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खुशियाँ ही खुशियाँ हो....जीवन में आपके यही दुआ है ओल्ड इस गोल्ड टीम की

प्रेम किशन और श्यामली की आवाज़ बन कर येसुदास और बनश्री गीत का अधिकांश हिस्सा गाते हैं जबकि हेमलता रामेश्वरी की आवाज़ बन कर अन्तिम अन्तरा गाती हैं, वह भी थोड़े उदास या डीसेन्ट अन्दाज़ में। आइए आज गायिका बनश्री सेनगुप्ता की थोड़ी बातें की जाए। आज के इस गीत के अलावा उन्होंने किसी हिन्दी फ़िल्म में गाया है या नहीं, इस बात की तो मैं पुष्टि नहीं कर पाया, पर बंगला संगीत जगत में उनका काफ़ी नाम है और बहुत से सुन्दर गीत उन्होंने गाए हैं।

प्यार ज़िन्दगी है....आईये आज की शाम समर्पित करें अपने अपने प्यार के नाम

फ़िल्म के प्रस्तुत गीत की बात करें तो यह गीत सिर्फ़ इस वजह से ही ख़ास बन जाता है कि इसमें लता और आशा, दोनों की आवाज़ें मौजूद हैं, और दोनों की अदायगी का कॉन्ट्रस्ट भी बड़ा ख़ूबसूरत लगता है। एक तरफ़ आशा किसी क्लब डान्सर का प्लेबैक कर रही है और पाश्चात्य शैली में "लाहल्ला लाहल्ला हो या अल्लाह" गाती हैं, जबकि लता की आवाज़ सज रही है राखी पर जो एक अच्छे घर की सीधी-सादी, साड़ी पहनने वाली भारतीय नारी का रूप है। कोई ऐसी लड़की अगर इस गीत में अपनी आवाज़ मिलाएगी तो जिस तरह का अंदाज़ होगा, बिल्कुल वैसा ही लता जी नें गाया है।

२७ दिसम्बर - आज का कलाकार - सलमान खान - जन्मदिन मुबारक

क्या आपको याद है १९८९ का साल? एक फिल्म आयी थी मैंने प्यार किया और युवा लोगों के दिल और दिमाग पर छा गयी. इस फिल्म ने एक सितारे को जन्म दिया जिसका नाम है सलमान. 

जीना क्या अजी प्यार बिना ....जीवन में नहीं कुछ भी इसके सिवा दोस्तों

आशा भोसले, किशोर कुमार और साथियों की आवाज़ों में राहुल देव बर्मन की यह कम्पोज़िशन बनी थी मजरूह सुलतानपुरी के बोलों पर। १९८० की इस फ़िल्म में ऋषी कपूर और नीतू सिंह की हिट जोड़ी नज़र आई थी। वैसे यह फ़िल्म 'खेल खेल में', 'दूसरा आदमी', 'रफ़ू चक्कर' जैसी फ़िल्मों की तरह सुपरहिट तो नहीं थी और न ही फ़िल्म के अन्य गीतों नें लोगों के दिलों में कुछ ख़ास जगह बनाई, पर फ़िल्म का यह शीर्षक गीत ख़ूब चला था।

उठे सबके कदम....चूमने जीवन की छोटी छोटी खुशियों को

इस गीत का फ़िल्मांकन देखने के बाद सही में यह सवाल मन में उभरता है कि क्या ज़िंदगी में ख़ुश रहने के लिए बहुत बड़ी-बड़ी महंगी-महंगी चीज़ों का होना ज़रूरी है? अगर हम इन "बड़ी" ख़ुशियों को तलाशने लग जायेंगे तो शायद ख़ुशियाँ ही हमसे दूर होती चली जायें।

सुर संगम में आज- संगीत के सौ रंग बिखेरती पण्डित रामनारायण की सारंगी

गज-तंत्र वाद्यों में वर्तमान भारतीय वाद्य सारंगी, सर्वाधिक प्राचीन है। शास्त्रीय मंचों पर प्रचलित सारंगी, विविध रूपों और विविध नामों से लोक संगीत से भी जुड़ी है। प्राचीन ग्रन्थों में यह उल्लेख मिलता है कि लंका के राजा रावण का यह सर्वप्रिय वाद्य था। ऐसी मान्यता है कि रावण ने ही इस वाद्य का आविष्कार किया था। इसी कारण इसका एक प्राचीन नाम ‘रावण हत्था’ का उल्लेख भी मिलता है। आज के अंक में हम सारंगी और इस वाद्य के अप्रतिम वादक पण्डित रामनारायण के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करेंगे।

२५ दिसम्बर - आज के कलाकार - नौशाद, अटल बिहारी बाजपेयी, नगमा - जन्मदिन मुबारक

२५ दिसम्बर जन्मदिन है तीन लोगों का. नौशाद साहब,पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और हिन्दी तारिका नगमा का. अटल जी जितने अच्छे राजनीतिज्ञ हैं उतने ही बढ़िया कवि भी. उनकी कुछ कविताओं को जगजीत सिंह ने अपनी आवाज दी थी.