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२१ जनवरी- आज का गाना

गाना:  छोटे-छोटे शहरों से चित्रपट: बंटी और बबली संगीतकार: शंकर-एहसान- लॉय गीतकार:  गुलज़ार गायक,गायिका:उदित नारायण, सुनिधी चौहान छोटे-छोटे शहरों से खाली भोर-दुपहरों से हम तो झोला उठाके चले बारिश कम-कम लगती है नदिया मद्धम लगती है हम समंदर के अंदर चले हम चले हम चले ओय रामचंद रे धड़क-धड़क धड़क-धड़क धुआँ उड़ाए रे धड़क-धड़क धड़क-धड़क सीटी बजाए रे धड़क-धड़क धड़क-धड़क धुआँ उड़ाए रे धड़क-धड़क धड़क-धड़क मुझे बुलाए रे ओ हो ज़रा रस्ता तो दो थोड़ा-सा बादल चखना है बड़ा-बड़ा कोयले से नाम फ़लक पे लिखना है चाँद से होकर सड़क जाती है उसी पे आगे जाके अपना मकान होगा हम चले हम चले ओय रामचंद रे हम वो चले सर पे लिए अंबर की ठंडी फुलकारियाँ हम ही ज़मीं हम आसमाँ खसमाँ नूँ खाए बाकी जहाँ चाँद का टीका मत्थे लगाके रात-दिन तारों में जीना-वीना ईज़ी नहीं हो हो हो हम चले हम चले ओय रामचंद रे

२० जनवरी- आज का गाना

गाना:  मोरे सैयां जी उतरेंगे पार हो चित्रपट: उड़न खटोला संगीतकार: नौशाद गीतकार:  शकील बदायूंनी गायिका: लता मंगेशकर मोरे सैयां जी उतरेंगे पार हो नदिया धीरे बहो हैय्या हो, हैय्या रे हैय्या, हैय्या हो हैय्या रे हैय्या हैय्या हो, हैय्या रे हैय्या, हैय्या हो मोरे सैंया जी ओ मोरे सैंया जी उतरेंगे पार हो नदिया धीरे बहो ओ मोरे सैंया जी ओ मोरे सैंया जी उतरेंगे पार हो नदिया धीरे बहो धीरे बहो धीरे धीरे, धीरे बहो नदिया हैय्या हो, हैय्या रे हैय्या, हैय्या हो चंचल धारा बहता पानी, बहता पानी हैय्या हो, हैय्या रे हैय्या, हैय्या हो जल थल नदिया हो, जल थल नदिया हैय्या हो, हैय्या रे हैय्या नाव पुरानी सर पे ठाड़ा मँझधार हो हैय्या रे हैय्या सर पे ठाड़ा मँझधार हो नदिया धीरे बहो मोरे सैंया जी ओ मोरे सैंया जी उतरेंगे पार हो नदिया धीरे बहो धीरे बहो धीरे धीरे, धीरे बहो नदिया हैय्या हो, हैय्या रे हैय्या, हैय्या हो हा आ आ आ आ आ आ आ ताल तलैया दुनिया माने, दुनिया माने हैय्या हो हैय्या मन का सागर कोऊ न जाने, कोऊ न जाने हैय्या हो हैय्या मैं जानूँ या मोरा यार हो है

१९ जनवरी- आज का गाना

गाना:  जोगिया से प्रीत किये दुःख होए चित्रपट: गरम कोट संगीतकार: अमरनाथ गीतकार:  मीरा बाई गायिका: लता मंगेशकर प्रीत किये दुःख होए, दुःख होए प्रीत किये दुःख होए जोगिया से प्रीत किये दुःख होए जोगिया से प्रीत किये दुःख होए प्रीत किये सुख, ना मोरी सजनी प्रीत किये सुख, ना मोरी सजनी जोगिया मीत ना कोए जोगिया से प्रीत किये दुःख होए जोगिया से प्रीत किये दुःख होए रैन दिवस कल नाहीं परत है रैन दिवस कल नाहीं परत है रैन दिवस कल नाहीं परत है तुम मिलिया बिन मोहे तुम मिलिया बिन मोहे ऐसी सूरत या जग माही ऐसी सूरत या जग माही फेर न देखी कोए फेर न देखी कोए जोगिया से प्रीत किये दुख होए जोगिया से प्रीत किये दुख होए मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे कब रे मिलोगे मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे मिलिया आनंद होए जोगिया से प्रीत किये दुख होए जोगिया से प्रीत किये दुख होए

"सैगल ब्लूज़" - सहगल साहब की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजली एक नए अंदाज़ में

कुंदनलाल सहगल को इस दुनिया से गए आज ६५ वर्ष हो चुके हैं, पर उनकी आवाज़ आज भी सर चढ़ के बोल रहा है। फ़िल्म 'डेल्ही बेली' में राम सम्पत और चेतन शशितल नें सहगल साहब को श्रद्धांजली स्वरूप जिस गीत की रचना की है, उसी की चर्चा सुजॉय चटर्जी के साथ, 'एक गीत सौ कहानियाँ' की तीसरी कड़ी में... एक गीत सौ कहानियाँ # 3 हिन्दी सिनेमा के प्रथम सिंगिंग् सुपरस्टार के रूप में कुंदनलाल सहगल के नाम से हम सभी भली-भाँति वाक़िफ़ हैं। फ़िल्म-संगीत की जब शुरुआत हुई थी, तब वह पूर्णत: शास्त्रीय, उप-शास्त्रीय और नाट्य संगीत से प्रभावित थी। कुंदनलाल सहगल और न्यु थिएटर्स के संगीतकारों नें फ़िल्म-संगीत को अपनी अलग पहचान दी, और जनसाधारण में अत्यन्त लोकप्रिय बनाया। जब भी कभी फ़िल्म-संगीत का इतिहास लिखा जाएगा, सहगल साहब का नाम सबसे उपर स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। सहगल साहब की आवाज़ और गायकी का ३० और ४० के दशकों में कुछ ऐसा क्रेज़ था कि अगली पीढ़ी के नवोदित गायक उन्हीं की शैली को अनुकरण कर संगीत के मैदान में उतरते थे। तलत महमूद, मुकेश और किशोर कुमार तीन ऐसे बड़े नाम हैं जिन्होंने अपनी शुरुआत सहगल

१८ जनवरी- आज का गाना

गाना:  नुक्तचीन है गम-ऐ -दिल चित्रपट: यहूदी की लड़की संगीतकार: पंकज मलिक गीतकार:  मिर्ज़ा ग़ालिब गायक: के.एल. सहगल नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने मैं बुलाता तो हूँ उसको मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल मैं बुलाता तो हूँ उसको मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल उस पे बन जाये कुछ ऐसी उस पे बन जाये कुछ ऐसी कि बिन आये न बने उस पे बन जाये कुछ ऐसी कि बिन आये न बने नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये बोझ वो सर से गिरा बोझ वोह सर से गिरा है, कि उठाये न उठे काम वो आन पड़ा है के बनाये न बने काम वो आन पड़ा है के बनाये न बने नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये इश्क़ पर ज़ोर नहीं इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब के लगाये न लगे के लगाये न लगे और बुझाये न बने के लगाये न लगे और बुझाये न बने नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये

१७ जनवरी- आज का गाना

गाना:  ओ जाने वाले बालमवा चित्रपट: रतन संगीतकार: नौशाद गीतकार:  दीना नाथ मधोक गायिका  , गायक: अमीरबाई कर्नाटकी, श्याम कुमार ओ जाने वाले बालमवा लौट के आ, लौट के आ जा मैं ना तेरा बालमवा बेवफ़ा बेवफ़ा आ, ओ जाने वाले बालमवा लौट के आ, लौट के आ जा मैं ना तेरा बालमवा बेवफ़ा बेवफ़ा तेरे बिन मेरा जिया लागे ना कहीं भी पिया हाय लागे ना याद नहीं छोड़े तेरी दुनिया अंधेरी मेरी अब जाऊँ कहाँ ओ दिल को ले करता है दर्द जिया लौट के आ, लौट के आ ओ दिल को ले करता है दर्द जिया लौट के आ, लौट के आ ओ जाने वाले बालमवा लौट के आ लौट के आ जा मैं ना तेरा बालमवा बेवफ़ा बेवफ़ा घड़ी-घड़ी पनघट पे आना झूठ-मूठ की प्रीत जताना मुझे याद है फिर और किसी से आँख मिलाना मुझसे आँख मिला कर जाना मुझे याद है झूठों से काहे बोलूँ जा री जा बेवफ़ा बेवफ़ा झूठों से काहे बोलूँ जा री जा बेवफ़ा बेवफ़ा आ, ओ जाने वाले बालमवा लौट के आ, लौट के आ जा मैं ना तेरा बालमवा बेवफ़ा बेवफ़ा

सिने-पहेली # 3

सिने-पहेली # 3 (16 जनवरी 2012) रेडियो प्लेबैक इण्डिया के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! दोस्तों, 'सिने-पहेली' की तीसरी कड़ी लेकर मैं हाज़िर हूँ। दोस्तों, पिछली दो कड़ियों के जो रेस्पॉन्स हमें cine.paheli@yahoo.com के पते पर मिले हैं, उनसे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आप इस नये स्तंभ को पसन्द कर रहे हैं। यूं तो सही जवाब कुछ ही प्रतिभागियों से मिले हैं, पर कुछ प्रतिभागी ऐसे भी हैं जिनके जवाब सही तो नही हैं पर उत्सुक्ता के साथ जिस तरह से आप इसके हिस्सेदार बन रहे हैं, यही एक सच्चे खिलाड़ी की पहचान है। टिप्पणी में ज़रूर बताइएगा कि यह स्तंभ आपको कैसा लग रहा है, और किस तरह के सुझाव आप देना चाहते हैं इसे और भी ज़्यादा मनोरंजक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक बनाने के लिए। चलिए, अब तैयार हो जाइए अपने-अपने फ़िल्मी ज्ञान को आज़माने के लिए, अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालने के लिए। आपको याद दिला दूँ कि इस स्तंभ में हर सप्ताह हम आपसे पाँच सवाल पूछते हैं, जिनका जवाब आपको हमें लिख भेजने होते हैं। हर सप्ताह पिछले सप्ताह के विजेताओं के नाम घोषित किए जाते हैं, और ५० अंकों के बाद 'मह