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२० अप्रैल- आज का गाना

गाना:  दिल की दुनिया बसा के साँवरिया चित्रपट:  अमरदीप संगीतकार: सी. रामचंद्र गीतकार: राजिंदर कृष्ण स्वर:  लता   (दिल की दुनिया बसा के साँवरिया)\-२ तुम न जाने कहां खो गये, खो गये साथ रहना था सारी उमरिया दूर नाज़रों से क्यों हो गये, हो गये जाने वाले (जाने वाले, पता तेरा मैं ने आती जाती बहारों से पूछा)\-२ (चुप रहे जब ज़मीन के नज़ारे आसमान के सितारों से पूछा)\-२ (सुन के बादल भी मेरी कहानी)\-२ बेबसी पर मेरी रो गये, रो गये दिल की दुनिया ... हँस रहा है (हँस रहा है ये ज़ालिम ज़माना अपनी खुशिय.ओन की महफ़िल सजाये)\-२ (मैं अकेली मगर रो रही हूँ तेरी यादों को दिल से लगाये)\-२ (बहते बहते ये आँसू भी हारे)\-२ आके पलकों पे सो गये,सो गये दिल की दुनिया ...

आर्टिस्ट ऑफ द मंथ - संगीतकार ऋषि एस

ऋषि एस रेडियो प्लेबैक के सबसे पुराने और स्थायी संगीतकार हैं, जो इस पूरे महीने आपसे मुखातिब रहेंगें आर्टिस्ट ऑफ द मंथ बनकर. वर्ष २००७ से वो निरंतर संगीत निर्माण में सक्रिय हैं. अभी हाल ही में उन्होंने सोनोरे यूनिसन के नाम से खुद का एक संगीत लेबल भी बनाया है जिसके माध्यम से वो अपने गीतों को डिजिटल रूप में अंतरजाल पर रिलीस कर रहे हैं. तो मिलिए हैदराबाद के ऋषि एस से और जानिये क्या है उनकी संगीत ऊर्जा का राज़, Over to Rishi S....

१९ अप्रैल- आज का गाना

गाना:  दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके चित्रपट: परदेस संगीतकार: नदीम श्रवण गीतकार: आनंद बक्षी स्वर: कुमार सानू दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके सबको हो रही है, खबर चुपके चुपके साँसों में बड़ी बेक़रारी, आँखों में कई रत जगे कभी कहीं लग जये दिल तो, कहीं फिर दिल न लगे अपन दिल मैं ज़रा थम लूँ जादु का मैं इसे नाम दूँ जादु कर रहा है, असर चुपके चुपके दो दिल मिल रहे हैं ... ऐसे भोले बन कर हैं बैठे, जैसे कोई बात नहीं सब कुच नज़र आ रहा है, दिन है ये रात नहीं क्या है, कुछ भी नहीं है अगर होंठों पे है खामोशी मगर बातें कर रहीं हैं नज़र चुपके चुपके दो दिल मिल रहे हैं ... कहीं आग लगने से पहले, उठता है ऐसा धुआँ जैसा है इधर का नज़ारा, वैसा ही उधर का समाँ दिल में कैसी कसक सी जगी दोनों जानिब बराबर लगी देखो तो इधर से उधर चुपके चुपके दो दिल मिल रहे हैं ...