लेकर आते हैं 'सिने पहेली' का यह मज़ेदार खेल। हाँ, यह सच है कि इसमें ज़रा दिमाग़ पे ज़ोर डालना पड़ता है, पर इसमें भी एक मज़ा है और यकीनन इन पहेलियों को सुलझाते हुए आप रोज़-मर्रा के तनाव को थोड़ा कम कर पाते होंगे, ऐसा मेरा अनुमान है। 'सिने पहेली' का चौथा सेगमेण्ट जारी है, और इस सेगमेण्ट की तीसरी कड़ी है, अर्थात् 'सिने पहेली' की 33-वीं कड़ी। आज की पहेलियों को फेंकने से पहले हम दोहरा देते हैं कि किस तरह से आप बन सकते हैं 'सिने पहेली' के महाविजेता। कैसे बना जाए 'सिने पहेली महाविजेता? 1. सिने पहेली प्रतियोगिता में होंगे कुल 100