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१९ फरवरी - आज का गाना

गाना:  सारंगा तेरी याद में, नैन हुए बेचैन चित्रपट: सारंगा संगीतकार: सरदार मलिक गीतकार: भरत व्यास गायक: मुकेश, रफ़ी मुकेश सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन मधुर तुम्हारे मिलन बिना दिन कटते नहीं रैन, हो~ सारंगा तेरी याद में ... वो अम्बुवा का झूलना, वो पीपल की छाँव घूँघट में जब चाँद था, मेहंदी लगी थी पांव हो, (आज उजड़के रह गया \- २) वो सपनों का गाँव, हो ... सारंगा तेरी याद में ... संग तुम्हारे दो घड़ी, बीत गये जो पल जल भरके मेरे नैन में, आज हुए ओझल हो, (सुख लेके दुःख दे गयीं \-२) दो अखियाँ चंचल, हो ... सारंगा तेरी याद में ... रफ़ी सारंगा तेरी याद में नैन हुए बेचैन मधुर तुम्हारे मिलन बिना दिन कटते नहीं रैन मधुबन के मधुकुंज में चलत बिरहा समीर बाट तकूँ तेरी मैं प्रिये जल जमुना के तीर

कोई ग़ज़ल सुनाकर क्या करना....कहा रफीक शेख ने

एक अनाम शायर की मशहूर गज़ल को सुरों में ढालकर पेश कर रहे हैं रफीक शेख. सुनिए इस ताज़ा प्रस्तुति को - कोई गज़ल सुनाकर क्या करना, यूँ बात बढ़ाकर क्या करना तुम मेरे थे, तुम मेरे हो, दुनिया को बता कर क्या करना दिन याद से अच्छा गुजरेगा, फिर तुम को भुला कर क्या करना....

१८ फरवरी - आज का गाना

गाना:  ओह रे ताल मिले नदी के जल में चित्रपट: अनोखी रात संगीतकार: रोशन गीतकार: इंदीवर गायक: मुकेश ओह रे ताल मिले नदी के जल में नदी मिले सागर में सागर मिले कौन से जल में कोई जाने ना ओह रे ताल मिले नदी के जल में ... अन्जाने होंठों पर ये (पहचाने गीत हैं - २) कल तक जो बेगाने थे जनमों के मीत हैं ओ मितवा रे ए ए ए कल तक ... क्या होगा कौन से पल में कोई जाने ना ओह रे ताल मिले नदी के जल में ... सूरज को धरती तरसे (धरती को चंद्रमा - २) पानी में सीप जैसे प्यासी हर आतमा ओ मितवा रे ए ए ए ए पानी में ... बूंद छुपी किस बादल में कोई जाने ना ओह रे ताल मिले नदी के जल में ...