दूसरे सत्र के २४वें गीत का विश्वव्यापी उद्घाटन हिन्द-युग्म के १०वें गीत ' खुशमिज़ाज मिट्टी ' के बोलों ने आवाज़ के श्रोताओं पर सर चढ़कर बोला। यह ज़ादू किया था गौरव सोलंकी के गीत ने। गौरव सोलंकी जो हिन्द-युग्म के दूसरे यूनिकवि और पाठकों के सबसे प्रिय कवि भी हैं। आज हम जो २४वाँ गीत 'चाँद का आँगन' लेकर आये हैं, उसके बोल भी गौरव ने लिखे हैं। गीत को स्वरबद्ध किया है ग्वालियर निवासी कुमार आदित्य विक्रम ने। कुमार आदित्य विक्रम की आवाज़ में हमने इन्हीं के कवि पिता डॉ॰ महेन्द्र भटनागर की कविता का पॉडकास्ट प्रसारित किया था, तब ही आवाज़ की टीम ने यह जान लिया था कि इस संगीतकार-गायक के पास कविताओं को कम्पोज़ करने का हुनर है। इसलिए हमने सबसे पहले हमने इन्हें गौरव सोलंकी की कविता 'चाँद कला आँगन' कम्पोज करने के लिए दी। आइए सुनते हैं यह गीत- कुमार आदित्य गौरव सोलंकी When Hind-Yugm released its this session 10th song 'Khushmizaz Mitti' , the lyrics of this song had rocked. This magic was of Hind-Yugm's famous writer and poet Gaurav Solanki's creation. Now this