Skip to main content

Posts

Showing posts with the label waheeda Rehman

कोई ना रोको दिल की उड़ान को...

लता संगीत उत्सव की नई प्रस्तुति प्रस्तावना: लता दीदी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ। लता दीदी की प्रसंशा में बहुत कुछ कहा गया है। फिर भी तारीफें अधूरी लगती हैं। मैंने दीदी के लिए सही शब्द ढूँढ़ने की कोशिश की तो शब्दकोष भी सोच में पड़ गया। कहते है, "लोग तमाम ऊँचाइयों तक पहुँचे हैं...पर जिस मुकाम तक लताजी पहुँची हैं...वहाँ तक कोई नहीं पहुँच सकता..." दीदी से रु-ब-रु होने का सौभाग्य तो अब तक प्राप्त नहीं हुआ, पर दीदी के गीत हमेशा साथ रहते है। लता दीदी वो कल्पवृक्ष हैं जो रंग-बिरंगी मीठे मधुर मनमोहक गीत-रूपी फूल बिखीरती रहती है. दीदी के देशभक्ति गीत सुनकर हौसले बुलंद होते हैं, अमर गाथा सुनकर आखों में पानी भर आता है, लोरी सुन कर ममता का एहसास होता है, खुशी के गीत सुनकर दिल को सुकून मिलता है, दर्द-भरे नगमे दिल की गहराई को छू जाते हैं, भजन सुनकर भक्ति भावना अपने शिखर तक पहुँचती है, और प्रेम गीत सुनकर लगता है जैसे प्रेमिका गा रही हो. जब भी लताजी के गीत सुनता हूँ तो मेरा दिल तो कहने लगता है ... "आज फिर जीने की तम्मना है, आज फिर मरने का इरादा है..." "कोई ना रोको द